बिकाणा की धार्मिक संस्कृति, राजनैतिक परिवेश पर शोध हो -डॉ. राजेंद्र जोशी
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14 सितम्बर 2025 रविवार
खबरों में बीकानेर
✒️@Mohan Thanvi
बिकाणा की धार्मिक संस्कृति, राजनैतिक परिवेश पर शोध हो -डॉ. राजेंद्र जोशी
1.बिकाणा की धार्मिक संस्कृति, राजनैतिक परिवेश पर शोध हो -डॉ. राजेंद्र जोशी
2.इतिहास को भारतीय दृष्टि से लिखा जाए -डॉ. अशोक शर्मा
3.लोकदेवता लोक संस्कृति के संवाहक -श्रीमाली एवं बीका
आज पांच मंदिर में आयोजित राती घाटी समिति की कार्यकारिणी बैठक का प्रारंभ पंडित ओम नारायण श्रीमाली के वैदिक महालक्ष्मी प्रार्थना से हुआ।
सर्वप्रथम राती घाटी समिति के नए क्षितिज विषय पर डॉ. राजेंद्र जोशी ने कहा- हमें राती घाटी युद्ध के समय अर्थात आज से पांच सौ वर्ष पूर्व के काल में मरूक्षेत्र की धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक परिवेश पर नवीन शोध करनी चाहिये।
डॉ. अशोक शर्मा ने कहा भारत के इतिहास को राष्ट्रीय दृष्टि से लिखने की आवश्यकता है। हमने सती पद्मिनी के जौहर और हल्दीघाटी युद्ध के पूर्व रचित भ्रामक इतिहास का खंडन कर सत्य इतिहास उजागर किया है। हम शीघ्र ही युग युगीन श्री कोलायत जी गोष्टी करने जा रहे हैं।
श्री शक्ति प्रसन्न बीठू ने नई पीढ़ी को इतिहास में रुचि के लिए प्रेरित करना चाहिए।
श्री गोविंद नारायण श्रीमाली ने पर्यटन के क्षेत्र में राती घाटी युद्ध के महत्व और समिति प्रयासों की जानकारी दी।
श्री जानकी नारायण श्रीमाली ने लोकदेवता मेहाजी मांगलिया और श्री नरेंद्र सिंह बीका ने लोकदेवता हड़बूजी के लोक संस्कृति पर प्रभाव की विवेचना की।
राती घाटी युद्ध का आगामी विजयोत्सव दिनांक 2 नवंबर को मनाने का निश्चय किया गया।
कर्मठ कार्यकर्ता शिक्षक श्री जीवन प्रकाश जी बामनिया का सेवानिवृत्ति के उपलक्ष में भावभीना स्वागत किया गया।
सभा में सर्वश्री शिवशंकर चौधरी, महावीर सिंह पंवार, भंवर सिंह बीका, तेजमाल सिंह टांट, डॉ. रामगोपाल शर्मा, मोटाराम माहिया लूणकरणसर, राजेंद्र सिंह राठौड़ नोखा, चंडीदान किनियां देशनोक, भीम सिंह राजपुरोहित, राजीव गौतम, प्रदीप सिंह चौहान, कमल नयन शुक्ला, डॉ. गणेश सदारंगाणी व भगवान सारण आदि ने चर्चा में भाग लिया।
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