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कर्ज : राजस्थान पर बढ़ता कर्ज, फ्री लें आप तो क्या चुकाती रहेंगी पीढ़ियां !! …












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*खबरों में बीकानेर*


कर्ज : राजस्थान पर बढ़ता कर्ज, फ्री लें आप तो क्या चुकाती रहेंगी पीढ़ियां !! …

पढ़ें *खबरों में बीकानेर* की इस खास पेशकश में चौंकाते आंकड़े  

राजस्थान पर कर्ज बढ़ रहा है। ऐसा रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट जाहिर कर रही है। लेकिन लग ऐसा रहा है जैसे इस रिपोर्ट के गंभीरता राजनीतिक हलकों से दूर है। सत्ताधीन पार्टी तो इस ओर आंख उठाकर भी नहीं देख रही। ऐसा महसूस करने के पीछे कारण है घोषणाओं पर घोषणाओं का होना। और वह भी ऐसी घोषणाएं जिनमें जनता को सुविधाएं बढ़ा कर देने अथवा कतिपय चीजें मुफ्त उपलब्ध करवाने की गारंटी भी शामिल है। 

यहां एक बात याद आती है। बड़े बुजुर्ग कह गए हैं - कर्ज लेकर घी नहीं पीना चाहिए। और इसी से जुड़ी एक और लतीफे की बात भी याद आती है जिसमें कूट-कूटकर गंभीरता छुपी हुई है। वह यह की किसी रेस्टोरेंट में एक बोर्ड लगा था। जिस पर लिखा था - अपनी पसंद का खूब जी भर कर खाए चुकाएंगे आपके पोते। एक बार उस बोर्ड पर लिखे पर अमल करते हुए किसी व्यक्ति ने खाना खया और जाने लगा प्रबंधक ने उससे कहा - आपके दादा यहां खाकर गए थे उनका पैसा आप दे दीजिए। आपका बिल का पैसा आपका पोता चुकाएगा। यानी की येनकेन प्रकारेण आपकी जेब से ही मूल्य निकालने की व्यवस्था या तो की जा चुकी है या की जाएगी। ऐसा ही बाजार के नियम पर लागू होता है। और बाजार के इस नियम के मुताबिक अगर खर्च हुआ है तो उसकी भरपाई आए से ही हो सकती है। कर्ज से नहीं। जबकि राजस्थान पर कर्ज बढ़ रहा है। ऐसा आरबीआई की रिपोर्ट के दम पर हम कह सकते हैं। 

अब बात रिपोर्ट और आंकड़ों की


 प्रदेश में इस तीमाही यानी अप्रैल से अगस्त तक सरकार 12,288 करोड़ कर्ज ले चुकी है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर में 14000 करोड़ और कर्ज लेगी। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार तो 2022-23 के दौरान प्रदेश का कर्ज बढक़र 5,37,013 करोड़ रुपए हो गया है। जो एक साल पहले 4,58,089 करोड़ रुपए था। 

राजस्थान सरकार भी बॉन्ड बाजार में जा रही है। पंजाब के बाद ये प्रदेश देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ है। वोटर्स को लुभाने के लिए राज्य सरकार फ्री ब्री योजनाएं या जिन्हें सामाजिक न्याय की योजनाएं बता रही है, उन पर जमकर पैसा बहा रही है। पिछले 6 महीने में आधा दर्जन बड़ी योजनाओं में काफी पैसा आवंटित किया गया है।

यह है खर्च की सच्चाई, आय है कर्ज !! 

राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना से लगभग 1.10 करोड़ लोगों को लाभ देने की योजना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले परिवार इस योजना का लाभ ले सकते हैं। 

 इस योजना के लिए सरकार सालाना 4,500 करोड़ खर्च करेगी।


मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना 2023 के तहत चिरंजीवी परिवार की महिलाओं को सरकार की ओर से स्मार्टफोन निशुल्क दिए जा रहे हैं। इस योजना का लाभ 1 करोड़ 35 लाख महिलाओं को दिया जाना है। मोबाइल फोन के लिए कोई पैसा नहीं लगेगा। फ्री मोबाइल योजना 2023 के तहत स्मार्टफोन के साथ 3 साल का डाटा और कॉलिंग भी मुफ्त मिलेगी। योजना का बजट 1200 करोड़ रुपये है।


राज्य में ग्रिड से जुड़े 1 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को कांग्रेस सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप राजस्थान में 1 जून से प्रत्येक घर को हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त दे रही है। इस योजना से राज्य के खजाने पर सालाना 7,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है।


राजस्थान सरकार ने इस साल वरिष्ठ नागरिकों के लिए वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की भी घोषणा की है। इस पेंशन योजना में हर साल 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। बढ़ी हुई पेंशन से सालाना 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 367 करोड़ रुपये होगा।


राजस्थान सरकार ने इसी साल उज्ज्वला योजना के तहत 76 लाख परिवारों को कवर करते हुए उपभोक्ताओं के लिए 500 रुपये प्रति यूनिट एलपीजी सिलेंडर की घोषणा की। इससे सरकार पर हर साल 750 करोड़ रुपये का अनुमानित बोझ बढ़ेगा।
 



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