-सब खैरियत है.......मुकेश पूनिया
मंत्रिमंडल में सर्जरी
बेचारगी
हावी अफसरशाही
दिलवाले डॉक्टर साब के कदम
थानेदारों के थाने
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*भजन मंत्रिमंडल में सर्जरी की तैयारी*
राजस्थान शासनकाल का एकसाल पूरा करने जा रही भजन सरकार के मंत्रिमंडल में बड़ी सर्जरी की तैयारी चल रही है, इसमें कई मंत्री प्रमोट होने के साथ कई निपट भी सकते हैं। सर्जरी में उन मंत्रियों को निपटाया जा सकता है जो संघी गाइड लाइन पालना से परहेज कर रहे है। इसके अलावा एक-दो नॉन परफोर्मेंस मंत्रियों को साइड लाइन करने की तैयारी है। इसके लिये प्रदेश में भजन सरकार की मॉनिटरिंग कर रहे संघनिष्ठों ने तमाम मंत्रियों की रिपोर्ट भी दिल्ली पहुंचा दी है। इस मामले में सीएम साब को जल्द ही दिल्ली तलब किये जाने की खबर आई है, मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*पूर्व मंत्री की बेचारगी*
जल जीवन मिशन घोटाले में फंसे जलदाय के पूर्व केबिनेट मंत्री की बेचारगी का आलम यह है कि ना तो पार्टी उनका साथ दे रही है ना ही घोटाले में शामिल रहे हिस्सेदार। ऐसे में पहले ईडी वालों और अब एसीबी वालों ने उन्हे रेल बना रखा है। मजे कि बात तो यह है कि मिशन के जिन अफसरों ने घोटाले में भागीदारी निभाई थी,वह भी अपनी खाल बचाने के लिये पूर्वमंत्री वाट लगाने पर तुले है। उन्हे पार्टी के जिन भरोसेमंदो पर भरोसा था,वह भी किनारे हो लिये। अब पूर्वमंत्री को भगवान भी ही भरोसा है,इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
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*सत्ता पर हावी अफसरशाही*
हमारी भजन सरकार के मंत्रियों और विधायकों की नब्ज भांप चुके सिस्टम के अफसर खुलकर अपनी मनमानी चला रहे है। ज्यादात्तर अफसर मंत्रियों की सुनवाई भी नहीं करते,विधायक भी आये दिन अफसरों के रवैये को लेकर हायतौबा मचाते डिटेन हो चुके है। बेकाबू अफसरशाही के इस आलम में सबसे ज्यादा पीड़ा निगमों और बोर्डो के चैयरमेनों को भोगनी पड़ रही है। जिन्हे अपने छोटे-मोटे काम कराने के लिये भी सत्ता के दलालों की सेवाएं लेनी पड़ रहा है। इस मामले में हमारे कौशल विकास बोर्ड वाले चैयरमेन साब तो अपनी पीड़ा जाहिर भी कर चुके है। मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*बहक गए दिलवाले डॉक्टर साब के कदम*
पिछले दिनों शाही होटल में हुए दिलवाले डॉक्टरों के भव्य सम्मेलन में बीकानेर कॉर्डियोलॉजी जगत की प्राइवेट लॉबी के एक डॉक्टर साब के कदम हद से कुछ ज्यादा ही बहक गये। दरअसल,खुद को कॉर्डियोलॉजी का नामी ब्रांड का मानने वाले यह डॉक्टर साब आयोजन कमेटी की फ्रंट लाइन में शामिल होना चाहते थे। लेकिन कमेटी वालो ने इन्हे साइड लाइन कर दिया। इससे खफा हुए डॉक्टर साब सम्मेलन का बॉयकाट कर दिया,जैसे तैसे बुलाया गया तो उनके कदम बहकते नजर आये,आयोजको ने समझा थोड़ी चढ़ा ली होगी। बाद में पता चला कि अपनी टशन मिटाने के लिये डॉक्टर साब ने थोड़ी नहीं ज्यादा चढ़ा ली थी। डॉक्टर साब के बहके कदमों का यह किस्सा अब कॉर्डियोलॉजी जगत में खूब चर्चित हो रहा है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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*थानेदारों ने चिन्हित कर लिये थाने*
बीकानेर की पुलिस फौज में जल्द ही होने वाले तबादलों में कई थानेदार बदलेगें । जिला पुलिस मुख्यालय ने इसके लिये लिस्ट भी अपटेड करनी शुरू कर दी है। पता चला है कि बदलाव के दौर में जिलेभर के करीब एक दर्जन थानेदारों को इधर-उधर किया जायेगा। इसकी भनक लगने के बाद थानेदारों ने भी अपने लिये थाने चिन्हित करने शुरू कर दिए है। इनमें कोटगेट,एमपी नगर,व्यास कॉलोनी और गंगाशहर थाने डिमांड लिस्ट में टॉप पर है। ग्रामीण अंचलों के कई थानेदार भी शहरी थानों में आने के लिये जोर आजमाइस में जुटे है। इधर,अपने चेहते थानेदारों को कमाईदार थानों में तैनाती दिलाने के लिये सत्तारूढ लॉबी के लोकल नेताओं में भी खींचतान की बात सामने आई है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।
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