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नतीजों से चौंके धुरंधरों के लिए पहेली कायम...!
कौन बनेगा मुख्यमंत्री...!
- मोहन थानवी
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 वाकई चौंका गए। कांग्रेस के डेड दर्जन से ज्यादा मंत्रियों का पराजित हो जाना उन धुरंधरों को भी चौंका गया जो राजनीतिक जगत में विश्लेषण के लिए ख्यात नाम है। वैसे केवल राजस्थान ही नहीं वरन् मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नतीजे भी लोगों को चौंका रहे हैं।
चौंके हुए धुरंधरों के लिए अब भी राजस्थान में मुख्यमंत्री का चेहरा पहेली बना हुआ है। आम जन तो इस पहेली को कुछ नाम लेकर बुझाने के प्रयास करते दिखते हैं। लेकिन राजनीतिक जगत के धुरंधर प्रतीक्षा कीजिए कहते हुए हाथ मल रहे हैं।
वैसे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम काफी पहले से भावी मुख्यमंत्री के रूप में उछलता रहा है। खासतौर से बीते दो दिन तो उनके नाम पर कुछ ज्यादा ही चर्चा सुनने को मिली। मतगणना के पूर्व दिवस पर अशोक गहलोत के राज्यपाल से मिलने के तुरंत बाद वसुंधरा राजे का भी राज्यपाल से मिलना, मंदिरों की यात्रा करना और जीत की ओर बढ़ रहे बागी प्रत्याशियों से संपर्क साधना जैसे उनके प्रयत्न भी इस ओर इशारा कर रहे थे कि वह भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर ऐसा कर रही हैं। लेकिन यह केवल कयास कहे जा सकते हैं। लोग अर्जुन राम मेघवाल बालक नाथ दिया कुमारी गजेंद्र सिंह शेखावत और ऐसे ही अन्य नामों को भी मुख्यमंत्री बनाए जा सकने वाले बता रहे हैं।
राजनीति को गलियारों पर पड़े पर्दों के पीछे से कुछ लोगों की फुसफुसाहट यह भी सुनाई दी की राजस्थान में मुख्यमंत्री के रूप में राज्यवर्धन सिंह का नाम क्यों नहीं उछाला गया है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कयास है कि पैराशूट नाम भी उतर सकता है। बाद में गंगानगर की एक सीट के होने वाले चुनाव में जीतकर वह विधिवत विधायक भी सकता है। लेकिन ऐसा करना भाजपा की परंपरा में शायद शामिल नहीं है।
कतिपय जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान को ओबीसी चेहरा अथवा महिला जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री के रूप में देना पसंद करेंगे। अब क्योंकि परिणाम आ चुके हैं। और भाजपा अपनी प्रक्रिया के तहत मुख्यमंत्री का चयन भी जल्द से जल्द करने के प्रयास करेगी ही। फिर भी लोग इसके लिए कम से कम दो दिन लग जाने की बात कर रहे हैं।
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