शिक्षा विभाग सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की अव्यवस्थाओं में सुधार करो वरना होगा बड़ा आंदोलन - क्रीड़ा भारती
शिक्षा विभाग सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की अव्यवस्थाओं में सुधार करो वरना होगा बड़ा आंदोलन - क्रीड़ा भारती
-शिक्षा विभाग सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की अव्यवस्थाओं में सुधार करो वरना होगा बड़ा आंदोलन - क्रीड़ा भारती
*खबरों में बीकानेर*
-शिक्षा विभाग सादुल
स्पोर्ट्स स्कूल की अव्यवस्थाओं में सुधार करो वरना होगा बड़ा आंदोलन - क्रीड़ा भारती
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शिक्षा विभाग सादुल
स्पोर्ट्स स्कूल की अव्यवस्थाओं में सुधार करो वरना होगा बड़ा आंदोलन - क्रीड़ा भारती
शिक्षा विभाग द्वारा संचालित राजस्थान के एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय सादुल स्पोर्ट्स स्कूल की कई व्यवस्थाओं को लेकर शिक्षा विभाग में राजस्थान के उपनिदेशक रणजीत सिंह को क्रीड़ा भारती बीकानेर के द्वारा एक मांग पत्र सोपा गया। क्रीड़ा भारती बीकानेर के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा।
राठौड़ ने बताया कि उपनिदेशक को ज्ञापन के साथ-साफ शब्दों में कहा गया है कि आगामी 15 नवंबर तक सादुल स्पोर्ट्स स्कूल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को विभाग दुरुस्त कर देता है तो ठीक वरना बड़ा जन आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी राजस्थान शिक्षा विभाग की होगी।
प्रतिनिधि मंडल में महानगर संयोजक रामेंद्र हर्ष , वरिष्ठ उपाध्यक्ष दानवीर सिंह भाटी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ मौजूद रहे, दानवीर सिंह भाटी ने बताया कि सादुल स्पोर्ट्स स्कूल राजस्थान सरकार का एकमात्र आवासीय खेल विद्यालय है लेकिन शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण आज कई व्यवस्थाओं का शिकार हो गया है हमारी मांगों में मुख्य रूप से वहां रह रहे खिलाड़ियों की डाइट मनी को बढ़ाना है ।
विगत 17 साल से खिलाड़ियों की डाइट मनी महज 100 रुपए है, 17 साल में इसमें ₹1 की बढ़ोतरी नहीं होना शिक्षा विभाग की उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है। साथ ही प्रशिक्षक के 12 पद व सहायक प्रशिक्षक के 12 पदों पर प्रशिक्षक या NIS डिप्लोमा धारी शिक्षकों को ही लगाया जाए।
साथ ही वर्षों से बंद पड़ी डिस्पेंसरी व स्विमिंग पूल को शुरू करना व खाना बनाने के लिए स्थाई कुक की पोस्ट निकालना, 12 खेलों के खेल उपकरण की राशि कम से कम 2 लाख से बढ़कर 10 लाख करना, सभी खेल मैदाने के रखरखाव के लिए अलग से हर वर्ष बजट देना व खिलाड़ियों के रहने वाले सभी हॉस्टलों में प्रॉपर कूलर व गीजर की व्यवस्था करना हैं।
अगर 15 नवंबर तक शिक्षा विभाग इन मांगों को मानकर लिखित में घोषणा कर देते हैं तो ठीक है वरना बाद आंदोलन किया जाएगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी राजस्थान शिक्षा विभाग की होगी.
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