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टेंशन फ्री ऐसे रहें : पीबीएम के कार्मिकों, मरीजों एवं उनके परिजनों को बताए टेंशन फ्री रहने के उपाय






- टेंशन फ्री ऐसे रहें : पीबीएम के कार्मिकों, मरीजों एवं उनके परिजनों को बताए टेंशन फ्री रहने के उपाय 


*खबरों में बीकानेर*




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टेंशन फ्री ऐसे रहें : पीबीएम के कार्मिकों, मरीजों एवं उनके परिजनों को बताए टेंशन फ्री रहने के उपाय 


बीकानेर, 8 अक्टूबर 2024 

मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग, पी.बी. एम. चिकित्सालय बीकानेर द्वारा आयोजित सात दिवसीय विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के पांचवे दिन दिनांक 08 10.2024 को कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन का सत्र मानसिक विभाग में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता विभाग के आचार्य डॉ० श्रीगोपाल गोयल ने की।

डॉ. श्रीगोपाल गोयल ने बताया की अत्यधिक कार्यभार के चलते कार्मिक बहुत ज्यादा मानसिक तनाव का अनुभव करते है। साथ ही रोगी एवं रोगी के परिजन अपनी व्यक्तिगत मानसिक परिस्थतियों के कारण परेशान व उद्वेलित रहते है। मानसिक रोगी भी कई बार अत्यधिक सर्वेदनशील हो जाते है ऐसे में डयूटी पर कार्यरत कार्मिको एवं रोगियों के बीच उचित सामन्जस्य के अभाव में नोंक-झोंक हो जाती है। और कई बार स्थिति मार-पीट तक आ जाती है। डॉ० श्रीगोपाल ने उपस्थित कार्मिको व आमजनों को समझाते हुए बताया कि हमें रोगी एवं आम जनता के साथ मृदु व्यवहार करना चाहिए उनकी पूरी बात धीरजपूर्वक सुनकर सहभाव पूर्वक सहयोग करना चाहिए। उन्हे चिकित्सकीय परामर्श अनुसार उपचार एवं उचित मार्ग दर्शन देना चाहिए आम जनों को भी कार्मिको के साथ सहयोग पूर्ण व्यवहार करना चाहिए जिससे कि अनावश्यक तनाव की स्थिति को टाला जा सके।

डॉ० ज्योति चौधरी ने बताया कि रोगी पहले से ही मानसिक परेशानी से ग्रस्त होता है तो ऐसी स्थिति में हमारा सद्व्यवहार रोग एवं उपचार के प्रति रोगी का दिल जीत लेता है और वह जल्दी स्वस्थ होने के प्रति आश्वस्त हो जाता है।

डॉ० अन्जू ठकराल ने बताया कि भागमभाग की जिन्दगी में कार्मिक भी अपनी निजी और पारिवारिक

जिम्मेदारीयों के चलते कार्यस्थल पर भी अत्यधिक कार्य के कारण तनाव में रहता है। उन्होंने कार्मिकों एवं आमजनों को तनाव मुक्त रहने के उपाय बताते हुए कहा कि नियमित रूपसे योगा एवं मेडिटेशन पर्याप्त नींद एवं व्यसन मुक्त जीवन तनाव को कम करने में और प्रसन्नचित रहने कारगर साबित होते हैं। 

 कार्यक्रम में सहायक आचार्य डॉ० ज्योति चौधरी, सीनियर रेजिडेन्ट डॉ० राकेश सारवान, डॉ० भारती मोहनपुरिया, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल, रेजिडेन्ट डॉ० पवन सारस्वत, डॉ० तुलसी शर्मा, डॉ० अदिती महाजन, मैट्रन सुनील शर्मा, विभाग के समस्त नर्सिंग ऑफिसर, वरिष्ठ तकनीकी सहायक भूराराम मेघवाल, लैब स्टाफ, कम्प्यूटर ऑपरेटर, मरीज व मरीज के परिजन आदि उपस्थित रहे।

नर्सिंग सुपरवाइजर प्रेमरतन ने कहा कि अज्ञानतावश यदि रोगी या परिजन कुछ अभद्र व्यवहार कर ले तो इसको सहजता से सहयोग करना चाहिए प्रत्युत्तर विरोध के कारण अन अपेक्षित तनाव को टाला जा सकता है।

अन्य कार्यक्रम के तहत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पीपी ब्रांच में कार्यरत कार्मिको के साथ संवाद करते हुए डॉ० राकेश सारवान ने बताया कि जहां कई भी पब्लिक रिलेशन की कार्यव्यवस्था है वहां कार्मिको को आम जनता के प्रति सदैव सहयोग की भावना के साथ कार्य करने से सेवा प्रदाता और ग्राहक के साथ संबंध प्रगाढ होते हैं।

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