खबरों में बीकानेर 🎤 🌐
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बीकानेर, 9 जनवरी। ऐतिहासिक सूरसागर में गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का भव्य आग़ाज जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने किया । बीकानेर के निवासी और बाहर से आए हुए सैलानी इस आयोजन के साक्षी बने।
सितारे सूरसागर में
कार्यक्रम की शुरूआत शंखनाद से की गई, इसके बाद बीकानेर के समृद्ध इतिहास और इस धरा के लिए ऊंटों के महत्व और यहां अयोजित होने वाले ऊंट उत्सव को दर्शाती लेजर और बीम लाईटों तथा बेहतरीन साउण्ड के द्वारा की गई रंगारंग प्रस्तुति से पूरा वातावरण जोश से लबरेज हो उठा। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम द्वारा लेजर लाइट एंड साउंड सिस्टम के कार्यक्रम के घोषणा के साथ ही जब लेजर लाइट के माध्यम से बीकानेर के 500 साल पुराने इतिहास को लाईट और साउंड सिस्टम के माध्यम से प्रदर्शित किया । वहां उपस्थित लोगों ने अपने-अपने मोबाईल फोन्स सेे इन पलों को अपने कैमरों में कैद किया तब मोबाइल की लाइटें सूरसागर के पानी में झिलमिलाई और सितारों का - सा नजारा दिखा।
पिन ड्रॉप साइलेंट हो गए लोग
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बीकानेर की मानसी पवार ने भवाई नृत्य की प्रस्तुति दी। उनकी इस शानदार प्रस्तुति को सभी दर्शक सराह ही रहे थे, कि घोषण हुई कि अब मानसी अपने सर पर चरी लेकर कांच के टुकड़ों पर डांस करेगी और सब लोग कांच के चटपटाने की आवाज सुनें। इस घोषणा के बाद कला प्रेमियों ने सांस थाम कर मानसी को उन कांच के टुकड़ों पर नृत्य करते हुए देखा भी और मानसी के पांव के नीचे आने वाले कांच के टुकड़ों की आवाज भी सुनी।
कार्यक्रम के दौरान जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि बीकानेर कला संस्कृति का एक समृद्ध शहर है। यहां की हवेली की स्थापत्य कला और विशेषकर गीत और नृत्य कला अपने आप में एक मिसाल है। हम सब लोगों को अपनी इस धरोहर को संजोए रखने में अपना योगदान करना चाहिए। वैसे बीकानेर के भाईचारे और बीकानेर की विभिन्न कलाओं ने देश ही नहीं, पूरे विदेश में अपनी पहचान बना रखी है। उन्होंने कहा कि बीकानेर वासियों के लिए यह एक सौगात है, जो कला व संस्कृति को समर्पित है।
ये हुई प्रस्तुतियां
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर शाम को यादगार बना दिया। बीकानेर के इतिहास में पहली बार पानी के अंदर बने मंच पर स्थानीय कलाकारों ने उत्सव के पहले दिन अपनी शानदार प्रस्तुतियों के माध्यम से रोमांचक बना दिया।
कार्यक्रम का आगाज असगर खां एंड पार्टी ने पधारो म्हारे देश और दमा दम मस्त कलंदर जैसे गीत के साथ किया, दर्शकों ने इसे खूब सराहा। कालबेलिया नृत्य से राजस्थान की लोक संस्कृति का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। खालसा ग्रुप द्वारा भंगड़ा नृत्य की शानदार प्रस्तुति हुई। बीबू खां एण्ड पार्टी कीे सूफी संगीत की प्रस्तुति ने समां बांध दिया। इस कार्यक्रम में पहली बार बन्नाटी नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में नगर विकास न्यास के सचिव मीणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी अभिषेक सुराणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुश्री सुनीता चौधरी, उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन रवींद्र हर्ष, संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित, ज्योति प्रकाश रंगा और गणेश कलवाणी ने किया।
प्रस्तुति -✍️ मोहन थानवी
