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आज फिर 5 सवाल कुलबुला रहे उंगली के निशान पर... नंबर 1 सब कुछ तो तुम कह देते हो कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों हमें तुम...
Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024
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Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024
धूप में निकलने से पहले बरतें सावधानी : जिला कलेक्टर
लू-तापघात से प्रभावित व्यक्ति का तत्काल ऐसे करें प्राथमिक उपचार
स्वास्थ्य विभाग ने लू-तापघात से बचाव के लिए फिर किया अलर्ट
लू तापघात के लक्षण : जल्द करें बचाव के उपाय
बीकानेर, 19 मई। तापमान में लगातार जारी उछाल व तेज गर्मी के मद्देनजर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि द्वारा आमजन से बचाव रखने की अपील की गई है। विशेषकर बच्चों, बूढ़ों, गर्भवतियों तथा बीमार व्यक्तियों द्वारा एहतियात बरतने पर जोर दिया है। जिला कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि जहां तक संभव हो धूप में न निकलें, निकलें तो शरीर पूर्ण तरह से ढका हो। सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। लू तापघात से प्रायः कुपोषित बच्चे, बीमार, वृद्व, गर्भवती महिलाऐं और श्रमिक आदि शीध्र प्रभावित हो सकते हैं। इन्हे प्रात: 10 बजे से सांय 6 बजें तक तेज गर्मी से बचाने हेतु छायादार ठंडे स्थान पर रहने का प्रयास करें। लू के लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं।
जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहित सिंह तंवर को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने व चिकित्सकों-मैदानी कार्यकर्ताओ को अलर्ट करनेे के निर्देश दिए। इसकी पालना में डॉ. तंवर ने लू से प्रभावितों को तुरंत राहत देने हेतु पूर्व तैयारियों के निर्देश दोहराए हैं। उन्होंने सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों हेतु गाइडलाइन अनुसार बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार हेतु आपातकालीन किट में ओर.आर.एस., ड्रिपसेट, फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं।
*लू-तापघात से बचाव के लिये ये सावधानियां बरतें :*
* बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें।
* बिना भोजन किये बाहर न निकलें। भोजन करके एवं पानी पी कर ही बाहर निकलें।
* सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें।
* गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।
* गर्मी मे हमेशा पानी एवं पेय पदार्थो जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करते रहें।
* अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे, ताकि श्रमिक थोडी-थोडी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
* कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें।
*लू तापघात के लक्षण*
सीएमएचओ डॉ. तंवर ने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात निम्नांकित लक्षणों के द्वारा प्रभावी होता है-
* सिर का भारीपन व सिरदर्द।
* अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट।
* जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक)।
* पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना।
* अत्यधिक प्यास का लगना, बेहोशी जैसी स्थिति का होना।
*क्या है लू तापघात ?*
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया कि चिकित्सकीय दृष्टि से लू तापघात के लक्षण लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केंद्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं व कोशिकाओं में जो पोटेशियम लवण होता है वह रक्त संचार में आ जाता है जिससे ह्रदय गति, शरीर के अन्य अंग व अवयव प्रभावित होकर लू तापघात के रोगी को मौत के मुंह में धकेल देते हैं।
*लू-तापघात से प्रभावित व्यक्ति का तत्काल ऐसे करें प्राथमिक उपचार*
सीएमएचओ डॉ. तंवर ने बताया कि लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे एवं हवा करें। व्यक्ति को तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना जैसे पेय पदार्थ पिलाएं। पानी व बर्फ से शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें फिर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं।
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