इस बार इस तारीख को मकर संक्रांति पर बेहद शुभ योग का संयोग
बन रहे हैं दुर्लभ योग
जानिए कैसे मनाएं सूर्य पर्व
ये है अर्ध्य की सही विधि
जयपुर। मकर संक्राति नए साल 2024 में 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर राशि में सूर्य के आगमन के समय को मकर संक्राति कहा गया है। इस राशि में सूर्य के आने से मलमास समाप्त हो जाता है। मकर सक्रांति के दिन ही गंगा ने सगर के पुत्रों का उद्धार किया था और गंगा सागर में मिली थी. मकर संक्रांति पर इस बार बेहद शुभ योग का संयोग बन रहा है, जानकारों के अनुसार इसमें खान-दान, पूजा, पाठ, जप, तप का साधक को दोगुना लाभ मिलेगा।
मकर संक्राति 15 जनवरी 2024 मकर संक्रान्ति पुण्य काल सुबह 06.41 शाम 06.22
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - 06.41 सुबह 08.38. सुबह
मकर संक्रांति पर इस बार रवि योग, मंगल और बुध धनु राशि में विराजमान होंगे, इनकी युति बेहद शुभ मानी जाती है. इस युति के प्रभाव से जातक राजनीति, लेखन और प्रकाशन में बढ़िया नाम कमाता है। ऐसा व्यक्ति तकनीक का भी अच्छा जानकार होता है। ऐसे में मकर संक्राति पर खान दान से इसका विशेष लाभ मिलेगा। रवि योग सुबह 07.15 सुबह 08.07 (रवि योग पर सूर्य का प्रभाव रहता है, ऐसे में इस दौरान अशुभ मुहूर्त का भी असर नहीं पड़ता। इस योग में सूर्य पूजा से सौभाग्य, मान सम्मान में वृद्धि होती है। शनि-सूर्य की चीजों का दान मकर संक्रांति सूर्य और शनि यानी पिता-पुत्र के मिलन का दिन माना गया है। इस दिन सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबा, गुड़, तिल, लाल रंग के फूल, वस्त्र आदि का दान करे। वहीं
शनि को प्रसन्न करने के लिए काले तिल का दान करे। ये उपाय आर्थिक संकट से बचाता है. शनि दोष दूर होता है।
अर्ध्य की सही विधि- मकर संक्राति पर गंगाजल से स्रान करना विशेष फलदायी है, मान्यता है असाध्य रोग खत्म हो जाते है, व्यक्ति सालभर निरोगी रहता है। स्रान के बाद सूर्य देव के मंत्र हों हों सूर्याय नमः का जाप करते सूर्य को जल चढ़ाएं, 3 बार उसी स्थान पर परिक्रमा करे। इससे करियर में तरक्की होती है।
तिल-गुड़ से करें ये काम मकर संक्रांति पर गुड़ और तिल से बने लड्डू का भोग लगाएं और इन्हें अपनों में बांटकर खाने से रिश्तों में मिठास बढ़ती है। इस दिन पक्षियों को दाना खिलाना धन आगमन के रास्ते खोलता है।
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