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1 दिसंबर 2025 सोमवार
खबरों में बीकानेर
✒️@Mohan Thanvi
पब्लिक की परेशानी से इन्हें क्या...
राम रूठे पर राज नहीं
(युगपक्ष परिवार का धन्यवाद )
पब्लिक की परेशानी से इन्हें क्या...
राम रूठे पर राज नहीं
कहावतों के आइने - 2
- मोहन थानवी
अक्सर पब्लिक को नियमों के घेरे में मदद मिलती है लेकिन किसी-किसी को परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। समाधान की आशा के साथ सत्तासीन और शासन के कर्मवीरों तक परेशानी पहुंचाई जाती है मगर अधिकांश ऐसे मामलों में नतीजा ढाक के तीन पात ही रहता है। परेशान पब्लिक की गुहार से उन्हें कोई सरोकार ही महसूस नहीं होता। वे लोग तो नियमों और प्रक्रिया की बात कहते हुए पब्लिक की परेशानी से किनारा करके बैठे दिखाई देते हैं। जैसे कि सरकारी कर्मचारियों के लिए एक योजना है आरजीएचएस। इसमें एक प्रावधान किया गया है कि सरकारी नौकरी कर रही विवाहित बेटियां आर्थिक रूप से कमजोर अपने माता-पिता को भी इस योजना से जोड़ सकती हैं। यह बहुत ही अच्छा प्रावधान है लेकिन इसके तहत नियमों का ऐसा घेरा भी बना हुआ है जो की सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले लाभार्थी माता-पिता के लिए परेशानी का सबब बन जाता है । वे लाभार्थी राम के रूठ जाने से अस्वस्थ होने पर राज की तरफ से आरजीएस के तहत स्वास्थ्य संबंधित सुविधा तो प्राप्त कर लेते हैं लेकिन फिर राज रूठकर उनकी सामाजिक सुरक्षा पेंशन बंद कर देता है क्योंकि तब उनके जन आधार कार्ड में परिवार का सदस्य बिटिया सरकारी नौकरी की श्रेणी में अंकित हो जाती है। कतिपय प्रभावित परिवारों ने इस ओर संबंधित विभाग अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करवाया है किंतु अभी तक ऐसे परिवारों की परेशानी का समाधान सामने नहीं आ सका है। नियमों की विडंबना को सह रहे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की एक और परेशानी भी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल राजस्थान में विपक्ष के एक नेता ने राजस्थान में पंचायत व निकाय चुनाव समय पर नहीं हो पाने को मुद्दा बनाते हुए भाजपा सरकार की रीति-नीति पर सवालिया निशान लगाते और नियमों का हवाला देते हुए पब्लिक की परेशानी को कुछ यूं बयां किया है - हमने तो चेताया था कि चुनाव नहीं होंगे तो नियमों की मार से राज्य वित्त आयोग से पैसा नहीं मिलेगा, न ही भारत सरकार बजट फंड जारी कर सकेगी। उन नेता की जानकारी के मुताबिक केंद्र ने स्पष्ट गाइडलाइन के आधार पर फंड रोक दिया क्योंकि बिना चुने हुए जनप्रतिनिधियों के पंचायतों को पैसा जारी नहीं किया जा सकता। इससे योजनाएं सब ठप पड़ी हैं। जनता परेशान है। प्रभावित लोग तो यही कह रहे हैं राम रूठे पर राज न रूठे।





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