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बीकानेर, 9 जनवरी। ऐतिहासिक सूरसागर में गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का भव्य आग़ाज जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने किया । बीकानेर के निवासी और बाहर से आए हुए सैलानी इस आयोजन के साक्षी बने।
सितारे सूरसागर में
कार्यक्रम की शुरूआत शंखनाद से की गई, इसके बाद बीकानेर के समृद्ध इतिहास और इस धरा के लिए ऊंटों के महत्व और यहां अयोजित होने वाले ऊंट उत्सव को दर्शाती लेजर और बीम लाईटों तथा बेहतरीन साउण्ड के द्वारा की गई रंगारंग प्रस्तुति से पूरा वातावरण जोश से लबरेज हो उठा। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम द्वारा लेजर लाइट एंड साउंड सिस्टम के कार्यक्रम के घोषणा के साथ ही जब लेजर लाइट के माध्यम से बीकानेर के 500 साल पुराने इतिहास को लाईट और साउंड सिस्टम के माध्यम से प्रदर्शित किया । वहां उपस्थित लोगों ने अपने-अपने मोबाईल फोन्स सेे इन पलों को अपने कैमरों में कैद किया तब मोबाइल की लाइटें सूरसागर के पानी में झिलमिलाई और सितारों का - सा नजारा दिखा।
पिन ड्रॉप साइलेंट हो गए लोग
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बीकानेर की मानसी पवार ने भवाई नृत्य की प्रस्तुति दी। उनकी इस शानदार प्रस्तुति को सभी दर्शक सराह ही रहे थे, कि घोषण हुई कि अब मानसी अपने सर पर चरी लेकर कांच के टुकड़ों पर डांस करेगी और सब लोग कांच के चटपटाने की आवाज सुनें। इस घोषणा के बाद कला प्रेमियों ने सांस थाम कर मानसी को उन कांच के टुकड़ों पर नृत्य करते हुए देखा भी और मानसी के पांव के नीचे आने वाले कांच के टुकड़ों की आवाज भी सुनी।
कार्यक्रम के दौरान जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि बीकानेर कला संस्कृति का एक समृद्ध शहर है। यहां की हवेली की स्थापत्य कला और विशेषकर गीत और नृत्य कला अपने आप में एक मिसाल है। हम सब लोगों को अपनी इस धरोहर को संजोए रखने में अपना योगदान करना चाहिए। वैसे बीकानेर के भाईचारे और बीकानेर की विभिन्न कलाओं ने देश ही नहीं, पूरे विदेश में अपनी पहचान बना रखी है। उन्होंने कहा कि बीकानेर वासियों के लिए यह एक सौगात है, जो कला व संस्कृति को समर्पित है।
ये हुई प्रस्तुतियां
कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर शाम को यादगार बना दिया। बीकानेर के इतिहास में पहली बार पानी के अंदर बने मंच पर स्थानीय कलाकारों ने उत्सव के पहले दिन अपनी शानदार प्रस्तुतियों के माध्यम से रोमांचक बना दिया।
कार्यक्रम का आगाज असगर खां एंड पार्टी ने पधारो म्हारे देश और दमा दम मस्त कलंदर जैसे गीत के साथ किया, दर्शकों ने इसे खूब सराहा। कालबेलिया नृत्य से राजस्थान की लोक संस्कृति का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया। खालसा ग्रुप द्वारा भंगड़ा नृत्य की शानदार प्रस्तुति हुई। बीबू खां एण्ड पार्टी कीे सूफी संगीत की प्रस्तुति ने समां बांध दिया। इस कार्यक्रम में पहली बार बन्नाटी नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम में नगर विकास न्यास के सचिव मीणा, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी अभिषेक सुराणा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुश्री सुनीता चौधरी, उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन रवींद्र हर्ष, संजय पुरोहित, किशोर सिंह राजपुरोहित, ज्योति प्रकाश रंगा और गणेश कलवाणी ने किया।
प्रस्तुति -✍️ मोहन थानवी
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