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तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 90 गांवों पर खर्च होंगे 28.32 करोड़ प्रबंधन समिति की बैठक में डीपीआर का हुआ अनुमोदन जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 3 लाख 36 हजार लोग होंगे लाभान्वित

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तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 90 गांवों पर खर्च होंगे 28.32 करोड़
प्रबंधन समिति की बैठक में डीपीआर का हुआ अनुमोदन
जिले के ग्रामीण क्षेत्र के 3 लाख 36 हजार लोग होंगे लाभान्वित

बीकानेर, 4 जनवरी। तरल व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिले के 90 गांवों पर 28.32 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। जिला स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन समिति की गुरूवार को आयोजित बैठक में जिला कलक्टर नमित मेहता ने प्रथम चरण के लिए तैयार की गई 45 गांवों की डीपीआर में से 20 गांवों की डीपीआर का अनुमोदन किया। इसके तहत द्वितीय चरण के 70 गांवों की डीपीआर का भी अनुमोदन किया गया।
मेहता ने बताया कि प्रथम चरण में 15 वंे वित्त आयोग, मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से राशि का डवटेल कर कुल 7.88 करोड़ रूपये के 87 सार्वजनिक कचरा पात्र, 91 नेडेफ कम्पोस्ट खड््डे, 2261 मीटर नाली बनाने का प्रावधान रखा गया है। ये सभी कार्य बीकानेर, नोखा, पांचू, लूणकरनसर, श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के 20 गांवों में करवाएं जायेंगे। गांवों को स्वच्छ गांव के रूप में विकसित करने के लिए ठोस कचरा प्रबंधन के तहत अलग-अलग प्रकार के कार्य किए जाएंगे। इन कार्यों में नालियों का निर्माण, सोख्ता गड्ढा, मैजिक पिट के साथ ही कचरा निस्तारण की विशेष व्यवस्था की गई हैं।
मेहता ने द्वितीय चरण में कुछ कार्यों में संशोधन के साथ कुल 70 गांवों को विभिन्न योजनाओं से डवटेल कर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 20.44 करोड़ की लागत से सार्वजिनक कचरा पात्र, नैडेप कम्पोस्ट पिट, मैजिक पिट, नाली निर्माण एवं मजदूरों द्वारा साफ-सफाई के कार्य करवाने का अनुमोदन किया। इस कार्य से प्रथम चरण में 90 हजार की जनसंख्या और द्वितीय चरण में 2 लाख 46 हजार की जनसंख्या लाभान्वित होगी।
जिला कलक्टर मेहता ने संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि 500 कीे आबादी पर 1 कचरा पात्र से ज्यादा कचरा पात्र नहीं लिए जाए तथा नैडेप कम्पोस्ट पिट एवं नाली निर्माण एवं निजी पिट को धरातल पर सर्वे कर शामिल किया जाए। उन्होंने विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि डीपीआर में चयनित गांवों का वे निरीक्षण कर, सर्वे के औचित्य की जांच कर, रिपोर्ट प्रस्तुत करंे।
इन्होंने किया सर्वे- स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ तकनीकी सहायक तथा संबंधित सरपंच द्वारा किया जा रहा है, जिसका विकास अधिकारी और सहायक अभियन्ता द्वारा मूल्यांकन किया जा रहा है।
बैठक में जिला परियोजना अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन महेश अजाड़ी ने पाॅवर प्वांइट प्रजन्टेशन के माध्यम से ओडीएफ प्लस के तहत ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की परियोजना प्रतिवेदन एवं गूगल अर्थ पर संधारित के.एम.एल. फाईल (स्वच्छता मेप) की डीपीआर अनुमोदन हेतु प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओम प्रकाश, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग शारदा चौधरी , अधीक्षण अभियन्ता जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग दीपक बंसल, उपनिदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी.पंवार, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राजकुमार शर्मा सहित जिले के विकास अधिकारी उपस्थित थे।  ✍🏻




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