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रीट पेपर अंश वायरल, अभ्यर्थी फाड़ कर बाहर लाया है तो जल्द पकड़ा जाएगा !!


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रीट पेपर अंश वायरल, अभ्यर्थी फाड़ कर बाहर लाया है तो जल्द पकड़ा जाएगा !! 

राजस्थान में रीट परीक्षार्थियों के भविष्य पर फिर संकट आन खड़ा होता दिखाई दे रहा है। बीते दिनों हुई रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र का अंश सोशल मीडिया पर किसी ने वायरल कर दिया है। इस मामले में तर्क यह दिया जा रहा है कि  संभवतः कोई अभ्यर्थी अपने प्रश्न पत्र को जमा करवाने से पूर्व फाड़ कर बाहर ले गया है। 

यदि यह तर्क सही बैठता है तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अभ्यर्थी की पहचान भी बहुत जल्द हो सकेगी। क्या ऐसा होगा कि सभी कॉपियों को जांचने के बाद किसी प्रश्न पत्र में से फाड़े गए पन्नों वाले पेपर की पहचान हो जाए ? और उस प्रश्न पत्र के आधार पर संबंधित अभ्यर्थी को पूछताछ के लिए सामने लाया जाए !!! 
कुछ भी हो, मामला अति गंभीर तो है ही। 

जयपुर । राजस्थान एलिजिबिलिटी एग्जामिनेशन फॉर टीचर के पेपर एक बार फिर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। परीक्षा कराने वाले राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी माना कि जो पेपर वायरल हो रहे हैं, वो रीट के ही हैं। 24 जुलाई (दूसरे दिन) की दूसरी पारी के ये पेपर हैं। इसमें सामाजिक अध्ययन और बाल विकास का पेपर शामिल हैं। एसएसटी के 8 पेज और बाल विकास का एक पेज वायरल हुआ तो परीक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। एसएसटी पेपर के 91 से 132 नंबर तक के 42 सवालों के 8 पेज (79 से 86 पेज नंबर) सामने आए। एसएसटी में कुल 60 सवाल पूछे गए थे। प्रश्नों के ऑप्शन्स पर टिक मार्क भी लगे हुए हैं।

गड़बड़ी की आशंका
नियमानुसार परीक्षा के बाद कैंडिडेट से
एग्जामिनेशन हॉल में ही पेपर जमा करा लिया जाता है। बावजूद इसके पेपर बाहर आया है। इससे तय है कि कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई है। बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी राजेन्द्र गुप्ता का तर्क अलग है। वह कहते हैं- इसे पेपर लीक नहीं कहेंगे। पेपर होने के बाद सोशल मीडिया पर आया है। कोई स्टूडेंट शरारतवश अंदर के 4 पेज फाड़कर बाहर ले आया होगा। पेपर लीक तब माना जाता, जब परीक्षा होने से पहले ये पेपर सोशल मीडिया पर आए होते। 

हम आपके हिसाब से  निर्णय नहीं लेते

जनसंपर्क अधिकारी गुप्ता कहते हैं- अभी
सुबह हुई है। जांच करेंगे। पता करेंगे क्या स्थिति है। सोमवार सुबह 9 बजे पूरे प्रदेश से ओएमआर आई हैं। सुबह 4 बजे तक हम जाग रहे थे। ऑफिस से घर नहीं गए। अभी हम बैठेंगे तब सारी स्थिति को रिव्यू करेंगे। हम तो अपने हिसाब से निर्णय लेते हैं। आपके हिसाब से नहीं। जब समय होगा, तब कमेटी बैठेगी। उसमें क्या निर्णय होगा, उसके हिसाब से देखेंगे।

 बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा और
एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुश्यार मीणा ने इसी मुद्दे पर प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरते हुए मामले की जांच कराने की मांग की है। डॉ. किरोड़ीलाल ने कहा- रीट अभ्यर्थियों से पेपर जमा करवा लिया गया, तो यह सोशल मीडिया पर कहां से आए? उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है- मैं सीएम गहलोत से की बार कह चुका हूं कि पेपर घोटाले में बड़े डकैतों पर हाथ डालो। वह ऐसा नहीं कर रहे। इसका राज क्या है? वायरल पेपर की सच्चाई की तुरंत जांच करवाने और अगर पेपर लीक हुआ है तो इन बड़े डकैतों पर
तुरंत कार्रवाई करें।

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