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आज का पंचांग : जानिए कब है निशिता मुहूर्त, क्या है योग-नक्षत्र...


खबरों में बीकानेर





आज का पंचांग : जानिए कब है निशिता मुहूर्त, क्या है योग-नक्षत्र... 


*🔹जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या🔹*
*(Biological Clock Based on Routine)*




*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*

*⛅दिनांक - 22 सितम्बर 2022*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2079*
*⛅शक संवत् - 1944*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - शरद*
*⛅मास - आश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र में भाद्रपद)*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वादशी रात्रि 01:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 02:03 तक तत्पश्चात मघा*
*⛅योग - शिव सुबह 09:45 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:03 से 03:34 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:28*
*⛅सूर्यास्त - 06:36*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:53 से 05:41 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:09 से 12:56 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - द्वादशी का श्राद्ध*
 

*🔹जैविक घड़ी पर आधारित दिनचर्या🔹*
*(Biological Clock Based on Routine)*


*🔹प्रातः ३ से ५ - (जीवनी शक्ति विशेषरूप से फेफडों में होती है)🔹*
*🔹थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम करना । शरीर स्वस्थ व स्फूर्तिमान होता है । ब्राह्ममुहूर्त में उठनेवाले लोग बुद्धिमान व उत्साही होते हैं और सोते रहनेवालों का जीवन निस्तेज हो जाता है ।*

*🔹प्रातः ५ से ७ - (बड़ी आँत में)🔹*
*प्रातः जागरण से लेकर सुबह ७ बजे के बीच मल-त्याग एवं स्नान कर लेना चाहिए । सुबह ७ बजे के बाद जो मल-त्याग करते हैं उन्हें अनेक बीमारियाँ होती हैं ।*

*🔹सुबह ७ से ९ - (अमाशय यानी जठर में)🔹*
*इस समय (भोजन के २ घंटे पूर्व) दूध अथवा फलों का रस या कोई पेय पदार्थ ले सकते हैं ।*

*🔹९ से ११ - (अग्न्याशय व प्लीहा में)🔹* 
*यह समय भोजन के लिए उपयुक्त है । भोजन के बीच-बीच में गुनगुना पानी (अनुकूलता अनुसार) घूँट-घूँट पियें ।*

*🔹दोपहर ११ से १ - (हृदय में)🔹*
*दोपहर १२ बजे के आसपास मध्याङ्घ-संध्या करने का हमारी संस्कृति में विधान है । भोजन वर्जित ।*

*🔹दोपहर १ से ३ - (छोटी आँत में)🔹*
*भोजन के करीब २ घंटे बाद प्यास-अनुरूप पानी पीना चाहिए । इस समय भोजन करने अथवा सोने से पोषक आहार-रस के शोषण में अवरोध उत्पन्न होता है व शरीर रोगी तथा दुर्बल हो जाता है ।*

*🔹दोप. ३ से ५ - (मूत्राशय में)🔹*
*२-४ घंटे पहले पिये पानी से इस समय मूत्र-त्याग की प्रवृत्ति होगी ।*

*🔹शाम ५ से ७ - (गुर्दे में)🔹*
*इस समय हलका भोजन कर लेना चाहिए । सूर्यास्त के १० मिनट पहले से १० मिनट बाद तक (संध्याकाल में) भोजन न करें । शाम को भोजन के तीन घंटे बाद दूध पी सकते हैं ।*

*🔹रात्रि ७ से ९ - (मस्तिष्क में)🔹*
*इस समय मस्तिष्क विशेष रूप से सक्रिय रहता है । अतः प्रातःकाल के अलावा इस काल में पढ़ा हुआ पाठ जल्दी याद रह जाता है ।*

*🔹रात्रि ९ से ११ - (रीढ़ की हड्डी में स्थित मेरुरज्जू में)🔹*
*इस समय की नींद सर्वाधिक विश्रांति प्रदान करती है । इस समय का जागरण शरीर व बुद्धि को थका देता है ।*

*🔹रात्रि ११ से १ - (पित्ताशय में)🔹*
*इस समय का जागरण पित्त-विकार, अनिद्रा, नेत्ररोग उत्पन्न करता है व बुढ़ापा जल्दी लाता है । इस समय नई कोशिकाएँ बनती हैं ।*

*🔹१ से ३ - (यकृत में)🔹*
*इस समय का जागरण यकृत (लीवर) व पाचन तंत्र को बिगाड़ देता है ।*

*🌹ऋषियों व आयुर्वेदाचार्यों ने बिना भूख लगे भोजन करना वर्जित बताया है । अतः प्रातः एवं शाम के भोजन की मात्रा ऐसी रखें, जिससे ऊपर बताये समय में खुलकर भूख लगे ।


औरों से हटकर सबसे मिलकर









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