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रोशन ने किया दिल्ली में राजस्थानी का प्रतिनिधित्व, कविताएं सुनाईं
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रोशन ने किया दिल्ली में राजस्थानी का प्रतिनिधित्व, कविताएं सुनाईं
बीकानेर। साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली की ओर से आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन में बीकानेर के युवा कवि-कथाकार रोशन बाफना ने राजस्थानी काव्य-पाठ कर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। अकादेमी की यंग राइटर्स मीट कार्यक्रम के तहत आयोजित इस सत्र की अध्यक्षता डोगरी के साहित्यकार दर्शन दर्शी ने की। कार्यक्रम का संचालन स्नेहा चौधरी ने किया। इस सत्र में राजस्थानी के अलावा मैथिली, मिसिंग, नेपाली, संथाली और तमिल कविताओं का पाठ हुआ।
रोशन ने इस मौके पर 'इत्ती क तो बात है समझ लेÓ, 'रेळ सेळ ना कर, अलग राख थारी पिछाण नेÓ, 'रच नुवौ मुहावरोÓ आदि कविताओं का पाठ किया। प्रारंभिक वक्तव्य में रोशन ने कहा कि मुझे मेरी मां से सबसे अधिक प्रेम है, इसलिए मातृभाषा के प्रति भी अनुराग बना है। हालांकि मेरी मातृभाषा आज की संवैधानिक मान्यता की प्रतीक्षा कर रही है, लेकिन अकादेमी ने जो मान राजस्थानी भाषा को अपनी 24 प्रतिनिधि भाषाओं में दिया है, उससे मैं अकादेमी के प्रति कृतज्ञ हूं। कार्यक्रम के अध्यक्ष डोगरी के साहित्यकार दर्शन दर्शी ने कहा कि राजस्थानी के साहित्य का अनूठा और अद्वितीय है। इस भाषा में जिस तरह से युवा रचनाकार सामने आ रहे हैं, प्रसन्नता का विषय कि अग्रज पीढ़ी युवा पीढ़ी को साहित्य के संस्कारों की विरासत दे रही है।
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