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काव्य संग्रह 'प्रकाश और छाया' का लोकार्पण
बीकानेर । परम्परा बीकानेर की ओर से भारतीय परम्परा चेतना अभियान के तहत राजस्थानी और हिन्दी के लेखक प्रमोद शर्मा के सद्यप्रकाशित काव्य संग्रह 'प्रकाश और छाया' का लोकार्पण समारोह मोहता चौक स्थित परम्परा प्रांगण में 9 दिसंबर 2018को आयोजित किया गया। इस समारोह के अध्यक्ष बुलाकी शर्मा, विशिष्ट अतिथि आकाशवाणी बीकानेर के केन्द्राध्यक्ष कवि-चिंतक रविदत्त मोहता एवं डॉ. ब्रजरतन जोशी के कर-कमलों से 'प्रकाश और छायाÓ काव्य संग्रह का लोकार्पण किया गया। समारोह के अध्यक्षीय उद्बोधन में शर्मा ने कहा कि वर्तमान में कविताएं लिखी तो बहुत जा रही हैं पर बहुत कम मात्रा में ही कविताएं रची जा रही हैं। प्रमोद शर्मा के इस काव्य संग्रह की कविताएं वास्तव में रची गई हैं। विशिष्ट अतिथि मोहता ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रमोद की कविताएं शून्य की अभिव्यक्ति हैं। इनकी कविताओं में शोर नहीं स्वर हैं। आलोचकीय वक्तव्य देते हुए डॉ. ब्रजरतन जोशी ने कहा कि यह काव्य संग्रह कवि की बहिर्लोक से अन्तर्लोक तक जाने की सुचेष्ठा है। इसके पश्चात् प्रमोद शर्मा ने अपने लोकार्पित काव्य संग्रह में से चुनिंदा कविताओं के पाठ का प्रारंभ 'अंत होता है छाया का,प्रकाश का नही,/ छाया तो सांचा है / से किया। आभार परम्परा परिवार के मुकेश व्यास ने व्यक्त किया।
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