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बढ़ेगा राजस्थान, सिकुड़ेंगे जिले !
जयपुर । राजस्थान में विकास के लिए कुछ जिलों को सिकोड़कर जिलों की संख्या बढ़ानी लगभग तय मानी जा रही है चुनावी साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में पांच से छह नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं। नए जिलों के गठन पर सिफारिश के लिए रिटायर्ड आईएएस रामलुभाया की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट आने में दो महीने की देरी के आसार हैं। दिसंबर तक कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को दे सकती है, जिसमें प्रदेश के 60 अलग-अलग जगहों को जिला बनाने की मांग पर कमेटी अपना मत देगी।
रामलुभाया कमेटी को विधायकों, नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने भी जिला बनाने के लिए अलग-अलग ज्ञापन दिए हैं। नए जिलों के लिए आई डिमांड के बाद कमेटी अब रिपोर्ट तैयार करने के काम में जुटी है। हर जगह का डिटेल से ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। कौन सा क्षेत्र या कस्बा जिला बनने के मापदंड पूरे करता है, कौन सा नहीं, कौन से फैक्ट पक्ष या विपक्ष में हैं, इसका उल्लेख रिपोर्ट में होगा।
पांच से छह नए जिले संभव
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अगले बजट
से पहले ही रामलुभाया कमेटी की रिपोर्ट और
सिफारिशों पर फाइनल मुहर लगा सकते हैं।
रामलुभाया कमेटी जिस तेजी से रिपोर्ट पर काम
कर रही है, उससे लग रहा है कि सरकार पांच से
छह नए जिले बना सकती है। कोटपूतली,
बालोतरा, फलोदी, डीडवाना, ब्यावर, भिवाड़ी नया जिले बनाने की रेस में आगे हैं, हालांकि इस पर सरकार के स्तर पर ही फैसला होगा।
रामलुभाया कमेटी का मार्च तक कार्यकाल बढ़ाया इस साल के बजट में मुख्यमंत्री अशोक
गहलोत ने नए जिलों के गठन के लिए हाईपावर
कमेटी बनाने की घोषणा की थी, इसके बाद 17
मार्च को रामलुभाया की अध्यक्षता में कमेटी
बनाई थी।
छह महीने में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन
सितंबर में कमेटी का कार्यकाल पूरा हो गया। बाद में इसे मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया। अब कमेटी दो महीने में रिपोर्ट देने की तैयारी कर रही है। पहले कमेटी को सितंबर तक रिपोर्ट देनी थी। कार्यकाल बढ़ाने से अब यह रिपोर्ट इस साल के आखिर तक आने की संभावना है। जिससे यह चुनावी साल में बड़ा मुद्दा बन सकेगा।
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