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हर श्रावक बने बारह व्रती - मुनि जितेंद्र कुमार
सवा लाख जप का क्रम जारी, रविवार को होगी रक्षा बंधन प्रतियोगिता
गंगाशहर। गंगाशहर के तेरापंथ भवन में युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमणजी के अज्ञानुवर्ती मुनि शांतिकुमारजी एवं विद्वान शिष्य मुनि जितेंद्रकुमारजी ठाणा-9 का चातुर्मास प्रवास निरंतर विविध कार्यक्रमों के साथ गतिमान है। प्रतिदिन प्रात: मुख्य प्रवचन के अतिरिक्त रात्रिकालीन कार्यक्रम में सम्यक्त्व दर्शन कार्यशाला का क्रम चल रहा है। जिसमें मुनि जितेंद्र कुमार द्वारा आचार्यश्री महाश्रमणजी की कृति 'भगवान ने कहा' पर विवेचन किया जा रहा है। साथ-ही-साथ प्रतिदिन प्रवचन सभा में परिषद द्वारा भिक्षु का सवा लाख का जाप का क्रम भी जारी है जिसमें श्रावक समाज श्रद्धा भावों से उत्साह के साथ भाग ले रहा है। प्रवचन सभा में प्रेरणा प्रदान करते हुए मुनि शांति कुमार ने कहा कि जैन धर्म में साधु के लिए पांच महाव्रत एवं श्रावक के लिए बारह व्रतों की साधना की बात आती है। कई-कई ऐसे श्रावक हुए हैं जिन्होंने बारह व्रतों का इतनी निष्ठा से पालन किया जिनके कारण उनका नाम इतिहास में जाना जाता है। श्रावक यह ध्यान दे की व्रत को स्वीकार करने के बाद उसके प्रति पूर्ण जागरूकता रहे एवं नियमों का निष्ठा से पालन होता रहे। मुख्य उद्बोधन प्रदान करते हुए मुनि जितेंद्रकुमार ने कहा कि हर श्रावक बारह व्रती श्रावक बने इस हेतु मानस होना चाहिए। बारह व्रत गृहस्थ को साधना की दिशा में और आगे बढ़ाते हैं। जो बारह व्रतों का सम्यक पालन करता है उसकी धर्म में आस्था दृढ़ होती है। नियमों के निष्ठापूर्वक पालन से उस व्यक्ति के प्रति विश्वास की भावना जागृत होती है। हमारा जीवन धर्म से संक्रांत हो और हर क्रिया, गतिविधि में धर्म, नैतिकता की सौरभ महके यह जरूरी है। मुनिश्री ने कायोत्सर्ग को ध्यान का मूल बताते हुए कहा की कर्म निर्जरा के लिए कायोत्सर्ग का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है। कायोत्सर्ग ध्यान का आदि है तो अंत तक आगे ले जाने वाला भी कायोत्सर्ग ही है। इससे हमारी विचारधारा प्रशस्त बनती है। न जाने कितने पूर्व जन्मों से हमारी आत्मा कर्मों के भार से दबी हुई है। कायोत्सर्ग उस भार को कम कर आत्मा को ऊर्धमुखी बनाता है। इससे पूर्व कार्यक्रम में मुनि अनुशासन कुमारजी, मुनि अनेकांत कुमारजी ने वक्तव्य दिया।
आगामी रविवार रक्षा बंधन प्रतियोगिता
तेरापंथ भवन में मुनिवृंद के सान्निध्य में आगामी रविवार को तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में तेरापंथ किशोर मंडल, गंगाशहर द्वारा रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में श्रेष्ठ जोड़ी रक्षा बंधन की प्रतियोगिता आयोजित होगी। जिसमें भाई-बहनों के जोड़े को उसी समय कई टास्क दिए जाएंगे। साथ ही शनिवार को सायं आठ बजे मैं भी बनूं प्रतिभावान प्रतियोगिता आयोजित होगी।
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