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कोरोना : अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी जर्मनी ने नई वैक्सीन बनाने कदम बढाए

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कोरोना : अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी
जर्मनी ने नई वैक्सीन बनाने कदम बढाए

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर दुनिया के तमाम देश अलर्ट मोड पर है। भारत में भी कुछ सख्त कदम उठाए हैं। जिनमें से एक है अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी करना।  दूसरी ओर जहां कई देशों में ओमीक्रोन के बारे में चर्चाएं तेज हैं, वहीं जर्मनी ने ऐसी वैक्सीन विकसित करने का कहा है जो ओमीक्रोन पर भी प्रभावी रहे। 

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नई दिल्ली, 29 नवंबर: भारत ने कोविड के ओमीक्रॉन वेरिएंट को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी किए हैं। इसके तहत जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर उतरते ही कोरोना की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। यह टेस्ट उन यात्रियों को भी करवाना होगा, जो कोविड टीके के पूरी डोज ले चुके होंगे। गाइडलाइंस में यह भी साफ किया गया है कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत यात्रियों को आइसोलेशन में रहना होगा और आवश्यक इलाज किया जाएगा। नई गाइडलाइंस 1 दिसंबर, 2021 से लागू होगी। 

India has issued revised guidelines for international travelers in view of the Omicron variant of Covid-19
जोखिम वाले देश से आए यात्रियों को टेस्ट करवाना जरूरी
कोविड के ओमीक्रॉन वेरिएंट के खतरे की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइंस जारी किए हैं। जिन देशों की भी पहचान जोखिम वाले देशों के तौर पर की गई हैं, वहां से आने वाले सभी यात्रियों को (चाहे टीके लगवाएं हों या नहीं) उनके लिए एयरपोर्ट पर उतरते ही कोविड टेस्ट करवाना जरूरी कर दिया गया है। इसके अलावा उड़ान से 72 घंटे पहले करवाए गए टेस्ट रिपोर्ट भी पहले की तरह जरूरी रहेगा।


गाइडलाइंस की मुख्य बातें:

टेस्ट के दौरान जिस यात्री की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई, उन्हें तय कोविड प्रोटोकॉल के तहत आइसोलेट करके इलाज किया जाएगा और उनका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भी लिया जाएगा।
जिन यात्रियों की रिपोर्ट निगेटिव आएगी, उन्हें भी 7 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। ऐसे यात्रियों को भारत आने के 8वें दिन फिर से टेस्ट करवाना होगा, उसके बाद अगले 7 दिन तक उन्हें खुद पर निगरानी रखनी होगी।
ओमीक्रॉन वेरिएंट के खतरे का दायरा बढ़ने और कई देशों में इसके पहुंचने की वजह से यह भी तय किया गया है कि एयरपोर्ट पर रैंडम आधार पर उन 5% यात्रियों की भी टेस्ट करवाई जाएगी, जो 'जोखिम वाले देशों' से नहीं आए हैं।
एयरपोर्ट पर, होम आइसोलेशन में या रैंडम सैंपलिंग के दौरान कोविड पॉजिटव पाए गए सभी सैंपल को होल जीनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए चिन्हित लैब में भेजा जाएगा, जिससे कि वेरिएंट की मौजूदगी का पता चल सके (ओमीक्रॉन समेत)
बी.1.1.529 वेरिएंट (ओमीक्रॉन) की जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे पहले 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली। 26 नवंबर को डब्ल्यूएचओ की टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ने इस वेरिएंट को बहुत सारे म्युटेशन की वजह से वेरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) घोषित किया। कुछ म्युटेशन की वजह से इसके ज्यादा संक्रामक होने की आशंका है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता नाकाम होने का भी खतरा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इससे जुड़े हर पहलुओं पर लगातार नजर रख रहा है।
राज्यों को भी सलाह दी गई है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें, टेस्टिंग बढ़ाएं, हॉटस्पॉट पर नजर रखें, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार सुनिश्चित करें, जिसमें सैंपल का होल जीनोम सिक्वेंसिंग करना भी शामिल है।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने महामारी की स्थिति को देखते हुए लोगों से अभी भी कोविड अनुरूप व्यवहार (मास्क/फेस कवर लगाने, शारीरिक दूरी रखने, हाथ की स्वच्छता और सांस सबंधी स्वच्छता) करने और कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की अपील की है।




C P MEDIA








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