Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

ला नीना और अल नीनो : मानसून की खबर - लू के थपेड़े नहीं थमेंगे 31 मई को केरल, 25 जून से 6 जुलाई के बीच राजस्थान आयेगा मानसून




2010 से ब्लागिंग की दुनिया में ⛹️





औरों से हटकर सबसे मिलकर 🏅 




खबरों में बीकानेर 📰





































आज फिर 5 सवाल कुलबुला रहे उंगली के निशान पर... नंबर 1 सब कुछ तो तुम कह देते हो कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों हमें तुम...

Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024

आज फिर 5 सवाल कुलबुला रहे उंगली के निशान पर... नंबर 1 सब कुछ तो तुम कह देते हो कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों हमें तुम...

Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024
हमने मतदान कर दिया। आप भी मतदान अवश्य करें।
🌹

ला नीना और अल नीनो : मानसून की खबर - लू के थपेड़े नहीं थमेंगे

31 मई को केरल, 25 जून से 6 जुलाई के बीच राजस्थान आयेगा मानसून

एक ओर मानसून संबंधित खबर आ रही है तो दूसरी ओर मौसम विभाग ने राजस्थान के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में भीषण गर्मी के चलते लू की आशंका व्यक्त की है। बहरहाल भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों का दौरा अभी कुछ दिन जारी रहने की भी आशंका है। लेकिन राहत की खबर यह है की मानसून लगभग अपने समय पर प्रवेश करने जा रहा है। हां, समय की प्रतीक्षा अवश्यंभावी है... 

नई दिल्ली । भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, मानसून अंडमान-निकोबार पहुंच गया है। 31 मई तक यह केरल पहुंच जाएगा। पिछले साल भी मानसून ने अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 19 मई को ही दस्तक दी थी, लेकिन केरल में 9 दिन देरी से 8 जून को पहुंचा था। इस साल मानसून सामान्य तारीख से पहले ही केरल में दस्तक दे सकता है। वैसे केरल में मानसून आने की सामान्य तारीख 1 जून है। घोषित तारीख में 4 दिन कम या ज्यादा होने की गुंजाइश रखी गई है। यानी मानसून 28 मई से 3 जून के बीच कभी भी आ सकता है। आईएमडी के अनुसार, मानसून के मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून और राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं यूपी में 18 से 25 जून और बिहार-झारखंड में 18 जून तक पहुंच जाएगा।

1972 में सबसे देरी से 18 जून को केरल आया था

आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 150 साल में मानसून के केरल पहुंचने की तारीखें काफी अलग रही हैं। 1918 में मानसून सबसे पहले 11 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि 1972 में सबसे देरी से 18

जून को केरल पहुंचा था। बीते चार साल की बात करें तो 2020 में मानसून 1 जून को, 2021 में 3 जून को, 2022 में 29 मई को और 2023 में 8 जून को केरल पहुंचा था। इस बार ला नीना से अच्छी बारिश का अनुमान

क्लाइमेट (जलवायु) के दो पैटर्न होते हैं, अल नीनो और ला नीना। पिछले साल अल-नीनो सक्रिय था, जबकि इस बार अल-नीनो परिस्थितियां इसी हफ्ते खत्म हुई हैं और संभावना बन रही है कि तीन से पांच हफ्तों में ला-नीना परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी। पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94 प्रतिशत बारिश हुई थी।

2020 से 2022 के दौरान ला-नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109 प्रतिशत, 99 प्रतिशत व 106 प्रतिशत बारिश हुई थी।

ला नीना और अल नीनो क्या होते हैं

• अल नीनो इसमें समुद्र का तापमान 3 से 4 डिग्री बढ़ जाता है। इसका प्रभाव 10 साल में दो बार होता है। इसके प्रभाव से ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र में कम और कम बारिश वाले क्षेत्र में ज्यादा बारिश होती है।

ला नीना इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होता है। इसका दुनियाभर के मौसम पर असर पड़ता है। आसमान में बादल छाते हैं और अच्छी बारिश होती है।






Post a Comment

0 Comments