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मंत्री की वाट, चाटुकार, पीड़ा, धुआं और सीनियर झंवर ने मचा रखी सनसनी sab khair... mukes puniya

खबरों में बीकानेर





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मंत्री की वाट, चाटुकार, पीड़ा, धुआं और सीनियर झंवर ने मचा रखी सनसनी sab khair... mukes puniya










 















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मंत्री की वाट, चाटुकार, पीड़ा, धुआं और सीनियर झंवर ने मचा रखी सनसनी
*सब खैरियत है.........मुकेश पूनिया*
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*सीनियर झंवर ने मचा रखी सनसनी*
 बीते विधानसभा चुनावों में नोखा से बीकानेर पूर्व सीट पर दस्तक देकर सनसनी मचा चुके सिनियर झंवर अभी सनसनीखेज बने हुए है। ताजा सियासी दौर में उन्होने नगर विकास न्यास चैयरमेनशीप की दावेदारी से बीकानेर के कांग्रेसी हल्कों में जोरदार सनसनी मचा रखी है । इनकी दावेदारी के सामने पस्त हो चुके कांग्रेस के तमाम दिग्गज दावेदार एकजुट होकर हायतौबा मचा रहे है,फिर दावेदार की पार पड़ती नजर नहीं आ रही है। जानकारों की मानें तो मौके का फायदा उठाने में माहिर सिनियर झंवर का सियासी रवैया ऐसा चत्मकारी है कि वो कब बाजी मार ले जाये किसी को पता भी नहीं चलने देते। अब नगर विकास न्यास की गोल्डन चैयर हासिल करने के लिये उन्होने कौनसा दाव आजमाया है,यह सबकी समझ से बाहर है । हालांकि अभी तक हमारे सिनियर झंवर की न्यास चैयरमेन के रूप में ताजपोशी नहीं हुई है लेकिन नोखा से उठ रही उनके जयकारों की गूंज ने बीकानेर वाले कांग्रेसी धूरधंरों की हवाईया उड़ा रखी है । मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*कांग्रेसियों ने लगा दी प्रभारी मंत्री की वॉट*
पहली बार बीकानेर आये जिले के प्रभारी मंत्री का गर्मजोशी के साथ स्वागत सत्कार के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनकी ऐसी वॉट लगाई कि पूछो मत! हालांकि प्रभारी मंत्री यहां महारैली की तैयारियों के सिलसिलें में आये थे,लेकिन पहले से भरे पड़े कांग्रेसियों ने अपनी सारी भड़ास उनके सामने निकाल दी। कई कांग्रेसी तो मुखरित होकर बोल गये कि जब नेताओं के स्वागत और पार्टी की रैलियों में भीड जुटाने का काम पड़ता है तो सबको कार्यकर्ता याद आ जाते है और जब सत्ता और संगठन में नियुक्तियों दौर शुरू होता तो कोई पूछता नहीं है। कई भडक़े हुए कांग्रेसी यह कहने से भी नहीं चुके है कि हम सत्तारूढ पार्टी के कार्यकर्ता जरूर है लेकिन ना तो मंत्री हमारी सुनवाई करते,ना ही प्रशासन के अफसर। कार्यकर्ताओं का भडक़ा हुआ मिजाज भांपकर प्रभारी मंत्री की बोलती भी बंद हो गई। वे यह कहकर निकल लिये कि मैं तो यहां नया आया हूं,अपनी पीड़ा पुराने वालों को सुनाओ। अब प्रभारी जी को कौन बताये कि कार्यकर्ताओं की पीड़ा ही पुराने वाले है,जो पहले दो थे और अब तीन हो गये है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*कांटो के ताज वाले मंत्री की पीड़ा*
 मंत्री मंडल में फेरबदल से बीकानेर वाले अनुभवी मंत्रीजी को कांटों के ताज वाला विभाग मिलने से बाद सियासी हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं । मंत्रीजी जिस विभाग को खुद के लिये कांटों का ताज बता रहे है,यह वहीं विभाग है जिसके कारण सालों पहले इन्हे अपने ही गृहनगर में घौर आलोचनाओं की पीड़ा भोगने के बाद दस साल का सियासी वनवास भोगना पड़ा था। सियासी जानकार तो अब यह कहने से भी नहीं चूक रहे कि कांटों के ताज वाला विभाग सौंप कर सीएम सॉब ने बीकानेर वाले मंत्रीजी के पर कतर दिये है। वहीं सियासी भविष्यवक्ताओं का आंकलन है कि मंत्रीजी के लिये यह विभाग शुभ नहीं है। ऐसे में मंत्रीजी को अभी से अपने राजनैतिक भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*निर्दलीय खेमें में उठ रहा धुआं*
