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अवसर देकर खत्म करें बेटा-बेटी का भेद-गौतम

बीकानेर, 02 मार्च। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा समाज में बेटियों के साथ हर तरह के भेदभाव को खत्म करने के लिए उन्हें समान अवसर देने की आवश्यकता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह की शुरूआत के अवसर पर सोमवार को महिला अधिकारिता विभाग की ओर से रवींद्र रंगमंच पर आयोजित समारोह में गौतम ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की बराबर भागीदारी रही है। समाज में लिंग के आधार पर जो भेद दिखते हैं उनको बदलने के लिए महिलाओं को अपने घर से शुरुआत करनी होगी। महिलाएं इस बदलाव में अपनी प्राथमिक भूमिका निभाते हुए बेटी को पैदा होने, पालन-पोषण तथा शिक्षा लेने का अवसर दें। अवसर देने से ही बेटियां समाज में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए स्वयं का तथा समाज का विकास कर सकेंगी।
    गौतम ने कहा कि बालिकाओं को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस के लिए भी जागरूक होने की आवश्यकता है। माता-पिता अपनी बच्चियों को सेल्फ डिफेंस के प्रशिक्षण दिलवाएं, इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह किसी भी प्रकार के अत्याचार का डटकर मुकाबला कर सकेंगी।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि वर्तमान में सभी क्षेत्रों में महिलाएं अपनी क्षमता और कार्यशैली का लोहा मनवा रही है। पुलिस में भी महिलाओं का बेहतरीन योगदान है। वर्तमान में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की संख्या बढ़ी है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अब महिलाएं अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार को सहन नहीं करती है, बल्कि  महिलाएं  अधिक सजग हुई है और अब वह खुलकर इन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि महिलाएं स्वयं को स्वावलंबी बनाएं ताकि आर्थिक निर्भरता प्राप्त कर वे और अधिक सशक्त बन सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला दूसरी महिला के सशक्तिकरण के लिए भी प्रयासरत रहें।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज शर्मा ने कहा कि विधि द्वारा महिलाओं को भी निःशुल्क विधिक सहायता देने का संवैधानिक अधिकार दिया गया है। महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सजग हों और सरकार के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आए। उन्होंने विधिक पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में सेना में सभी पदों पर महिलाओं की नियुक्ति के संबंध में दिए गए अहम फैसले से समाज में महिलाओं की बराबरी स्थापित करने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) सुनीता चैधरी, उपखंड अधिकारी रिया केजरीवाल, आईसीडीएस उपनिदेशक शारदा चैधरी, राजस्थान पुलिस सेवा की अधिकारी किरण गोदारा तथा डा.विमला डुकवाल, प्रभा भार्गव ने भी विचार रखे। समारोह में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा साथिन उपस्थित थी।
महिला अधिकारिता विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में उपनिदेशक महिला अधिकारिता ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ साथिन के रूप में धीरदेसर चोटियां की विमला देवी को 11 हजार रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। महिला एवं बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए 24 माता यशोदा पुरस्कार दिए गए तथा सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने वाली 20 स्कूलों तथा 10 बच्चियों को भी कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया।






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