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अल्पकालीन फसली ऋण सीमा पुनर्निर्धारित
जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में नई दरांे का हुआ अनुमोदन
बीकानेर, 14 जनवरी। अल्पकालीन फसली ऋण प्रणाली के तहत जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में गुरुवार को खरीफ और रबी की विभिन्न फसलों के प्रचलित वित्तमान मापदंडों की समीक्षा कर वित्तमान का पुनर्निर्धारण किया गया।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि निर्धारित मापदंडों के अनुरूप समीक्षा कर खरीफ और रबी फसलों के अल्पकालीन ऋण वित्तमान 2021 व रबी 2021-22 हेतु निर्धारित किया गया। उन्होंने बताया कि मूंगफली की फसल हेतु सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 80 हजार रुपए, कपास के लिए 60 हजार रुपए मूंग के लिए 35 हजार रुपए, ग्वार के लिए 32 हजार, बाजरे के लिए 22 हजार रुपए वित्तमान का निर्धारण किया गया। सिंचित क्षेत्र हेतु प्रति हेक्टेयर गेहूं के लिए 55 हजार, सरसों के लिए 37 हजार, तारामीरा के लिए 21500, चना के लिए 40 हजार, मिर्च के लिए 70 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर फसली ऋण का मापदंड निर्धारित किया गया।
मेहता ने बताया कि मतीरा, मेथी, धनिया, लहसुन, शकरकंद, जीरा, गोभी, गन्ना, रिजका जई सहित विभिन्न फसलों के लिए पूर्व निर्धारित वित्तमान का 10 प्रतिशत तक वित्तमान बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
भेड़ या बकरी पालन के लिए प्रति इकाई 8000 रुपए का ऋण
जिला कलेक्टर ने बताया कि समिति द्वारा मुर्गी पालन, मछली पालन व पशु पालन हेतु कार्यशील पूंजी मानदंड की भी समीक्षा की गई। बकरी या भेड़ पालन के लिए प्रति वर्ष प्रति बकरी या प्रति भेड़ 8000 रुपए तक की कार्यशील पूंजी करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार जिले में मत्स्य कृषकों द्वारा ग्रामीण जोहड़, तालाब व निजी तालाब में मछली व झींगा पालन के लिए जिले में 5 लाख 12 हजार रूप तक की ऋण सीमा का निर्धारण किया गया है। बैठक में सीईओ जिला परिषद ओमप्रकाश सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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