गहलोत सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सरकार को समर्थन निर्दलीय मंडली के तेरह विधायकों में से किसी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है । सबकों पता है कि गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट में निर्दलीय मंडली ने ही सशक्त भूमिका निभाई थी। संकट टलने के बाद गहलोत ने भी दावा किया था कि साथ निभाने वालों को सत्ता का मेवा खिलाऊंगा,ऐसे में तमाम निर्दलीय मंत्री बनने के सपने संजोए बैठे थे। इनमें संयम लोढ़ा, बाबूलाल नागर और महादेव सिंह खंडेला का नाम तो सबसे टॉप में रहा। लेकिन सत्ता के जादूगर ने निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में मौका नहीं दिया। हालांकि इनमें से कई विधायकों को सलाहकार का झुनझुंना थमाया गया है लेकिन इसके भी अभी लीगल आदेश जारी नहीं हुए है। इसके कारण निर्दलीय मंडली में खूब धंूआ उठ रहा है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*धर्मसंकट में हमारे कांग्रेसी चाटूकार*
 प्रदेश की सत्ता में तीन मंत्री बनने के बाद बीकानेर की कांग्रेसी मंडली के चाटूकार धर्मसंकट में फंस गये है। अब तीनों ही मंत्री प्रभावशाली है,इसलिये सबके स्वागत सत्कार और जयकारें के लगाने के लिये पहुंचना चाटूकारों की मजबूरी है । चाटूकार भी किसी भी मंत्री को नाराज नहीं कराने चाहते है,इसलिये उनके स्वागत सत्कार में बढ़चढ़ कर अपनी परफोर्मेस दिखा रहे है। इधर मीडिया वाले इन चाटूकारों की मजबूरी के मजे लेने का कोई मौका नहीं चूक रहे। ऐसे में माना जा रहा है कि गुटबाजी के फेर में फंसे मंत्रियों और नेताओं की चक्करबाजी ने चाटूकारों के लिये धर्मसंकट खड़ा कर दिया है। वैसे परेशानी तो हमारे प्रशासन और पुलिस वालों की भी बढ़ गई है । उनसे पहले ही दो मंत्री संभल नहीं रहे थे,अब तीन को संभालना पड़ेगा । मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*भीड़ जुटाकर दिखाई अपनी ताकत*
 कैबिनेट मंत्री का सेहरा पहनने के बाद बीते दिनों जब खाजूवाला जी पहली बार बीकानेर आये तो उन्होने अपने स्वागत में भारी भीड़ जुटा कर विरोधी लॉबी को दिखा दिया वह भी तगड़े रूतबेदार है। उनकी तर्ज पर कोलायतजी ने अपने स्वागत सत्कार में खूब दमखम दिखाया। उन्होने तो बीकानेर आने से पहले सिपाहासालारों को मैसेज करवा दिया कि स्वागत जुलुस की भीड़ में कोई कमी नहीं होनी चाहिए है। सिपाहासालारों ने भी स्वागत जुलुस में भीड़ जुटाकर मंत्रीजी का रूतबा बढ़ा दिया। दोनों के जुलुसों में भारी भीड़ का आलम देखकर इनके विरोधी गुटों मे धूंए उठते नजर आये। दोनों के बाद उम्मीद थी कि तीसरे वाले मंत्रीजी भी धूमधड़ाके के साथ आयेगें,इसके लिये उनके चाटूकारों ने पुख्ता बंदोबश्त भी कर लिया था। लेकिन नया विभाग मिलने के बाद अभी तक बीकानेर की तरफ रूख नहीं किया है। पता चला है कि नये विभाग की पुरानी पीड़ा होने के कारण अनुभवी मंत्रीजी थोड़े मायूस है इसलिये ज्यादा धूमधड़ाका दिखाने के मूंड में नहीं है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।





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