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युवा कथाकार डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम'और पूर्ण शर्मा 'पूरण' को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार की घोषणा



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🖍️युवा कथाकार डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम'और पूर्ण शर्मा 'पूरण' को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार की घोषणा

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-*युवा कथाकार डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम'और पूर्ण शर्मा 'पूरण' को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार की घोषणा*

बीकानेर/ मुक्ति संस्था के तत्वावधान में दूसरे पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है । मुक्ति संस्था के सचिव कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए देश भर के राजस्थानी साहित्यकारों से पुस्तकें आमंत्रित की गई थी । जोशी ने बताया कि राजस्थानी कथा साहित्य की 17 पुस्तकें प्राप्त हुई थी । निर्णायक मंडल द्वारा गहन अध्ययन के उपरांत राजस्थानी महिला लेखन के लिए बीकानेर की युवा उपन्यासकार डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम' के राजस्थानी उपन्यास 'धिंगाणै धणियाप' पर ग्यारह हजार रुपये का राजस्थानी महिला लेखन का पहला पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई है । श्री जोशी ने यह भी बताया कि ग्यारह हजार रुपये का दूसरा राजस्थानी कथा पुरस्कार रामनगर के प्रतिष्ठित राजस्थानी साहित्यकार पूर्ण शर्मा 'पूरण' को उनके कहानी संग्रह 'उणरी आप री दुनिया' के लिए दिया जाएगा। दूसरे पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी पुरस्कार के लिए प्राप्त पुस्तकों में कहानी, उपन्यास एवं लघुकथाओं की बेहतरीन पुस्तकें मिली थीं, जो राजस्थानी साहित्य को अन्य भारतीय भाषाओं के साथ खड़ा करती दिखाई देती हैं । 
  पोकरमल राजरानी गोयल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नरेश गोयल ने उन लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने संस्था के आग्रह पर पुस्तकें भेजी थीं। डॉ.गोयल ने बताया कि 15 जून 1970 को जन्मी डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम' की हिन्दी और राजस्थानी में कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 'उड़ने को तैयार मन, अगर मैं सच बोल दूँ, तथा सुनो तथागत' ( हिन्दी कविता संग्रह) 'कंवळी कूंपळ प्रीत री (राजस्थानी कविता संग्रह) हैं। 'धिंगाणै धणियाप' उनका राजस्थानी उपन्यास है। आपने एक महत्वपूर्ण पुस्तक 'हिन्दी साहित्य का इतिहास और राजस्थान के लेखक' को दिल्ली के विद्वान डाॅ. उमाशंकर व्यास के साथ मिलकर संपादित किया है।डाॅ. गोयल ने बताया कि 01 जुलाई 1966 को जन्मे पूर्ण शर्मा 'पूरण' की भी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं - जिनमें राजस्थानी कहानी संग्रह : डौळ, उडीकती माटी, मेटहु तात जनक परितापा, उणरी आप री दुनिया और उपन्यास 'होम' प्रमुख हैं। निर्णायक मंडल में व्यंग्यकार- सम्पादक डाॅ.अजय जोशी, राजस्थानी व्याख्याता डाॅ. गौरीशंकर प्रजापत एवं प्रखर विद्वान श्री जगदीश रतनू शामिल थे। 
फरवरी माह के मध्य में बीकानेर में आयोजित समारोह में डाॅ. रेणुका व्यास 'नीलम' एवं पूर्ण शर्मा"पूरण" को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अर्पित किये जाएंगे ।

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