Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

राष्ट्रीय संस्कृ​ति महोत्सव खूब जमा कवि सम्मेलन का रंग 'वीरता और राष्ट्रभक्ति की जगी अलख'













-

राष्ट्रीय संस्कृ​ति महोत्सव

खूब जमा कवि सम्मेलन का रंग

'वीरता और राष्ट्रभक्ति की जगी अलख'



-


...






औरों से हटकर
सबसे मिलकर

Home / Bikaner / Latest / Rajasthan / Events / Information

© खबरों में बीकानेर 

https://bahubhashi.blogspot.com
https://bikanerdailynews.com
®भारत सरकार UDAYAM REGISTRATION NUMBER RJ-08-0035999

*खबरों में...*🌐


🖍️

-- 

राष्ट्रीय संस्कृ​ति महोत्सव

खूब जमा कवि सम्मेलन का रंग

'वीरता और राष्ट्रभक्ति की जगी अलख'

बीकानेर, 4 मार्च। यहां डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में चल रहे 14वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में शनिवार शाम को जमे कवि सम्मेलन में आए कवियों और शायरों ने कविता के सभी रसों का खूबसूरत गुलदस्ता पेश किया। इन शब्दों के चितेरों ने अपनी खूबसूरत रचनाओं से श्रोताओं के मन पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। दोपहर की बारिश के बाद तपते बीकानेर को मौसम में कुछ ठंडक का शुमार होने से मिली राहत का असर यह रहा कि स्टेडियम में लोग उमड़ पड़े। 
अंतरराष्ट्रीय कवि एवं सुप्रसिद्ध मंच संचालक मनवीर मधुर ने ​जब यह कहा,
दुनिया में नमकीन यहाँ की चाहे खूब प्रसिद्ध रहे,
बीकानेर मगर करणी माता से जाना जाता है। तो, स्टेडियम तालियों से गूंज उठा। बहरहाल, कवि सम्मेलन में रीवा से आए सुप्रसिद्ध ओजस्वी कवि राधाकान्त पांडेय ने वीर रस की कविता... घास वाली रोटी खाके भी नहीं झुकाया शीश, महाराणा जैसा स्वाभिमान ले के आया हूं... सुनाकर हजारों दिलों में जोश भर दिया।
नोएडा से आए फिल्मी गीतकार चरणजीत चरण ने फ़क़त दिल ही नहीं, हमको मिलाकर हाथ चलना है, जहां तक भी चलोगे अब तुम्हारे साथ चलना है... पर खूब वाहवाही बटोर। 
गीतों की खूबसूरत दस्तक दी आगरा की अंतरराष्ट्रीय कवयित्री एवं गीतकार डॉ. रुचि चतुर्वेदी ने।
उन्होंने गजल कभी अनसुनी सी कोई धुन बजेगी, मेरे गीत भी याद आने लगेंगे... से तमाम शामयिन के मन के तार झंकृत कर दिए।
सुप्रसिद्ध पैरोड़ीकार एवं हास्य कवि पार्थ नवीन बौद्ध, जैन, सिक्ख, मुस्लिम, ईसाई, हिन्दू तू— साक्षी मलिक भी तू है और पी वी सिंधु तू... सुना एकता का जज्बा जगा दिया।
कवि नवल सुधांशु ने प्यार हो अब, ना कोई भी दंगा बने
इतनी पावन ये जन मन की गंगा बने... सुनाई।
डॉ.कलीम कैसर ने युगों युगों गूंजे ये नारा केवल इक दो सदी नहीं, भारत जैसा देश नहीं और गंगा जैसी नदी नहीं ... से राष्ट्रीयता की अलख जगा दी। राष्ट्रीय ओज कवि, मथुरा के डॉ. राजीव बटिया ने विनाशी क्रोध है पर प्रेम में वरदान बसता है।
हमारे सोच और जज्बे में हिंदुस्तान बसता है... सुनाकर श्रोताओं को जोश से भर दिया।

केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी सुनाई कविता

संस्कृति महोत्सव में कवि सम्मेलन के दौरान केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कवियों के साथ कविता का पाठ किया।
————————

--


Post a Comment

0 Comments