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ऊंटां सागै मरुधरा रा लोकरंग देखणै रो उछब है कैमल फेस्टिवल






















ऊंटां सागै मरुधरा रा लोकरंग देखणै रो उछब है कैमल फेस्टिवल 

- मोहन थानवी 

बीकानेर रौ खास उछब बण चुक्यो है कैमल फेस्टिवल। इणनै अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव नांव भी दियोड़ो है। इण मांय राजस्थानी, खास तौर सूं मरुनगरी रा लोक रंग मांय देश विदेश रै पावणां नै आपणैण रो दरसाव देवै।

लोकवाद्यों री ताण सुकून दिरावै। बाळू रा लहरदार धोरां माथै दिन भर मुळकती धूप अ‘र ठंडी टीर रात्यां मांय इनै सूं बिनै थिरकती चांदनी रो दरसाव तो कोई कदैई भूल नीं सकै।

विगतवार :- 

अबकली 12 जनवरी 2024 सूं 14 जनवरी 2024 तांई रो तीन दिनां रौ केमल फेस्टीवल पैली सूं घणो आकरसण वाळो मनीजसी।

 स्टेडियम में लोक संगीत और परंपरागत पहरावे में कलाकारां रीरंगारंग प्रस्तुतियां सूं पर्यटक मंत्रमुग्ध होया। जय बीकाणा।

ऊंट दौड़ के साथ घुडदौड़, बीकानेर कार्निवल, हेरिटेज वॉक, क्लासिकल फॉर्म्स ऑफ़ आर्ट्स, सेलिब्रिटी नाइट अ'र अंगारां माथै नाच रा आयोजन, मिस मरवण सागै दूजा होडाहोड रा सांस्कृतिक खेल अ' र लोकरंग भी अपां देख सकांलां। 

अबकी तो ऊंट उत्सव रे छेकड़ळै दिन धरणीधर मैदान माथै लाफ्टर शो भी हुसी।

फेस्टिवल में सैलानी देखैला - स्टेडियम में परंपरागत रूप सूं सज्योड़ा धज्योड़ा ऊंट। उमंग-उल्लास अ‘र उत्साह सूं गावंता नाचता लोक कलाकार। इण सब रौ हिवड़ै तांईं खुशी भरियोड़ा आनंद सूं निहारता सैलानियों रा झुंड। 


रेत रै इण समन्दर बिचाळै बस्योड़ो बीकाणे रौ ओ रूप ही तो सावन बीकानेर री
लोकोक्ति पछै अबै पूस री रात बीकानेर री नूवीं नकोर-उक्ति रच रैयो है।

मरुनगरी बीकानेर। राव बीकाजी रौ बीकाणो। अठै सावण मांय प्रवासी तो पूगणा तय ही है। अबै नूवां आयाम स्थापित कर रैया है देश विदेश रा सैलानी। सावन
नीं पण पूस री रात बितावणनै। हां जी। विगत में कुछ बरसां सूं अठै पौष
मास में यानी जनवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव (camel fastival)
मनायो जावै । 

चांदनी रात्यां में लाडेरा रा चिमकता धोरां अ‘र शहर रै विशाल डा करणी सिंह स्टेडियम अ'र अबै धरणीधर मैदान में भी तीन दिनां रौ ऊंट उत्सव मनाइजै। इण रै
ठोड़ लोकरंगा नै साकार होवता देखण रा शौकीन जवानां रौ वर्ग तो आकरसन में
बंध्योइज है। विदेशी पर्यटक भी खूब पहुंचै।
बर्फ री चादर सूं ढक्योड़ी जमीन नै देखणिया विदेशी पर्यटकां नै अठे रेत
रै टीबां माथै भागता दौड़ता ऊंटां रा टोळा अ‘र उणारी नाच-कलाबाजियां सूं
भरयोड़ा करतब देखणै रौ अनुभव रोमांचित तो करै इ है। ओ इ रोमांच लगोलग सालोसाल पर्यटकों री गिणती बढ़ावण में सैयोग करै।

 फेस्टीवल मायं फगत ऊंटों रा टोळा इ नीं
पण मरु भूमि रै लोक जीवण रौ भी आकरसण है। विदेशी युवतियां वास्ते पर्यटन विभाग मिस मरवण होडाहोड राखै जिकी खास आकरसण रैसी।

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