अश्व अनुसंधान केंद्र, का 35 वां स्थापना दिवस मनाया
नवाचारों से बढ़ावा दें अश्वपालन को : प्रो गहलोत
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर परिसर पर आज केंद्र का 35 वां स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया । इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर ए. के. गहलोत ने कहा की अश्व पालन को बढ़ावा देने के लिए नवाचार करें। जैसे किसी भी व्यक्ति को अगर अपने परिवार को तांगे में घुमाने की इच्छा है तो एक ऐसा एप हो जिससे वह निकटस्थ तांगे वाले को बुला सके ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ एस सी मेहता ने कहा की इस केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में एक नई छवि बनाई है। जिसमें मारवाड़ी घोड़ों की ऊंचाई के लिए चयन, रेवाल चाल के लिए डी एन ए मार्कर पर शोध, भीमथडी नस्ल पर कार्य, अश्व भ्रूण बैंक पर कार्य आदि सम्मिलित हैं ।
इस अवसर पर अतिथियों ने भारत की अश्व नस्लों के केलेंडर का विमोचन भी किया ।
विशिष्ठ अतिथि अनिल राठौड, उप निदेशक, पर्यटन विभाग ने कहा की इस वर्ष ऊंट उत्सव में घोड़ों की रेस एवं अन्य प्रतियोगिताएँ करवाने का वह प्रयास करेंगे ।
इस अवसर पर कृषक – वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन भी किया जिसमें डॉ रमेश देदर एवं डॉ टी राव तालुड़ी ने अश्व पलकों की समस्याएँ सुनी एवं अपने स्तर पर उनका निस्तारण किया ।
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