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कबीर यात्रा : कालासर गांव हुआ कबीरमय, कलाकारों ने भक्तिरस में डुबोया, सूफी और वाणी गायन के मुरीद हुए ग्रामीण




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2 अक्टूबर 2025 गुरुवार

खबरों में बीकानेर


✒️@Mohan Thanvi

कबीर यात्रा : कालासर गांव हुआ कबीरमय, कलाकारों ने भक्तिरस में डुबोया, सूफी और वाणी गायन के मुरीद हुए ग्रामीण


कविता सेठ ने छेड़े सूफी तराने, रेतीला राजस्थान बैंड ने जमाया रंग, राजस्थान कबीर यात्रा का हुआ आगाज, श्रोता हुए भावविभोर






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कबीर यात्रा : कालासर गांव हुआ कबीरमय, कलाकारों ने भक्तिरस में डुबोया, सूफी और वाणी गायन के मुरीद हुए ग्रामीण

बीकानेर, 2 अक्टूबर 2025।
"मोको कहां ढ़ूंढ़े रे बंदे, मैं तो तेरे पास में, ना तीरथ में नाम मूरत में...सुनता है गुरू ज्ञानी...ज्ञानी रे...सरीखी कबीर वाणी के स्वर गुरुवार को जब कालासर में गूंजे, तो गांव का माहौल कबीरमय हो गया। कलाकारों ने कबीर वाणी और भक्ति रस की जुगलबंदी पेश की, तो ग्रामीण अभिभूत हो गए। अवसर था राजस्थान कबीर यात्रा के दूसरे दिन की प्रस्तुति का। मलंग फोक फाउंडेशन, लोकायन संस्थान, जिला प्रशासन बीकानेर, बीकानेर विकास प्राधिकरण और नगर निगम बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राजस्थान कबीर यात्रा में इस बार सौ से ज्यादा कलाकार भागीदारी निभा रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में कबीर यात्रा में शामिल होने के लिए विभिन्न शहरों से कबीर की वाणी प्रेमी श्रोता भी आए हैं। 
कार्यक्रम में कालासर बीडीओ साजिया तब्बसुम,सरपंच राम लक्ष्मण गोदारा, पूर्व सरपंच लक्ष्मण सिंह भाटी, भैरा राम डोगीवाल, लेखाधिकारी राजू राम, बीडीओ अशोक कुमार,राकेश डोगीवाल, रेखाराम मेघवाल सहित गणमान्य लोग और अधिकारी शामिल रहे। 
इन्होंने बांधा स्वरों से समां...
कार्यक्रम में पूगल के मीर रजाक और अब्दुल जब्बार ने कबीर की वाणी और सूफी अंदाज में स्वरों से समां बांध दिया। कलाकारों ने "साचा साहेब एक तू...मोको कहां ढ़ूढ़े रे बन्दे...मैं तो तेरे पास में...की दमदार प्रस्तुति देकर महफिल मे रंग जमा दिया। वहीं केरला के ग्रुप महफिल ए समा ने "सूफी कलाम दमादम मस्त कलंदर...के स्वर छेड़े तो श्रोता झूमने को मजबूर हो गए। कार्यक्रम में बैंगलुरु के वाणी गायक वासु दीक्षित ने अपने खास अंदाज में "थारा रंग महल में अजब शहर में...और वारी जाऊं...बलिहारी जाऊं सुनाया तो बाहर से आए महमानों के साथ ही ग्रामीण भी कबीर की भक्ति सरिता में हिलारे लेने लगे।  
तीन अक्टूबर को छत्तरगढ में होगी
राजस्थान कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को छत्तरगढ़ में कबीर यात्रा का आयोजन होगा। इसमें आमंत्रित कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। गोपाल सिंह के अनुसार इस बार सौ से अधिक कलाकार कबीर यात्रा में भागीदारी निभा रहे हैं। इसमें देश के साथ ही जापान सहित अन्य देशों के कालाकार भी है।

कविता सेठ ने छेड़े सूफी तराने, रेतीला राजस्थान बैंड ने जमाया रंग, राजस्थान कबीर यात्रा का हुआ आगाज, श्रोता हुए भावविभोर

