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जिनके ज़मीर जि़ंदा है जि़ंदा है वो शमीम
शमीम बीकानेरी को श्रद्धांजलि को अर्पित की गई
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. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸☑️*********🙏👍🙏 खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ✍️ ... 👇👇👇👇👇👇👇
जिनके ज़मीर जि़ंदा है जि़ंदा है वो शमीम
शमीम बीकानेरी को श्रद्धांजलि को अर्पित की गई
बीकानेर। प्रज्ञालय संस्थान बीकानेर की तरफ से बीकानेर
के मशहूर शाइर शमीम बीकानेरी को श दांजलि-श्रद्धांजलि अर्पित
की गई। महारानी सुदर्शन आर्ट गैलरी नागरी भंडार में रखे गए
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में समालोचक मालचंद तिवाड़ी ने शमीम
बीकानेरी के साथ अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वे
दोनों एक दूसरे की एक दूसरे से जिय़ादा इज़्ज़त करते थे। आप
ख़ूबी के साथ राजस्थानी श दावली को उर्दू शाइरी में प्रयोग करते
थे उनके जाने से उर्दू जगत में हुई कमी को पूरा नहीं किया जा
सकेगा। वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास 'विनोदÓ ने
शमीम बीकानेरी की शाइरी की ख़ूबीयां बताई और कहा कि वे
उर्दू शायरी के एक ऐसे शाइर थे जिन्होंने अपनी पूरी जि़ंदगी अदब
की सेवा में बिता दी। डॉ. श्रीलाल मोहता ने कहा कि वे अपना
नाम और काम से पहचाने जाते थे। आयोजक संस्था के कवि
कथाकार कमल रंगा ने उन्हें साझा संस्कृति के प्रतीक और साहित्य
एवं संस्कृति को पोषित करने वाला साहित्यकार बताया।
ज़ाकिर अदीब ने मुश्किल बहुत है आपके जाने के बाद
आज.... पंक्ति से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नंद किशोर सोलंकी
ने उन्हें अपनी शाब्दिक श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बिताए
समय के संस्मरण साझा किए। डॉ. मंजु कछावा ने कहा कि उनके
जाने से जो खालीपन आया है उसे भरना मुश्किल है। बुनियाद
ज़हीन, क़ासिम बीकानेरी, प्रमोद शर्मा, ज बार जज़्बी, पुखराज
सोलंकी, राजेंद्र जोशी, मो. इलियास, अविनाश व्यास, गिरधारी
दान रत्नू भी विचार रखे। माजिद ख़ान ग़ौरी ने उनके शेर सुनाए।
कार्यक्रम में मधुरिमा सिंह, नवनीत पांडे, आत्मा राम भाटी, अल्लाह
बक्श साहिल, शिवाजी आहूजा, मो. फ़ारूक़ चौहान, यासीन,
शमशेर ख़ान कायमखानी, घनश्याम सिंह ने उन्हें अपनी
श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके अलावा मधु आचार्य आशावादी, डॉ
सुलक्षणा दत्ता, डॉ. सतीश कच्छावा, डॉ. नमामि शंकर आचार्य,
योगेंद्र पुरोहित, किशन नाथ, आमान अहमद, सरताज हुसैन, पेन्टर
अल्ताफ़, चौधरी आबिद हसन, दीपचंद सांखला, उस्मान हारून,
आबिद पडि़हार ज बार बीकाणवी, किशननाथ, असद अली,
मोनिका गौड़, डॉ. तुलसीराम मोदी,मोहन थानवी ने उन्हें श्रद्धा से
याद किया। शकील ग़ौरी एंव रहमान बादशाह ने अपनी नज़्मों से
उन्हें श्रद्धांजलि दी।
जिनके ज़मीर जि़ंदा है जि़ंदा है वो शमीम
शमीम बीकानेरी को श्रद्धांजलि को अर्पित की गई
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जिनके ज़मीर जि़ंदा है जि़ंदा है वो शमीम
शमीम बीकानेरी को श्रद्धांजलि को अर्पित की गई
बीकानेर। प्रज्ञालय संस्थान बीकानेर की तरफ से बीकानेर
के मशहूर शाइर शमीम बीकानेरी को श दांजलि-श्रद्धांजलि अर्पित
की गई। महारानी सुदर्शन आर्ट गैलरी नागरी भंडार में रखे गए
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में समालोचक मालचंद तिवाड़ी ने शमीम
बीकानेरी के साथ अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि वे
दोनों एक दूसरे की एक दूसरे से जिय़ादा इज़्ज़त करते थे। आप
ख़ूबी के साथ राजस्थानी श दावली को उर्दू शाइरी में प्रयोग करते
थे उनके जाने से उर्दू जगत में हुई कमी को पूरा नहीं किया जा
सकेगा। वरिष्ठ साहित्यकार भवानी शंकर व्यास 'विनोदÓ ने
शमीम बीकानेरी की शाइरी की ख़ूबीयां बताई और कहा कि वे
उर्दू शायरी के एक ऐसे शाइर थे जिन्होंने अपनी पूरी जि़ंदगी अदब
की सेवा में बिता दी। डॉ. श्रीलाल मोहता ने कहा कि वे अपना
नाम और काम से पहचाने जाते थे। आयोजक संस्था के कवि
कथाकार कमल रंगा ने उन्हें साझा संस्कृति के प्रतीक और साहित्य
एवं संस्कृति को पोषित करने वाला साहित्यकार बताया।
ज़ाकिर अदीब ने मुश्किल बहुत है आपके जाने के बाद
आज.... पंक्ति से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। नंद किशोर सोलंकी
ने उन्हें अपनी शाब्दिक श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बिताए
समय के संस्मरण साझा किए। डॉ. मंजु कछावा ने कहा कि उनके
जाने से जो खालीपन आया है उसे भरना मुश्किल है। बुनियाद
ज़हीन, क़ासिम बीकानेरी, प्रमोद शर्मा, ज बार जज़्बी, पुखराज
सोलंकी, राजेंद्र जोशी, मो. इलियास, अविनाश व्यास, गिरधारी
दान रत्नू भी विचार रखे। माजिद ख़ान ग़ौरी ने उनके शेर सुनाए।
कार्यक्रम में मधुरिमा सिंह, नवनीत पांडे, आत्मा राम भाटी, अल्लाह
बक्श साहिल, शिवाजी आहूजा, मो. फ़ारूक़ चौहान, यासीन,
शमशेर ख़ान कायमखानी, घनश्याम सिंह ने उन्हें अपनी
श्रद्धांजलि अर्पित की। इनके अलावा मधु आचार्य आशावादी, डॉ
सुलक्षणा दत्ता, डॉ. सतीश कच्छावा, डॉ. नमामि शंकर आचार्य,
योगेंद्र पुरोहित, किशन नाथ, आमान अहमद, सरताज हुसैन, पेन्टर
अल्ताफ़, चौधरी आबिद हसन, दीपचंद सांखला, उस्मान हारून,
आबिद पडि़हार ज बार बीकाणवी, किशननाथ, असद अली,
मोनिका गौड़, डॉ. तुलसीराम मोदी,मोहन थानवी ने उन्हें श्रद्धा से
याद किया। शकील ग़ौरी एंव रहमान बादशाह ने अपनी नज़्मों से
उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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