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टेक्सटाइल व बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट समेत अन्य एमएसएमई इकाइयों के सम्मति और प्राधिकार प्रकरणों का होगा त्वरित निस्तारण: अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल











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-ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की ओर राज्य के बढ़ते कदम
- टेक्सटाइल व बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट समेत अन्य एमएसएमई इकाइयों के सम्मति और प्राधिकार प्रकरणों का होगा त्वरित निस्तारण: अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल  

जयपुर, 3  फरवरी। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण द्वारा ईज  ऑफ डूइंग बिजनेस की राह में निरंतर प्रयास किये जा रहे है । राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने बताया कि पूर्व में भी मंडल द्वारा आदेश  जारी कर विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों की शक्तियां मुख्यालय से क्षेत्रीय कार्यालय को स्थानांतरित की गई थी । उन्होंने बताया कि इस निर्णय से मंडल के  लंबित प्रकरणों में कमी आई है तथा उद्यमियों को अपने क्षेत्र में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय से ही  सम्मति  प्राप्त करने में सुगमता मिली है । ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रीय अधिकारियों की शक्तियों में मंडल द्वारा और अधिक विस्तार किया गया है । मंडल के इस प्रयास से विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों के लंबे समय से विचाराधीन प्रकरणों का त्वरित निस्तारण संभव हो सकेगा

 उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इसी दिशा में एक और  कदम आगे बढ़ाते हुए मंडल ने आदेश  जारी कर लाल  व नारंगी श्रेणी के 9 औद्योगिक सेक्टरों को सम्मति और प्राधिकार जारी करने के अधिकार मुख्यालय के स्थान पर क्षेत्रीय कार्यालय को प्रदान किए हैं । उल्लेखनीय है कि पूर्व में 20,000 वर्ग मीटर से कम बिल्टअप एरिया वाले बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट क्षेत्रीय अधिकारियों के क्षेत्राधिकार में थे , उन्हें अब विस्तार देते हुए 50,000 वर्ग मीटर तक बढ़ा दिया गया है जिसके फलस्वरुप 50,000 वर्ग मीटर तक के बिल्डिंग एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के सम्मति और प्राधिकार क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर ही प्राप्त कर सकेंगे।

इसी प्रकार टेक्सटाइल उद्योग जिनमें एफ्लूएंट 100 केएलडी तक उत्पन्न होता था केवल वही क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर  किए जा रहे थे, परंतु मंडल के आदेश के पश्चात क्षेत्रीय अधिकारियों की शक्तियों में विस्तार करते हुए इसे बढ़ाकर 200 केएलडी तक किया जा चुका है अब 200 केएलडी तक एफ्लूएंट उत्पन्न करने वाली इकाइयों को मुख्यालय पर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे ।

वही पूर्व में सभी लेदर प्रोसेसिंग इकाइयों की शक्तियां भी मुख्यालय के पास ही थी परंतु अब इसमें परिवर्तन कर सीईटीपी से जुड़ी इकाइयों के सम्मति और प्राधिकार की शक्तियां क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रदान कर दी गई है। केमिकल एवं डाइस से जुड़े विभिन्न औद्योगिक सेक्टरों में एमएसएमई स्केल की इकाइयों के सम्मति और प्राधिकार अधिकारों का भी  विकेंद्रीकरण किया गया है, जिससे अब इन इकाइयों को क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ही सम्मति प्रदान की जा सकेगी ।




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