बीकानेर, 1 अक्टूबर 2025। 

"कबीरा चालत-चालत जुग भैया, कौन बताए धाम जी...गरब करे सो गंवारा, जोबन धन पावणा दिन चारा, हाड़ मांस का बण्या पूतला...सरीखी कबीर वाणी के स्वरों से  बुधवार की शाम रविन्द्र रंगमंच गूंज उठा। अवसर था राजस्थान कबीर यात्रा के आगाज का। जिला प्रशासन, मलंग  फाउण्डेशन, लोकायन संस्थान के तत्वावधान में आयोजित कबीर यात्रा के पहले दिन कबीर वाणियां, शबद, सत्संग और सूफी गायन की लोगों ने लुत्फ उठाया। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि और एसीबी के डीआईजी भुवन भूषण यादव ने दीप प्रज्जवलित किया। इस मौके पर कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने कबीर यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आप सभी कबीर यात्रा को जानिए और देखिए। इसका स्वागत करना हमारे लिए हर्ष का विषय है। यह यात्रा केवल उत्सव नहीं, बल्कि ग्रामीण समाज के लिए जीवंत सांस्कृतिक अनुभव है, जहाँ कबीर और सूफ़ी संतों की वाणी लोक परंपराओं में आज भी जीवित है। 

रेतीला राजस्थान ने जमाया रंग

कार्यक्रम का आगाज जोधपुर से आए रेतीला राजस्थान बैंड ने किया। इसमें शामिल कलाकारों ने गोविन्द सिंह भाटी के सान्न्ध्य में संगीतमयी प्रस्तुति से समां बांध दिया। कलाकारों ने गुरू वंदना "बलिहारी जाऊं रे...वारी-वारी जाऊं रे...के स्वर छेड़े तो पूरे माहौल कबीरमय हो गया। कलाकरों ने गणेश वंदना से कार्यक्रम शुरू किया। साथ ही "ओ म्हारो मीठौड़ा महमान घर आया...को समूह गायन में सुनाकर खूब दाद बटौरी। कलाकारों ने "कुंकू पत्री और रामदेव जी सायल, भजना सु लागे मीरा मीठी सुनाकर सभी को मंत्रमुगद कर दिया। 
 

कविता सेठ ने सूफी अंदाज में कराया अलौकिक अनुभव...

कविता सेठ अपनी गायकी में कबीर की वाणी को सूफरी अंदाज में पेश किया, तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा। उन्होने कबीर के सहस्यों और सौन्दर्य को अपने स्वरों में ऐसे पिरयो कि श्रोताओं को अलोकिक अनुभव करवा दिया। कलकार ने "छाप तिलक सब छिनी री रे मौसे नेना मिलायके...कबीरा चालत-चालत जुग भैया, कौन बताए धाम जी...गरब करे सो गंवारा, जोबन धन पावणा दिन चारा, हाड़ मांस का बण्या पूतला...सहित कबीर की वाणियों की दमदार प्रस्तुतियों से अलग तरह की छाप छोड़ी। 

यह रहे सक्रिय...

आयोजन को लेकर जिला प्रशासन, लोकायन के महावीर स्वामी, मंलग फाउण्डेशन के कार्यकर्ता सक्रिय रहे। कबीर यात्रा के निदेशक गोपाल सिंह ने बताया कि कल कबीर यात्रा का सोपान कालासर में होगा। इस वर्ष राजस्थान कबीर यात्रा में 100 से ज़्यादा कलाकार भाग लेने के लिए आ रहे हैं जिसमे केरेला से कव्वाली ग्रुप, बेंगलुरु से वासु दीक्षित बैंड, मुंबई से कबीर कैफ़े, मालवा से पद्मश्री कालूराम बामनिया, अरुण गोयल, दयाराम सरोलिया, चेन्नई से वेदांत भारद्वाज, गुजरात से मुरालाला मारवाड़ा के अलावा राजस्थान के लोक कलाकार महेशाराम मेघवाल, रमा कुमारी, अब्दुल जब्बार, अब्दुल रज़ाक़, नथुखान, शिवजी एवं बद्री सुथार, ओमप्रकाश नायक, वकार अली भी कबीर यात्रा में सत्संग की प्रस्तुति देंगे।

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