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राजस्थानी रामलीला रो 9वैं बरस मंचन सरू घणै उमाव साथै देखण पूग्या मोकळा दरसक






*खबरों में बीकानेर*








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*खबरों में बीकानेर*



राजस्थानी रामलीला रो 9वैं बरस मंचन सरू
 
घणै उमाव साथै देखण पूग्या मोकळा दरसक 

सूरतगढ

राजस्थानी रामलीला री पैली रात री लीला में नारद-मोह, श्रवण - मरण, रावण- नंदी संवाद आद लीलावां नै देख'र दर्शक गळगळा होयग्या। जिण मांय राजा दशरथ रो बाण श्रवण नै लागणो, श्रवण रा आपरै आंधा मायतां नै पाणी ना प्या सकणै रै अणमाप दुख रै साथै पिराण छोडणै री लीला देख'र दर्शकां री आंख्यां छलीजगी। 

श्रवण री मा आ कैय'र दशरथ नै ओ सराप दियो -“कान खोल'र सुण अयोध्या रा राजा, सुण करळाप इण आंधी रो, आंधै रा बोल हो चुक्या पूरा, सुण बिलाप इण आंधी रो। घरधणी री देह किरियाकरम बिन्यां पड़ी, तेरी भी माटी पड़ी रेवै, जद छेकड़लो बगत आवै तेरो।"

 मोट्यार निदेसक उप प्रधानाचार्य राकेश शर्मा, मनोजकुमार स्वामी, विकास सारस्वत रै निर्देसण में राजस्थानी रामलीला रा कलाकारां आपरी सांतरी कला दिखाई। विष्णु-अनिकेत पुरोहित, दशरथ-राकेश शर्मा, श्रवण-रामकुमार पुरोहित, श्रवण रा मायत विनोद ओझइया, 

शंकर गहलोत, इंद्र,कामदेव - तपेश, रावण - मनोजकुमार स्वामी, नंदी - प्रदीप जसूजा, विभीषण-राजेश लाम्बा, कुंभकरण-काळू सैन , ब्रह्मा - संजय बिश्नोई,शिव - विशाल वर्मा, नारद - प्रदीप जसूजा, विश्वमोहिनी - नितिन वर्मा, शीलनिधी - कार्तिक, गणेश - युग औझाईया, पारूल आद आपरी कला रा जौहर दिखाया।

खास बात आ कै राजस्थानी साहित्यकार मनोजकुमार स्वामी री सिरज्योड़ी राजस्थानी रामलीला नै देखण सारू मोकळा दरसक पूग्या अर खूलै हियै सूं मायड़ भासा सारू आपरी हिंवळास दिखाई। इण मौके संस्थान रा अध्यक्ष सत्यनारायण तावणियां, पावणां अर दरसकां रो आभार जतायो।


 लीला रो संचालन रोहितास सारस्वत करियो। सिरै पांवणा अन्तरराष्ट्रीय कोच महावीर सैनी पैली रात री लीला रो उद्धाटन करयो। इण मौके पर महावीर सैनी कैयो आजादी रै पछै राजस्थान रा लोग आपरी मायड़ भासा री मान्यता री मांग नैं लेयर लगोलग संघर्ष करण लाग रैया है। 


इणी कड़ी में लगातार 9 वें वर्ष खेलीजण वाळी विश्व री अेकलपी राजस्थानी रामलीला रो सांतरो मंचन सरू हुयो है जिको घणों सरावणजोग है। राजस्थानी साहित्यकार मनोजकुमार स्वामी री सिरज्योड़ी इण राजस्थानी रामलीला री पांवणा घणी सरावणा करी। 

रामलीला मंचन सारू बणी समिति रा पाटवी सत्यनारायण तावणियां बतायो कै सूरतगढ में भासा री मान्यता नै समर्पित कलाकार आपरै सांतरै अभिनै सूं भगवान श्रीराम री लीला रो मंचन लगोलग दस दिनां तांई करसी। समिति रा वरिष्ठ सदस्य हंसराज भादू केैयो कै केन्द्र अर राज्य सरकार री उदासीनता रै कारण राजस्थानी भासा नैं उणरो सम्मान कोनी मिल्यो।

 राजस्थानी भासा रै इण संघर्ष नै सूरतगढ रा लोग जबरै ढंग सूं देश रा नेतांवां रै सामी राखै। लीला रै मंचन नैं सांतरो रूप देवण सारू मुरलीधर उपाध्याय, अर्जुन जोशी, शिवकान्त, मुकेश तावणिया, बाबूलाल सारस्वत, ओमप्रकाश, संजय गुप्ता, रेवन्त व्यास, 


पृथ्वीराज स्वामी, वैद जगदीश प्रसाद, पूनमचंद पुरोहित, कृष्ण स्वामी, ताराचंद निराणियां, शंकर गहलोत, काळू सैन, पवन तावणिया, विनोद घिंटाळा, पंडित रामेसरलाल, नारायण औझाईया, राकेश शर्मा, रामकुमार पुरोहित, दिनेश पारीक, विनोद शर्मा विकास सारस्वत, प्रदीप जसूजा, विष्णु, टीना आद जणां लाग्योड़ा है।

 



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