इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी की ओर से आयोजित कान्फ्रेस का हुआ समापन डॉक्टर्स ने सीखी कल्चर माइल्यू एवं मेण्टल इलनेस की बारीकियां






-


*खबरों में बीकानेर*




-





-

इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी की ओर से आयोजित कान्फ्रेस का हुआ समापन

 डॉक्टर्स ने सीखी कल्चर माइल्यू एवं मेण्टल इलनेस की बारीकियां


(यह भी नीचे पढ़ें 👇

इंडियन साईक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन की दो दिवसीय कान्फ्रेस का हुआ आगाज

राजमाइक्रोकॉॅन 2024 कान्फ्रेस का हुआ शुभारम्भ : नए इंफेक्शन डिजीज पर हूआ मंथन)

 *बीकानेर, 29 सितम्बर।* इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन और मानसिक रोग व नशामुक्ति विभाग 
(दिमांश) पीबीएम अस्पताल बीकानेर साइक्रेटिक सोसायटी की ओर से आयोजित दो दिवसीय कॉन्फ्रेस के दूसरे दिन कुल 8 सेसन हुए जिसमें मुख्य विषय डिजिटल साइक्रेटिक और मैनेजिंग क्लिनिकल सर्विसेज विद सोशल मीडिया मेंटल हैल्थ लिट्रेसी रहा।

 पोस्ट कॉन्फ्रेस के दौरान न्यूरोमॉड्यूलेशन और वर्कशॉप का प्रशिक्षण अपोलो हॉस्टिपटल नई दिल्ली से डॉ. शैलेष झा, श्रीगंगानगर से डॉ. रूप सिदाना ने दिया ओर पॉलीसोम्नोग्राफी (स्लीप स्टडी) कार्यशाला में नींद से संबंधित ऑब्सटेक्टिव स्लिप एपनिया व अन्य नींद की बीमारियों के निदान व उपचार का प्रशिक्ष्ण एम्स ऋषिकेश के साइक्रेट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रवि गुप्ता ने दिया। 
कार्यक्रम के दुसरे दिन पीजी क्विज का फाइनल राउण्ड आयोजित हुआ जिसमें डॉ. अविजित बत्रा, डॉ. चनेन्द्र ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया।

आयोजन समिति के सचिव डॉ. श्रीगोपाल गोयल ने अपने उद्बोधन में बीकोनर जोधपुर श्रींगंगानगर एवं पाली की मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में अभी तक हूई प्रगति की जानकारी साझा की, साथ ही वर्तमान में नवीनतम उपलब्ध मशीनों व उपचार के तरीकों के बारे में बताया और विभाग द्वारा पूर्व में आयोजित कान्फ्रेंसेज की जानकारी उपलब्ध करवाई। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु डॉ. देवेन्द्र सिंह व डॉ. प्रीति कुमारी का विशेष सहयोग रहा। 

 आयोजन समिति के को-चेयरर्सन एवे पीबीएम साइक्रेट्री विभागाध्यक्ष डॉ हरफूल बिश्नोई ने बताया कि कान्फ्रेस के दूसरे दिन सिंपोजियम ऑफ स्टेट्स का मुख्य प्रोग्राम आयोजित हुआ इसमें आपीएस नॉर्थ जॉन की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ममता सूद, अध्यक्ष डॉ. गुरविन्दर पाल सिंह, एडिटर डॉ. संदीप ग्रोवर, कोषाध्यक्ष डॉ. गुलबहार सिद्धू, डॉ. हितेश खुराना, डॉ. सुनील शर्मा एवं डॉ. जितेन्द्र जीनगर ने बीकानेर के बाहर साइक्रेट्री विभाग एवं अस्पतालों में होने वाले उपचार निदान एवं नवीन रिसर्च की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के अंत में चेयरपर्सन डॉ. अच्यूत त्रिवेदी ने सभी का आभार जताया और रेजिडेण्ट डॉक्टर्स के सहयोग की विशेष सराहना की। 


*कार्यक्रम के दौरान इनका हुआ सम्मान* 
कान्फ्रेस में विशेष योगदान देने पर डॉ. एके सिंघल, डॉ. के.के. वर्मा, डॉ. सिद्धार्थ असवाल, डॉ. अनंत राठी, डॉ. राकेश गढ़वाल, डॉ. अविनाश झाझडीया, डॉ. निशांत चौधरी, डॉ. मुरलीधर स्वामी, डॉ. देवानंद, डॉ. कन्हैया, डॉ. ज्योति चौधरी, डॉ भारती, डॉ. राकेश, डॉ. ईशा, डॉ. बृजरानी, डॉ. डिम्पल, डॉ. ममता, डॉ. तुलसी, डॉ. अदिति, डॉ आभा व्यास, डॉ. विशाल, डॉ.पवन, डॉ. विजय बोहरा, डॉ. पूजा, का सम्मान हुआ इनके अलावा फार्मा कंपनीज, प्रबंधन क्षेत्र में पुलक, दीपक, ऑडियो विजुअल के लिए शरद कालरा, कैटरिंग के लिए बाबूलाल गेदर पिं्रटिग कार्य हेतु ओमप्रकाश एवं पीबीएम साइक्रेट्री विभाग के नर्सिंग ऑफिसर्स के योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मीडिया प्रबंधन के लिए विनय थानवी का सम्मान किया गया।


