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अर्हम् वर्ष का हुआ आगाज : धर्माचार्यों ने दी मंगलवाणी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध






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अर्हम् वर्ष का हुआ आगाज : धर्माचार्यों ने दी मंगलवाणी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध

बीकानेर। धर्माचार्यों की मंगलवाणी व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ अर्हम् वर्ष का आगाज कार्यक्रम शुक्रवार को नोखा रोड स्थित अर्हम् इंग्लिश एकेडमी में आयोजित हुआ। शाला सचिव सुरेन्द्र कुमार डागा ने बताया कि कार्यक्रम में दाताश्री रामेश्वरानंदजी महाराज व कालीपुत्र कालीचरण, मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी फारुख अफरीदी, सहायक शासन सचिव प्रशासन मेघराजसिंह पंवार, राज्य स्तरीय अभिभावक संघर्ष समिति के संयोजक योगाचार्य मनीष विजयवर्गीय जयपुर व आरएन ग्लोबल यूनिवर्सिटी के डॉ. आरएन बजाज का आतिथ्य रहा। दीप प्रज्ज्वलन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति शाला के विद्यार्थियों द्वारा दी गई। बेस्ट परफोर्मेंस व गत दिनों सेल्फी प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए। शाला एमडी रमा डागा ने स्वागत उद्बोधन दिया। सचिव सुरेन्द्र डागा ने बताया कि विद्यार्थियों ने डांस व नाट्य प्रस्तुतियों का लुत्फ उठाया और धर्माचार्यों की मंगलवाणी को भी सुना। विशेष रूप से कालीचरण महाराज ने तांडव स्तोत्र का गान किया। संचालन विनय हर्ष व एकता सोलंकी ने किया। कार्यक्रम में कन्हैयालाल बोथरा, आदि उपस्थित रहे।

नैतिक शिक्षा का एक पीरियड भी जरूरी : रामेश्वरानंदजी महाराज
कार्यक्रम में दाताश्री रामेश्वरानंदजी महाराज ने कहा कि विद्यार्थियों को संस्कारिक शिक्षा मिले। स्कूल संचालकों का कर्तव्य बनता है कि वे रोजाना एक पीरियड नैतिक शिक्षा का जरूर लगाएं। बच्चों को मोबाइल का उपयोग नहीं करने दें इसका विशेष ध्यान अभिभावकों का रखना चाहिए।

स्कूलों में माँ सरस्वती की वंदना अनिवार्य हो, कला-कौशल की भी दी जाए सीख : कालीचरण महाराज

समारोह को सम्बोधित करते हुए काली पुत्र कालीचरण ने कहा कि स्कूलों में आध्यामिक शिक्षा, उद्योग-व्यवसाय, प्राथमिक उपचार के साथ कला-कौशल की सीख भी दी जानी चाहिए। बच्चों को शारीरिक रूप से भी मजबूत होना बेहद जरूरी है। स्वस्थ शरीर हमें जीवन में अनेक मुश्किलों से बचाता है। बालिकाओं को भी आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे आदि सीखने चाहिए। कालीचरण महाराज ने कहा कि विद्यालयों में माँ सरस्वती की वंदना अनिवार्य रूप से हो तथा स्कूलों में जाति के कॉलम में केवल हिन्दू लिखा जाए।


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