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आसण बैसण कूड़ कपटण', गुरु जाम्भोजी के इन शब्दों का गहरा अर्थ है - सुखराम बिश्नोई, श्रम एवं राजस्व मंत्री
'आसण बैसण कूड़ कपटण', गुरु जाम्भोजी के इन सब्दों का गहरा अर्थ है और यह वर्तमान समय में किसी भी जिम्मेदारी के पद पर रहने वाले महानुभाव पर लागू होते हैं। चाहे वह सरपंच, प्रधान, विधायक, सांसद, मंत्री, अधिकारी हो अथवा कोई सामाजिक, धार्मिक मुखिया हो वह अपने कर्तव्य और प्राप्त धर्म का पालन न करके झूठ और कपट करता है तो वह स्वयं और समाज की बहुत बड़ी हानि करता है। मनुष्य को दंभ और दिखावा न करके सहज और सरल रहना चाहिए, प्रकृति की नैसर्गिकता से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। उक्त विचार जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर द्वारा ऑनलाइन जाम्भाणी साहित्य संवाद श्रृंखला में गुरु जाम्भोजी की वाणी पर संवाद करते हुए राजस्थान सरकार के श्रम एवं राजस्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कही।
मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि गुरु जांभोजी की सबदवाणी सकारात्मक ऊर्जा का अजस्र स्रोत है। आजकल लोगों का रहन-सहन, खान-पान बहुत बदल गया है जिसके कारण शरीर में बीमारियां बढ़ रही है और मनोबल कमजोर हो रहा है जिसके कारण न तो सांसारिक कृत्य सम्यक प्रकार से निष्पादित हो पाते हैं और न ही कोई परमार्थ हो पाता है।
अकादमी के प्रेस संयोजक पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने बताया कि जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा सोशल मीडिया पर पिछले दो साल से यह संवाद श्रृंखला आयोजित की जा रही है और उसी श्रृंखला की पचासवीं कड़ी आयोजित की गई। मंत्री सुखराम बिश्नोई ने अकादमी के इस अभिनव प्रयोग की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए आयोजकों को बधाई दी और इसके पांच सौवें एपिसोड से भी अधिक समय तक जारी रहने की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी राजेंद्रानंदजी महाराज हरिद्वार ने कहा कि मनुष्य का जन्म ईश्वर की प्राप्ति के लिए मिला है,इसे देवताओं के लिए भी दुर्लभ बताया गया। इस शरीर के मिलने के बाद उसका लक्ष्य बताकर संमार्ग दिखाने वाले सदगुरु का मिलना उससे भी दुर्लभ है और ये दोनों मिलने पर जीव में अपने कल्याण की जिज्ञासा जागृत होना अति दुर्लभ है। सौभाग्य से बिश्नोई समाज में जन्म लेने वाले जीव को ये सहज में सुलभ हो जाता है। विलक्षण बिश्नोई जीवन शैली में शुद्ध सात्विक आहार करने से अंतःकरण निर्मल रहता है,प्रात:काल हवन करने से आत्मिक सुख शान्ति और शक्ति मिलती है तथा सबदवाणी एक परम सदगुरु के रूप में जीवन की युक्ति और मुक्ति का सहज मार्ग बताती है।
अकादमी की ओर से इस संवाद श्रृंखला के पचासवें गोल्डन जुबली विशेष एपिसोड में कार्यक्रम के शुरू में अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ बनवारीलाल साहू ने सभी का स्वागत किया और समापन पर अकादमी के सदस्य और प्रसिद्ध समाजसेवी भीलवाड़ा निवासी अमरचंद बिश्नोई ने सभी मेहमानों और श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन अकादमी के प्रवक्ता विनोद जम्भदास ने किया और तकनीकी प्रबंधन डॉ लालचंद बिश्नोई ने किया।
C P MEDIA
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