🖍️वित्त सचिव रहे अरविंद मायाराम पर आरोप, एफआईआर दर्ज
-सीबीआई ने की छापेमारी, नियमों का उल्लंघन करने का लगा आरोप-
कंपनी को पेटेंट 2011 में मिला था
औरों से हटकर
सबसे मिलकर
Home / Bikaner / Latest / Rajasthan / Events / Information
© खबरों में बीकानेर
https://bahubhashi.blogspot.com
https://bikanerdailynews.com
®भारत सरकार UDAYAM REGISTRATION NUMBER RJ-08-0035999
-... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें... -
- वित्त सचिव रहे अरविंद मायाराम पर आरोप, एफआईआर दर्ज
सीबीआई ने की छापेमारी, नियमों का उल्लंघन करने का लगा आरोप
कंपनी को पेटेंट 2011 में मिला था
नई दिल्ली । भारतीय करेंसी नोट छापने के लिए दिये जाने वाले ठेके में गड़बड़ी के आरोप में पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम के खिलाफ सीबीआई का शिकंजा कस गया है। सरकार की ओर से जरूरी अनुमति मिलने के बाद मंगलवार को सीबीआई अरविंद मायाराम समेत वित्त मंत्रालय, आरबीआई और ब्रिटिश कंपनी डे ला रू के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
सच्चाई यह है कि कंपनी ने ठेका मिलने के तीन महीने पहले ही पेटेंट के लिए आवेदन किया था, जिसका प्रकाशन 2009 में हुआ और 2011 में पेटेंट प्रदान किया गया।
-
... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें...
--
--
... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें...
--
... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें...
-आरबीआई और सिक्यूरिटी प्रिंटिंग एंड मिल्टिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने वित्त मंत्रालय को इस बारे में सचेत किया था, लेकिन वित्त सचिव के रूप में अरविंद मायाराम इसे वित्त मंत्री के सामने पहुंचने ही नहीं दिया और पांच साल मायाराम के घर पहुंची सीबीआई का कॉंट्रैक्ट खत्म होने के बाद भी उसे बार-बार विस्तार दिया-
--
... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें...
--
-सीबीआई ने गुरुवार को अरविंद मायाराम के दिल्ली और जाता रहा। जयपुर स्थित घर की तलाशी ली। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्रिटिश कंपनी डे ला रू को भारतीय करेंसी की छपाई में उपयोग किये जाने के लिए हरा से नीला रंग बदलने वाले विशेष सिक्यूरिटी थ्रेड का ठेका दिये जाने की शिकायत 2017 में ही वित्त मंत्रालय से मिली थी और उसके आधार पर प्रारंभिक जांच का केस दर्ज किया गया था। प्रारंभिक जांच में शिकायत के सही पाए जाने के बाद सीबीआई ने वित्त मंत्रालय के सक्षम अधिकारी से एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी, जिसके मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कर ली गई। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, 2004 में डे ला रू ने यह दावा करते हुए आरबीआई के साथ रंग बदलने वाले थ्रेड सप्लाई का ठेका पांच साल के लिए हासिल किया। यह उसने सिर्फ भारत के लिए विशेष रूप से बनाया है और इसका पेटेंट उसके पास है।-
... खबर और है। 👇नीचे पढ़ें...
--
-मायाराम ने बढ़ाया था कांट्रैक्ट
सीबीआई की एफआईआर में यह बताया गया है कि ला रू का कांट्रैक्ट 2012 में खत्म हो जाने के पांच महीने बा अरविंद मायाराम ने इसे तीन साल के लिए बढ़ा दिया। जबकि वित्त मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों ने इसके बारे में अरविं मायाराम को सचेत भी किया था। यही नहीं, एक बार कांट्रैक् खत्म हो जाने के बाद उसे आगे बढ़ाने के लिए गृह मंत्रालय क सिक्यूरिटी क्लीयरेंस भी जरूरी होता है, लेकिन अरवि मायाराम ने वह नहीं लिया। सीबीआई की प्रारंभिक जांच खुलासा हुआ कि डे ला रू की ओर से कांट्रैक्ट पर हस्ताक्ष करने वाले अनिल रघबीर को कंपनी से मिलने वाले पारिश्रमिक के अलावा भी कंपनी के आफशोर इंटीटीज से 8.2 करोड़ रुपये भेजे गए थे। सीबीआई अब इन सभी कड़ियों की जांच करने जुट गई है।-
... खबरें और भी हैं। 👇नीचे पढ़ें...
write views