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एसकेआरएयूः कुलपति की पहल-राजुवास और एनआरसीसी के साथ किए ‘एमओयू’* *कृषि शिक्षा, प्रसार और अनुसंधान के होंगे साझा प्रयास*





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*एसकेआरएयूः कुलपति की पहल-राजुवास और एनआरसीसी के साथ किए ‘एमओयू’*
*कृषि शिक्षा, प्रसार और अनुसंधान के होंगे साझा प्रयास*
बीकानेर, 30 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार कार्यों में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं आइसीएआर संस्थानों के साथ साझा प्रयास किए जाएंगे। इस संबंध में सोमवार को विश्वविद्यालय द्वारा राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के साथ ‘एमओयू’ पर हस्ताक्षर किए गए।
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बताया कि समस्त विश्वविद्यालयों तथा आइसीएआर संस्थानों के संसाधनों, तकनीकों और मैनपावर का समुचित उपयोग कृषक और पशुपालकों के हित में हो, इसे ध्यान रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा सभी संस्थानों के साथ गत दिनों कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला के दौरान इन संस्थानों द्वारा कृषक कल्याण के लिए साझा प्रयासों की संभावनाओं पर मंथन किया गया। इसी क्रम में पहला कदम बढ़ाते हुए सोमवार को दो संस्थानों के साथ एमओयू किए गए। इनके अनुसार अब यह संस्थाएं एक-दूसरे के संसाधनों, तकनीकों, मैनपावर, पुस्तकालयों, प्रयोगशालाओं का उपयोग किसानों एवं पशुपालकों के कल्याण कार्यों के लिए कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जब सभी संस्थान एक साथ काम करेंगे, तो किसानों और पशुपालकों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने इन संस्थानों के सामाजिक जुड़ाव पर जोर दिया तथा कहा कि इन प्रयासों के अच्छे परिणाम सामने आएंगे।
*कृषि एवं पशुपालन हैं एक दूसरे के पूरक*
एसकेआरएयू और राजुवास के मध्य एमओयू राजुवास कुलपति सचिवालय में हुआ। इस दौरान राजुवास के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि कृषि एवं पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं। दोनों संस्थानों के साझा प्रयासों से अनुसंधान के दौरान आने वाली परेशानियां चिन्हित होंगी तथा उनका निराकरण हो सकेगा। वहीं एसकेआरएयू में एनआरसीसी के साथ एमओयू हुआ। एनआरसीसी निदेशक डाॅ. आर. के. सावल ने इस पहल को अनुकरणीय बताया। इस दौरान आइएबीएम निदेशक प्रो. एन. के. शर्मा तथा अधिष्ठाता स्नातकोतर शिक्षा प्रो. विमला डुकवाल मौजूद रहे।






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