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संतों के सान्निध्य और वेद मंत्रों की गूंज के बीच ‘मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी’ अभियान शुरू संस्कृत विद्यालय को सौंपे 125 सैट कुर्सी-टेबल, कम्प्यूटर, अलमारियां और बच्चों के खिलौने दान-पुण्य और परोपकार बीकानेर के कण-कण में विद्यमानः विधायक व्यास






-संतों के सान्निध्य और वेद मंत्रों की गूंज के बीच ‘मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी’ अभियान शुरू

संस्कृत विद्यालय को सौंपे 125 सैट कुर्सी-टेबल, कम्प्यूटर, अलमारियां और बच्चों के खिलौने

दान-पुण्य और परोपकार बीकानेर के कण-कण में विद्यमानः विधायक व्यास


*खबरों में बीकानेर*




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संतों के सान्निध्य और वेद मंत्रों की गूंज के बीच ‘मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी’ अभियान शुरू

संस्कृत विद्यालय को सौंपे 125 सैट कुर्सी-टेबल, कम्प्यूटर, अलमारियां और बच्चों के खिलौने

दान-पुण्य और परोपकार बीकानेर के कण-कण में विद्यमानः विधायक व्यास

बीकानेर, 17 अक्टूबर। संतों के सान्निध्य और वेद मंत्रों की गूंज के बीच रानी बाजार स्थित राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय परिसर में ‘मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी अभियान’ गुरुवार को शुरू हुआ। 

इस दौरान भामाशाहों द्वारा विद्यालय को 125 सैट टेबल-कुर्सियां, चार अलमारियां, एक कम्प्यूटर सैट मय प्रिंटर-यूपीएस तथा बच्चों के खिलौने भेंट किए गए।


बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास की पहल पर शुरू अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में शिवबाड़ी महंत स्वामी विमर्शानंद और बाल संत छैल बिहारी का सान्निध्य रहा।

 समारोह में भामाशाह श्रीकिशन मूंधड़ा, श्री श्याम सुंदर सोनी और श्री सुरेन्द्र जैन मौजूद रहे। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने की। संतों और विधायक सहित समस्त अतिथियों ने भेंट की जाने वाली सामग्री का पूजन किया और यह सामग्री स्कूल प्राचार्य को सौंपी।


इस अवसर पर विधायक ने कहा कि मेरी मातृभूमि-मेरी जिम्मेदारी अभियान भामाशाहों, दानदाताओं और प्रवासी बीकानेर वासियों को जोड़ने का प्रकल्प है। जिससे वे अपनी मातृभूमि के महत्व को समझकर शहर के विकास में योगदान दें। 

उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रोत्साहन की जरूरत बताई और कहा कि संस्कृति एवं संस्कार को बचाने के लिए संस्कृत को अपनाना जरूरी है।


अध्यक्षता करते हुए द्वारका प्रसाद पचीसिया ने कहा कि अभियान के लिए देशभर के भामाशाहों और प्रवासी नागरिकों से संपर्क किया जा रहा है। आने वाले दिनों में सभी को बीकानेर आमंत्रित किया जाएगा तथा प्रवासी सम्मेलन का आयोजन होगा।


विद्यालय प्राचार्य डाॅ. उषा सारस्वत ने स्वागत उद्बोधन दिया। संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी डाॅ. किशन लाल उपाध्याय और महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. महावीर प्रसाद सारस्वत ने विचार व्यक्त किए। अभियान के कार्य चिन्हीकरण प्रकोष्ठ प्रभारी राजेश चूरा ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन गोपाल जोशी और शकुंतला जोशी ने किया।


इससे पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। विद्यार्थियों ने स्वस्ति वाचन किया और विभिन्न वेद मंत्रों की प्रस्तुति दी।


इस दौरान बड़ी संख्या में भामाशाह, स्कूल स्टाफ और बच्चे मौजूद रहे।

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