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साहब... बड़ी आशंका से घिरा पीबीएम अनजान...!


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साहब... बड़ी आशंका से घिरा पीबीएम अनजान...! 

बीकानेर । पीबीएम होस्पीटल बड़ी आशंका से घिरा है मगर खुद अनजान है या इस ओर उदासीनता ब्रत रहा है? पीबीएम में रोजाना निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट से ही आशंकाएं जन्म ले रही हैं। इस वेस्ट के संक्रमण से बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है। क्योंकि बायो वेस्ट का नियमानुस उचित निस्तारण नहीं हो पा रहा है। अस्पताल परिसर के पीछे बायो वेस्ट खुले में बिखरा है।  ट्रोमा सेंटर और कैंसर हास्पिटल से मेडिकल कॉलेज की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर मोर्चरी के पास डंपिग सेंटर में पट्टियां, सीरिंज, खाली बोतल, टिश्यू आदि का ढेर अक्सर पड़ा रहता है। यहां श्वानों की मौजूदगी आशंकाओं को बढ़ावा देती है। श्वान खाने पीने की चीजों को तलाशते वेस्ट की थैलियों को भंभोड़ते और इधर उधर ले जाते हैं। 

हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी स्थिति में बायो वेस्ट खुले में न फेंकने के सख्त हिदायत दे रखी है। बायो वेस्ट के निस्तारण के नियम तय
हैं। इसके बावजूद अस्पताल में इसकी पालना नहीं हो रही है । हालांकि डॉक्टर मानते हैं कि होस्पीटल से निकलने वाली पट्टियां, सीरिंज,
इंजेक्शन तथा अन्य सामग्री लोगों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।

खुले में रखे बायो वेस्ट का समय पर निस्तारण नहीं किए जाने पर इसके संक्रमण से बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में इस
बायोवेस्ट को तुरंत प्रभाव से निस्तारण करने की कार्रवाई को अमल में लाना चाहिए। हालांकि पीबीएम होस्पीटल में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए प्लास्टिक की रंगीन की थैलियां काम में ली जाती है। इस प्रक्रिया में अलग अलग अवशिष्ट पदार्थों को अलग रंगों के थैलों में डाला जाता है। 

इन थैलों में सर्जरी में कटे शरीर के भाग, लैब के सैंपल, खून से युक्त मेडिकल की सामग्री एक्सपेरिमेंट में उपयोग जानवरों के अंग डाले जाते हैं। इन्हें जलाया जाता है या बहुत गहराई में दबा देते हैं। इसमें दस्ताने, कैथेटर, आईवीसेट, कल्चर प्लेट डाली जाती है। इनको पहले काटते हैं फिर ऑटोलेव से डिस्इन्फेक्ट करते हैं। लेकिन होस्पीटल के सफाई कर्मी रंगीन थैलियों में इकट्ठा बायो वेस्ट एक ही जगह उड़ेल कर चले जाते है। बारिश के दौर में यह बायो वेस्ट पानी के बहाव के साथ डंपिग सेंटर के आस पास बिखर जाता है। जो अस्पताल के कर्मचारियों के अलावा यहां भर्ती मरीजों व आसपास रहने वाले लोगों को संक्रमण फैलाने का जरिया बन सकता है। मगर होस्पीटल प्रशासन इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहा है। 

(युगपक्ष 🙏) 



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