राजस्थान स्वास्थ्य : हीमोडायलिसिस सुविधा निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में 182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी

राजस्थान स्वास्थ्य : हीमोडायलिसिस सुविधा
निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी








-राजस्थान स्वास्थ्य : हीमोडायलिसिस सुविधा
निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी


*खबरों में बीकानेर*









-राजस्थान स्वास्थ्य : हीमोडायलिसिस सुविधा
निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी




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निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी




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राजस्थान स्वास्थ्य : हीमोडायलिसिस सुविधा
निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर किया जा रहा उन्नयन
182 चिकित्सा संस्थानों में पीपीपी मोड पर जल्द उपलब्ध होगी हीमोडायलिसिस सुविधा
निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में

जयपुर, 5 नवम्बर। राज्य सरकार प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर उन्नयन सुनिश्चित कर रही है। बड़े शहरों के साथ-साथ कस्बों एवं गांव-ढाणी तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुगमता के साथ मिले, इसके लिए विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसी दृष्टि से प्रदेश में करीब 182 चिकित्सा संस्थानों पर डायलिसिस सुविधा चरणबद्ध रूप से उपलब्ध करवाई जा रही है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौर ने बताया कि प्रदेश में 352 पंचायत समिति मुख्यालयों पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हीमोडायलिसिस की सुविधा चरणबद्ध रूप से प्रारंभ करने की घोषणा की गई थी। इसके तहत प्रथम चरण में 50 या 50 से अधिक बैड के चिकित्सा संस्थानों में यह सुविधा प्रारंभ की जा रही है।

उन्होंने बताया कि 182 चिकित्सा संस्थानों में हीमोडायलिसिस सुविधा पीपीपी मोड पर प्रारंभ किए जाने के लिए निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है। तकनीकी एवं वित्तीय निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्द ही शेष प्रक्रिया पूर्ण कर हीमोडायलिसिस की सुविधा प्रांरभ कर दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस वित्तीय वर्ष में अब तक सर्वाधिक बजट प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का लगभग 8.26 प्रतिशत है।


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