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कबीर यात्रा : कतरियासर में बिखरी कबीर वाणी अंतिम सोपान में कलाकारों ने छोड़ी अमिट छाप




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5 अक्टूबर 2025 रविवार

खबरों में बीकानेर


✒️@Mohan Thanvi

कबीर यात्रा : कतरियासर में बिखरी कबीर वाणी 
 अंतिम सोपान में कलाकारों ने छोड़ी अमिट छाप




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कबीर यात्रा : कतरियासर में बिखरी कबीर वाणी 
 अंतिम सोपान में कलाकारों ने छोड़ी अमिट छाप
बीकानेर, 5 अक्टूबर
" मिलो रे मिलो कोई म्हारे देस रा, दो दो बातें करांगा जी...मत कर माया को अंहकार...कबीर वाणी के ऐसे स्वर जब रविवार को कतरियासर में जसनाथ जी मंदिर में गूंजे, तो मानो भक्ति का अमृत बरस पड़ा। मौका था राजस्थान कबीर यात्रा के अंतिम पड़ाव का। अंतिम दिन कबीर यात्रा कतरियासर पहुंची थी। मलंग फोक फाउंडेशन, लोकायन संस्थान, जिला प्रशासन बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में एक से पांच अक्टूबर तक राजस्थान कबीर यात्रा का आयोजन किया गया था। 
कतरियासर में शाम को कबीर वाणी गायकों ने ऐसा समां बांधा कि श्रोता अभिभूत हो गए। कलाकारों ने एक से बढ़कर एक वाणी, निर्गुण भजनों की झड़ी लगा दी। कबीर यात्रा में शामिल यात्री और स्थानीय ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी भी कबीर भक्ति रस की सरिता में डूब गए।  
श्रोताओं ने कलाकारों की प्रस्तुति पर जमकर दाद देकर हौसला बढ़ाया। कार्यक्रम में महंत श्री बीरबल नाथ जी, तहसीलदार रामचंद्र जी, दीपक अग्रवाल जी मौजूद रहे। 
इन कलाकारों स्वरों का दिखाया जादू
कार्यक्रम में मालवा के ख्यातिनाम वाणी गायक कालूराम बामनिया "मिला रे मिलो रे मिलो कोई म्हारे देस रा, दो-दो बातां करांगा जी...कबीर की वाणी को भावपूर्ण सुनाया, तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा। कलाकार ने "मेला है पर मिलता नहीं कोई संतों ऐसा...पीयू जी बिना म्हारो प्राण...सरीखी वाणियां और निर्गुण भजन सुनाकर समां बांध दिया।  
कार्यक्रम में कबीर कैफे की टीम ने सूफियाना अंदाज में "घट-घट में पंक्षी बोलता है...चदरिया झीनी-रे झीनी...मत कर माया का अंहकार...चौरासी की नींद ने...सहित सूफी, वाणी और निर्गुण भजनों का ऐसा समागम सुनाया कि श्रोता झूम उठे। कार्यक्रम में मूरालाल मारवाड़ा ने भी मधुर प्रस्तुतियां देकर सभी को मन मोह लिया। 
कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह ने बताया कि रविवार को कतरियासर में कबीर यात्रा का अंतिम पड़ाव था। इस बार यात्रा में सौ से अधिक कलकार आए थे और बड़ी संख्या में यात्री भी शामिल हुए। साथ ही विदेशी कलाकारों ने भी इस बार अपनी भागीदारी निभाई। गोपाल सिंह ने राजस्थान कबीर यात्रा के सफर पर प्रकाश डाला। साथ ही आए हुए अतिथि कलाकारों का अभिनंदन किया गया।

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