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चुनाव : पर्दे के पीछे - मुख्यमंत्री होंगे पारंगत, नई सरकार चलाएगी योजना-अभियान, निवर्तमान करेगी आंदोलन !
- मोहन थानवी
अभी राजस्थान में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री चयन और अनुमानों का दौर थमा भी नहीं है की सोशल मीडिया पर वित्तीय संकट को लेकर कयासों की बाढ़ सी आने लगी है। हर क्षेत्र में पारंगत भावी मुख्यमंत्री की अवधारणा को अब आमजन भी स्वीकारने लगा है। वजह भी साफ है - मीडिया में खबर है राजकोष पर करीब पचास हज़ार करोड रुपए का भार निवर्तमान सरकार छोड़ गई है।
इसे लेकर लोगों में चर्चा है कि अब नवगठित भाजपा सरकार और कांग्रेस में अभियानों और आंदोलनों का दौर चलने वाला है। ऊपर से चुनाव 24 सामने है। यूं मुख्यमंत्री चयन से पहले ही भाजपा ने सैकड़ों करोड़ रुपये नकद सहेजने के आरोपी कांग्रेस सांसद धीरज साहू का पुतला दहन कर अपने तेवर दिखा दिए हैं। लोग दबी जुबान में प्रधानमंत्री मोदी के जनहित की योजनाओं के अभियानों के संदर्भ के साथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार की आनन-फानन में बीते कुछ महीनो में शुरू की गई खर्चीली और राजकोष पर भार बढ़ाने वाली योजनाओं के आमूलचूल परिवर्तन की बात कहते हिचक नहीं रहे। (... और नीचे पढ़ें)
लोग दबी जुबान में बातें कर रहे हैं कि कांग्रेस के कुछ घटक अपनी सरकार की चलाई योजनाओं को बंद किए जाने या ठंडे बस्ते में डाले जाने की आशंकाओं से घिर गए लगते हैं। तभी तो एक जिला कांग्रेस पदाधिकारी ने प्रेस बयान जारी कर योजनाओं के परिवर्तित होने से पहले ही विरोध प्रकट कर दिया है।
चुनाव के तुरंत बाद के ऐसे हालात का संदर्भ देते हुए राजनीतिक जगत के जानकार यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले समय में भाजपा जहां कुछ बदलाव चाहेगी वही कांग्रेस विरोध को तत्पर दिखाई देगी।
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