*इंडियन साईक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन की दो दिवसीय कान्फ्रेस का हुआ आगाज*

*सांस्कृतिक प्रयासों से भी दूूर की जा सकती है मानसिक बीमारियों की जटिलता*

*बीकानेर, 28 सितम्बर।* सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से बीकानेर साइक्रेटिक सोसायटी तथा इंडियन साईक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर रोड स्थित श्रीगणेशम रिसॉर्ट में शनिवार को भव्य शुभारम्भ हुआ । इस कान्फ्रेस की थीम कल्चार मिल्यू एवं मेंटल इलनेस रही । सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक तथा इस कान्फ्रेंस के मुख्य संरक्षक डॉ. गुंजन सोनी इंडियन साइक्रेटिक सोसयटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मीकांत राठी, इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन के अध्यक्ष ममता सूद व अन्य अतिथियों सहित डॉ. अच्यूत त्रिवेदी, डॉ. श्रीगोपाल गोयल व डॉ. हरफूल बिश्नोई ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। 

कान्फ्रेस के संरक्षक डॉ. केके वर्मा तथा डॉ. अशोक सिंघल ने कान्फ्रेस में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया । इस आयोजन के दौरान एनएन विग, बक्षी तथा जीसी बोरल अवॉर्ड का प्रस्तुतीकरण दिया गया। आईपीएस नॉर्थ जॉन सचिव डॉ. नरेश नेवनानी ने अपने कार्यकाल का संक्षिप्त वर्णन दिया। डॉ. संदीप ग्रोवर ने नॉर्थ जॉन द्वारा प्रकाशित होने वाले जर्नल के बारे में बताया। इस दौरान मंचस्थ अतिथियों द्वारा सोविनियर और स्टेलवॉल्ट की दो पुस्तकों का विमोचन हुआ। डॉ. जितेन्द्र जींगर ने आईपीएस नॉर्थ की वेबसाइट में हूए नवीन परिवर्तनों को जानकारी दी। 

*अतिथियों ने किये अपने अनुभव साझा*
इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत राठी ने अपने उद्बोधन में राजस्थानी संस्कृति की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी मिट्टी में वो जादू है जहां हर कोई रहना पसंद करेगा। आईपीएस की उपाध्यक्ष डॉ. सविता मल्होत्रा ने नॉर्थ जॉन के द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की। आईपीएस के सचिव डॉ. अमृत पत्तोजोशी ने नॉर्थ जोन द्वारा साइक्रेटिक क्षेत्र में किये जाने वाले कार्यों को प्रोत्साहित किया। 

इंडियन साइक्रेटिक सोसायटी नॉर्थ जॉन की अध्यक्ष डॉ. ममता सूद ने अपने कार्यकाल में आयोजित विभिन्न कान्फ्रेस के अनुभव साझा किये साथ ही नॉर्थ जॉन की सदस्यता बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ. ममता सूद ने अध्यक्षीय पद का दायित्व प्रोफेसर एण्ड हैड मनोरोग विभाग एम्स भटीण्डा पंजाब के डॉॅ. गुरविन्दर पाल सिंह को सौंपा। उल्लेखनीय है कि डॉ. गुरविन्दर साइकोथैरेपि के भविष्य के बारे में भारत की स्थिति को लेकर मानसिक स्वास्थ्य पर गहन अध्ययन किया है। आईपीएस नॉर्थ जॉन के कोषाध्यक्ष डॉ. गुलबार सिंह सिद्धू ने इस कान्फ्रेस की थीम के बारे मे अपने विचार प्रकट किये।

प्राचार्य डॉ. सोनी ने सभी अतिथियों को एसपी मेडिकल कॉलेज द्वारा साइक्रेटिक क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया साथ ही बीकानेर की संस्कृति से अवगत करवाते हुए कहा कि आप यहां से अच्छे अनुभव लेते हुए जाए, पीबीएम अधीक्षक डॉ. पीके सैनी ने कहा कि आज आमजन में नशो की प्रवृति बढती जा रही है जिसका महत्वूर्ण कारण मानसिक रोग है, इस पर हमें सजगता से कार्य करना होगा। आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. अच्यूत त्रिवेदी ने मानव व्यवाहर पर अपने विचार रखे। आयोजन के दौरान डॉ. अशोक सिंघल ने भी अपने विचार रखे। डॉ. अंजू ठकराल ने कान्फ्रेस के प्रथम दिवस के प्रोग्राम की जानकारी प्रदान। आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. अच्यूत त्रिवेदी ने कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने वाले रेजिडेण्ट डॉक्टर्स का आभार जताया। 

यह रही कांन्फ्रेस की महत्वपूर्ण बातें 
संस्कृति इस बात को प्रभावित कर सकती है कि लोग मानसिक बीमारी के बारे में कैसे सोचते हैं, वे तनाव का सामना कैसे करते हैं, तथा वे किस प्रकार सहायता चाहते हैं।

