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विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने के लिए अनिवार्य रूप से लें अभिभावकों की लिखित सहमति- मेहता कोरोनावायरस एडवाइजरी की अक्षरशः अनुपालना के निर्देश

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विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने के लिए अनिवार्य रूप से लें  अभिभावकों की लिखित सहमति- मेहता
कोरोनावायरस एडवाइजरी  की अक्षरशः अनुपालना के निर्देश

बीकानेर,14 जनवरी। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि 18 जनवरी से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाने के दौरान प्रत्येक कक्षा-कक्ष में क्षमता से 50 फीसदी विद्यार्थी ही बिठाए जाना सुनिश्चित किया जाए। जिला कलेक्टर ने गुरुवार को जिला निष्पादन समिति की बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्कूल में बुलाने से पहले अभिभावकों की अनिवार्य रूप से लिखित सहमति ली जाए।अध्ययन के दौरान सामाजिक दूरी की अनुपालना के लिए कक्षा 1 से 8तक के स्टाफ का उपयोग लें। कोरोनावायरस रोकथाम के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी एसओपी की अक्षरशः पालना करवाना सुनिश्चित किया जाए। यदि किसी विद्यलय में पालना नहीं पाई गई तो सम्बंधित शाला प्रधान के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
बीकानेर,कोलायत व श्रीडूंगरगढ़ बीसीईओ को चार्जशीट
मेहता ने कहा कि शाला दर्पण की रैंकिंग सुधारने के लिए सभी बीसीईओ बिन्दूवार रिव्यू करें। मेहता ने शाला दर्पण रैकिंग में कम प्रगति होने पर बीकानेर,कोलायत व श्रीडूंगरगढ़ बीसीईओ को चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए। जिला कलेक्टर ने कहा कि नियमित समीक्षा से शैक्षणिक विकास संभव हो सकता है प्रत्येक पैरामीटर पर जो सबसे कमजोर है वे शालावार लक्ष्य निर्धारित कर प्रगति सुनिश्चित करवाएं।
अगले शुक्रवार तक सुनिश्चित हो खाद्य सामग्री का वितरण
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि अगले शुक्रवार तक सभी उपखंडों में मिड डे मील के तहत खाद्यान्न सामग्री के उठाव व वितरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए संबंधित बीसीईओ रसद अधिकारी और ठेकेदार के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करें कि 97 दिवस का जो वितरण बाकी है, वहां अगले शुक्रवार तक अनिवार्य रूप से बच्चों को खाद्यान्न का वितरण कर दिया जाए। जिला कलेक्टर ने कहा कि जिन स्कूलों में रसोई नहीं है उनके प्रस्ताव की ब्लॉक वाइज सूची उपलब्ध करवा दें ताकि जिला परिषद के मार्फत आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।। मेहता ने जिले की विभिन्न स्कूलों में चल रहे सिविल कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत चल रहे सिविल कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ मार्च तक पूरे हो जाएं, साथ ही जो कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं वह भी समय पर प्रारंभ करवाना सुनिश्चित करें।
दूर दराज में ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम की हो प्रभावी माॅनिटरिंग
मेहता ने कहा कि शिक्षा विभाग के द्वारा चलाए जा रहे स्माइल कार्यक्रम के तहत आठवीं कक्षा तक के बच्चे अधिक से अधिक आॅनलाइन शिक्षा से जुड़ें इसके लिए बारीकी से मॉनिटरिंग हो। दूर-दराज की स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने पालनहार सत्यापन से वंचित बच्चों के भौतिक सत्यापन का कार्य 31 जनवरी तक पूरे करने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि 31 जनवरी तक वंचित सभी पालनहार को प्रमाण पत्र जारी हो जाए जिससे योजना का लाभ नियमित रखा जा सके। विभागीय उच्च अधिकारी अपने स्तर पर बिंदुवार रिव्यू करें। बैठक में संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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अल्पकालीन फसली ऋण सीमा पुनर्निर्धारित
जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में नई दरांे का हुआ अनुमोदन
बीकानेर, 14 जनवरी। अल्पकालीन फसली ऋण प्रणाली के तहत जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक में गुरुवार को खरीफ और रबी की विभिन्न फसलों के प्रचलित वित्तमान मापदंडों की समीक्षा कर वित्तमान का पुनर्निर्धारण किया गया।
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि निर्धारित मापदंडों के अनुरूप समीक्षा कर खरीफ और रबी फसलों के अल्पकालीन ऋण वित्तमान 2021 व रबी 2021-22 हेतु निर्धारित किया गया। उन्होंने बताया कि मूंगफली की फसल हेतु  सिंचित क्षेत्र के लिए प्रति हेक्टेयर 80 हजार रुपए, कपास के लिए 60 हजार रुपए मूंग के लिए 35 हजार रुपए, ग्वार के लिए 32 हजार, बाजरे के लिए 22 हजार रुपए वित्तमान का निर्धारण किया गया। सिंचित क्षेत्र हेतु प्रति हेक्टेयर गेहूं के लिए 55 हजार, सरसों के लिए 37 हजार, तारामीरा के लिए 21500, चना के लिए 40 हजार, मिर्च के लिए 70 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर फसली ऋण का मापदंड निर्धारित किया गया।
मेहता ने बताया कि मतीरा, मेथी, धनिया, लहसुन, शकरकंद, जीरा, गोभी, गन्ना, रिजका जई सहित विभिन्न फसलों के लिए पूर्व निर्धारित वित्तमान का 10 प्रतिशत तक वित्तमान बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
भेड़ या बकरी पालन के लिए प्रति इकाई 8000 रुपए का ऋण
जिला कलेक्टर ने बताया कि समिति द्वारा मुर्गी पालन, मछली पालन व पशु पालन हेतु कार्यशील पूंजी मानदंड की भी समीक्षा की गई।  बकरी या भेड़ पालन के लिए प्रति वर्ष प्रति बकरी या प्रति भेड़ 8000 रुपए तक की कार्यशील पूंजी करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार जिले में मत्स्य कृषकों द्वारा ग्रामीण जोहड़, तालाब व निजी तालाब में मछली व झींगा पालन के लिए जिले में 5 लाख 12 हजार रूप तक की ऋण सीमा का निर्धारण किया गया है। बैठक में सीईओ जिला परिषद ओमप्रकाश सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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