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भक्ति भाव से होते है मनोविकार दूर-साध्वीश्री मृगावती


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 श्री भक्तामर अभिषेक विधान..
भक्ति भाव से होते है मनोविकार दूर-साध्वीश्री मृगावती
बीकानेर, 23 सितम्बर। साध्वीश्री मृगावती, बीकानेर मूल की साध्वी सुरप्रिया व नित्योदया के सान्निध्य में शनिवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में चल रहे श्री भक्तामर अभिषेक व पूजा विधान में भगवान आदिनाथ के जयकारों के साथ पूजा की गई।

 
साध्वीश्री मृगावतीश्रीजी ने भक्तामर स्तोत्र की 25-26 वीं गाथा का विवेचन करते हुए कहा कि मानतुंगाचार्य ने भगवान आदिनाथ की साधना, आराधना व भक्ति के इस स्तोत्र में जुड़ी सभी कड़ियां परमात्मा के प्रति आस्था, विश्वास व निष्काम भक्ति की भावना जगाती है। तीन लोकों के जीवों को मोक्ष के लिए देशना देने वाले परमात्मा योगी, विधाता, पुरुषोतम तक पहुंचाने वाले है। भक्तामर स्तोत्र भाव व भक्ति के साथ जाप करने से मनोविकार दूर होते हैं। 









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