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37 किसान नेताओं पर मुकदमा- 394 पुलिसकर्मी घायल,7 गंभीर

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 📝  37 किसान नेताओं पर मुकदमा- 394 पुलिसकर्मी घायल,7 गंभीर नई दिल्ली । 26 जनवरी को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुए किसानों के हिंसक प्रदर्शन का अगला दिन कार्रवाईयों का रहा। बुधवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई। शाम होते- होते 37 किसान नेताओं पर एफआईआर दर्ज कर ली गई। इसके साथ ही 200 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। इन पर हिंसा करने और लोगों को भड़काने के आरोप हैं। इसके बाद राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने खुद को आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी। पुलिस की कार्रवाई के महज 3 घंटे बाद शाम 4 बजे के करीब किसान संगठनों की फूट भी सामने आ गई। राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने खुद को आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी। भारतीय मजदूर किसान संगठन के प्रमुख वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जि- मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। हम ऐसे किसी शस के साथ विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते, जिसकी दिशा कुछ और हो।Ó इसके महज 15 मिनट बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान कर दिया। इसके अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा, 'मंगलवार को दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं और 58 दिनों का हमारा प्रोटेस्ट खत्म कर रहा हूं। भानु प्रताप सिंह का संगठन चिल्ला बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहा था।Ó इतना ही नहीं भानु गुट ने तो चिल्ला बॉर्डर से अपने टेंट भी उखाडऩे शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा किसान संगठनों ने एक फरवरी को संसद मार्च निकालने का ऐलान किया था। इसे टाल दिया गया है। अब वो शहीद दिवस यानी 30 जनवरी को पूरे देश में पिलक रैली करेंगे।




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