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जयपुर : सांस्कृतिक इंद्रधनुष में गहराया सफेद कबूतर का शान्ति और प्रेम का संदेश आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत मासिक अदबी गोष्ठी आयोजित

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जयपुर : सांस्कृतिक इंद्रधनुष में गहराया सफेद कबूतर का शान्ति और प्रेम का संदेश 
आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत मासिक अदबी गोष्ठी आयोजित 








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जयपुर : सांस्कृतिक इंद्रधनुष में गहराया सफेद कबूतर का शान्ति और प्रेम का संदेश 
आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत मासिक अदबी गोष्ठी आयोजित 

जयपुर, 29 नवम्बर । राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज अकादमी कार्यालय में मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार हरीश करमचंदाणी ने शान्ति और प्रेम का संदेश देती कविता “सफेद कबूतर' प्रस्तुत की। गोष्ठी में दिलीप पारवानी ने “गुरू नानक देव के विचार एवं प्रसंग", विषयक लेख में गुरूनानक देव के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। पार्वती भागवानी ने 'सिन्धिनि जा मुंदायता खाधा', में अलग-2 ऋतुओं और मौसमों के हिसाब से अलग-2 व्यजनों पर टिप्पणी की। माया वसन्दानी ने 'पहाका ऐं इस्तिलाह' (बुनियादी जाण) पहाकों की जानकारी देते हुये सुन्दर उदाहरणों के साथ व्याख्या की। डा.दीक्षिता अजवानी ने “विरहाडे. जी तस्वीर ऐं सिन्धी समाज' विषयक लेख में सिन्धी एक जाति नहीं, सिन्ध के निवासी होने के कारण सिन्धी कहलाये। उन्होंने उक्त विषय पर विस्तार से अपने विचार रखे। 

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, सुरेश सिन्धु, रमेश रंगानी, नन्दिनी पंजवानी, पूजा चांदवानी, वासदेव मोटवानी, हर्षा पंजाबी, महेश कुमार किशनानी, डी.डी.ईसरानी सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 







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