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खबरों में बीकानेर 📰
हरेक बीकानेरी पानी-बहाव के रास्तों का संरक्षण करे, वरना...
- मोहन थानवी
हर एक बीकानेरी को अपने-अपने घरों से लेकर गली मोहल्ला बाजारों मुख्य सड़कों और तालाबों तक पानी बहाव के रास्तों को साफ सुथरा रखना चाहिए। ताकि पानी एक जगह इकट्ठा होकर हमारे लिए ही परेशानी का सबब न बने। यह हम सब का दायित्व है। यदि समय रहते हम नहीं चेते तो सोमवार को हुई बारिश की वजह से जो स्थिति बनी ऐसी स्थितियां आने वाले दिनों में और मानसून में आए दिन सामने आती रह सकती है।
पानी निकासी व्यवस्था के प्रति प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, ऐसा लोगों का....
आज फिर 5 सवाल कुलबुला रहे उंगली के निशान पर... नंबर 1 सब कुछ तो तुम कह देते हो कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों हमें तुम...
Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024
आज फिर 5 सवाल कुलबुला रहे उंगली के निशान पर... नंबर 1 सब कुछ तो तुम कह देते हो कुर्सियों पर बैठे हुए लोगों हमें तुम...
Posted by Mohan Thanvi on Wednesday 1 May 2024
हरेक बीकानेरी पानी-बहाव के रास्तों का संरक्षण करे, वरना...
- मोहन थानवी
हर एक बीकानेरी को अपने-अपने घरों से लेकर गली मोहल्ला बाजारों मुख्य सड़कों और तालाबों तक पानी बहाव के रास्तों को साफ सुथरा रखना चाहिए। ताकि पानी एक जगह इकट्ठा होकर हमारे लिए ही परेशानी का सबब न बने। यह हम सब का दायित्व है। यदि समय रहते हम नहीं चेते तो सोमवार को हुई बारिश की वजह से जो स्थिति बनी ऐसी स्थितियां आने वाले दिनों में और मानसून में आए दिन सामने आती रह सकती है।
पानी निकासी व्यवस्था के प्रति प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, ऐसा लोगों का कहना है। साथ ही लोग यह भी कहते हैं कि प्रशासन ऐसे लोगों पर भी सख्ती करे जिनकी वजह से पानी निकासी में बाधा आती है। उदाहरण के लिए कुछ घरों प्रतिष्ठानों के बाहर ऊंचा फर्श बना दिया जाता है। चौकी बना दी जाती है। इससे पानी निकासी का रास्ता बाधित हो जाता है। कुछ गलियों में घरों के बाहर रैंप भी बने हैं जो तंग गलियों में पानी निकासी को प्रभावित करते हैं। कुछ जगह कचरा भी पड़ा होता है जो की पानी के बहाव को बाधित करता है। स्थानीय निवासियों को ऐसी समस्याओं का समाधान अपने स्तर पर तो करना ही चाहिए, प्रशासन को भी अपनी ओर से ऐसी छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाए रखने के हवाले से सख्ती बरतनी चाहिए।
बीकानेर ने बीते दिनों इस गर्म मौसम में अब तक का सर्वाधिक तापमान झेला है। एक दिन पूर्व हल्की बूंदाबांदी भी हुई लेकिन आंधी बहुत तेज चली थी। आज सोमवार 13 मई को शाम 4:00 बजे के आसपास बारिश शुरू हुई। कुछ ही देर में तेज हवाओं के साथ बारिश और तेज हो गई। बारिश के दौरान ओले भी गिरे। घड़ी दो घड़ी हुई इस बारिश से ही शहरी क्षेत्र के कई इलाकों में कुछ परेशानियां सामने आ गई। घड़ी भर की बारिश पानी निकासी की व्यवस्था पर सवाल तो उठा ही गई चेतावनी भी दे गई कि मानसून के दौरान भी यदि ऐसी ही स्थिति रही तो पानी कई जगहों पर घरों तक भी पहुंच सकता है। कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में होने वाली बारिश के कारण सामने आ सकने वाली परेशानियां को यह बारिश इंगित कर गई। ( पंचांग के मुताबिक, एक घड़ी में 60 घटी होती हैं और एक घटी में 60 पल होते हैं. एक पल लगभग आधा मिनट यानी 24 सेकंड के बराबर होता है. यानी, एक घड़ी में करीब 24 मिनट होते हैं. )
बारिश के कारण सबसे बड़ी परेशानी बीकानेर के बीचों बीच से निकलती रेल लाइन पर बने रेल फटक के खराब हो जाने कारण हुई। इसके अलावा इन दिनों जगह-जगह चल रहे सीवर लाइन के काम वाली जगहों पर सड़क किनारे पड़ी मिट्टी बारिश के पानी के साथ मिलकर कीचड़ में बदल गई। ऐसी चिकनी जगह पर वाहन चालकों को तो परेशानी हुई ही पैदल राहगीरों को भी खासी परेशानी झेलनी पड़ी। बारिश क्योंकि तेज आई थी इसलिए एक बारगी सड़कों ने नाली का रूप ले लिया। बहते पानी में कुछ जगहों सड़कों पर बने गड्ढे, कुछ जगह खुद ही पड़ी पाइपलाइन के गद्दे तो कुछ जगह सीवर लाइन के उभरे हुए ढक्कनों वाली जगहों के दिखाई न देने के कारण वाहन चालकों को अच्छी खासी परेशानी झेलनी पड़ी। ऐसी कुछ जगहों पर तो कुछ दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हुए।
करीब करीब पौने घंटे तक हुई बारिश की वजह से पुरानी गिन्नानी सहित शहरी क्षेत्र के निचले इलाकों में शाम गहराने के बाद तक भी पानी पूरी तरह निकल नहीं पाया था। पानी निकासी की लचर व्यवस्था के कारण गली मोहल्ले में भी लोगों को आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ी। बारिश के दौरान बहुत सी जगह पर बिजली आपूर्ति निर्बाध रही लेकिन सड़क किनारे खड़े लोहे के पोल (जिन पर रबड़ भी चढ़े हुए हैं) से करंट की आशंका भी बनी रही।
फड़ बाजार में जहां प्रशासन ने बीते कुछ समय में काफी बजट खर्च करके व्यवस्था सुधारने के साथ-साथ सौंदर्य करण के नाम पर वाहवाही हासिल करने का प्रयास किया था वहां भी बारिश थमने के घंटों बाद तक चलना भी मुश्किल हो गया।
पानी निकासी व्यवस्था के प्रति प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए, ऐसा लोगों का कहना है। साथ ही लोग यह भी कहते हैं कि प्रशासन ऐसे लोगों पर भी सख्ती करे जिनकी वजह से पानी निकासी में बाधा आती है। उदाहरण के लिए कुछ घरों प्रतिष्ठानों के बाहर ऊंचा फर्श बना दिया जाता है। चौकी बना दी जाती है। इससे पानी निकासी का रास्ता बाधित हो जाता है। कुछ गलियों में घरों के बाहर रैंप भी बने हैं जो तंग गलियों में पानी निकासी को प्रभावित करते हैं। कुछ जगह कचरा भी पड़ा होता है जो की पानी के बहाव को बाधित करता है। स्थानीय निवासियों को ऐसी समस्याओं का समाधान अपने स्तर पर तो करना ही चाहिए, प्रशासन को भी अपनी ओर से ऐसी छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाए रखने के हवाले से सख्ती बरतनी चाहिए।
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