मानसिक बीमारी को समझने के लिए सांस्कृतिक संदर्भ महत्वपूर्ण है, लेकिन यह पहचानना भी महत्वपूर्ण है कि सांस्कृतिक प्रथाएं समावेशी और बहिष्कृत दोनों हो सकती हैं। 

मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता अपने मरीजों की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को समझकर तथा आवश्यक संसाधन और सहायता प्रदान करके रोगी देखभाल में सुधार कर सकते हैं। 

भाषा और विचार में सांस्कृतिक अंतर मानसिक बीमारी के लक्षणों और उपप्रकारों में अंतर पैदा कर सकता है।
 
सांस्कृतिक कारक सामाजिक नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच निर्धारित करती हैं।

आयोजन के चेयरपर्सन अच्यूत त्रिवेदी ने कार्यक्रम के दौरान सहयोग देने वाले सभी प्रोफेसर्स व सीनीयर रेजिडेण्ट डॉक्टर्स का आभार जताया।

*राजमाइक्रोकॉॅन 2024 कान्फ्रेस का हुआ शुभारम्भ : नए इंफेक्शन डिजीज पर हूआ मंथन*

*डॉक्टर की सहमति बगैर नहीं करें एण्टीबायॉटिक दवाईयों का उपयोग*

*बीकानेर, 28 सितम्बर।* सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलॉजी विभाग तथा इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायलॉजी राजस्थान चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को जयपुर रोड स्थित रिद्धी सिऋी रिसोर्ट में तृतीय वार्षिक कान्फ्रेस राजमाइक्रोकॉन 2024 का शुभारंभ हुआ। इस दौरान नई इन्फेक्शन डीजिज जैसे नई नई फंगस और उनकी जांच उपचार व पर चर्चा हूईं। वरिष्ठ विषय विशेषज्ञों ने कहा कि वर्तमान में माइक्रोबायलॉजी में जीवाणु की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जा रही है इस पर गहन विमर्श हुआ। 
 सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक तथा इस कान्फ्रेस के मुख्य संरक्षक डॉ. गुंजन सोनी, इंडियन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल माइक्रोबायलॉजिस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. भारती मल्होत्रा सचिव डॉ. एस के सिंह, एसपीएमसी माइक्रोबायलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंजलि गुप्ता आयोजन समिति सचिव डॉ. तरूणा स्वामी ने ईश्वर के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कान्फ्रेस का शुभारंभ किया।
 प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया और विषय पर बात करते हुए कहा कि कोविड के बाद से माइक्रोबायलॉजी विभाग की और अधिक जिम्मेदारी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है मंकी पॉक्ट, ब्लैक फंगस नई स्कीन डिजिज जैसी बीमारीयां देखने को मिल रही है इसका कारण नए जीवाणुओं का उत्पन्न और उत्परिवर्तन है अतः ऐसी स्थिति में ऐसी कान्फ्रेस का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

*बाहर से इन अतिथियों ने की कॉन्फ्रेस में शिरकत*
आईएएमएम प्रेसिडेंट डॉ. भारती मल्होत्रा, सचिव डॉ. एसके सिंह, जिपमेर पुद्दूचेरी से डॉ. राकेश सिंह, दिल्ली एम्स से डॉ. ललितधर, दिल्ली से डॉ. मालिनी कपूर, आईसीएमआर आसम से डॉ. रीमा, दिल्ली से डॉ रितु तथा डॉ रजनी आदि ने बीकानेर में आयोजित राजमाइक्रोकॉन में शिरकत कर अपने अनुभव साझा किये।
डॉ.़ रितु ने अपने उद्बोधन में बताया कि टीबी के जीवाणुओं में एंटीबायोटिक रजिस्टेण्स और नई जांच विधियों के बारे में बताया तो वहीं डॉ रीमा ने एसपरजिलस फंगस द्वारा होने वाली बीमारियों की नवीन जानकारी प्रदान की। डॉ. मालिनी कपूर ने कहा कि एंटीबायोटीक सहित अन्य दवाईयां बिना डॉक्टर्स की सलाह के लेने का प्रचलन बढ़ा है जो कि सही नहीं है मुख्य रूप से एंटीबायोटिक का सेवन तो डॉक्टर की सलाह से ही करना अति आंवश्यक है। 
 
कान्फ्रेस आयोजन समिति की सचिव डॉ. तरूणा ने कहा कि इस कार्यक्रम से रेजिडेंट डॉक्टर्स को नवन जानकारीयां प्राप्त होगी। दो दिवसीय कान्फ्रेस के लिए कुल 150 पंजीकरण प्राप्त हुए जिसमें से 70 पेपर्स की प्रस्तुती की जाएगी। कार्यक्रम के प्रथम दिन के अंत में जैसलमेर से पधारे लतीफ खान एंड पार्टी ने राजस्थानी फॉक गीतों की मनमोहक प्रस्तुती दी।

Comments