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मुख्यमंत्री गहलोत उवाचः - "भूल जाओ, आगे बढ़ो।", ... मानेसर पर, और पायलट के मामले में बोले - सुलह परमानेंट


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मुख्यमंत्री गहलोत उवाचः - "भूल जाओ, आगे बढ़ो।", ... मानेसर पर, और पायलट के मामले में बोले - सुलह परमानेंट 






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मुख्यमंत्री गहलोत उवाचः - "भूल जाओ, आगे बढ़ो।", ... मानेसर पर, और पायलट के मामले में बोले - सुलह परमानेंट 

जयपुर। मानेसर और पायलट के मामलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना मत स्पष्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री गहलोत ने मानेसर मामले पर कहा भूल जाओ और आगे बढ़ो। दूसरी ओर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से संबंधित मामले पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि सुलह परमानेंट है। बताते चलें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से सुलह की कोशिशों के लिए दिल्ली में हुई बैठक पर पहली बार अपना पक्ष रखते हुए कुछ ऐसा ही एक इंटरव्यू में कहा। उनका कहना था - 'पायलट से सुलह परमानेंट है। मीडिया वाले उसे हवा दे देते हैं। राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने हमें बिठाकर बात करा दी है। सभी को प्यार-मोहबत से समझा दिया है। सवाल व्यक्तिगत नहीं, देश का है। आज कांग्रेस देश की जरूरत है।"

 सीएम ने मानेसर मामले को लेकर कहा- 'मैंने सबको माफ कर दिया। जैसलमेर में होटल से निकलते ही मैंने कहा था कि भूल जाओ, आगे बढ़ो।" 

 सीएम ने बताया कि वे पायलट को ढाई साल की उम्र से जानते हैं। यह बात उन्हें
खुद पायलट ने दिल्ली में हुई सुलह बैठक के दौरान बताई। 

पायलट की मांग पर बोले- आरपीएससी कमेटी संवैधानिक, भंग नहीं कर सकते। 


सीएम से पूछा गया था कि पेपर लीक को लेकर पायलट आरपीएससी की पूरी कमेटी को भंग करने की मांग कर रहे हैं। इस पर सीएम ने कहा- वे हमारी पार्टी के सदस्य हैं, इसलिए उनकी बात का ज्यादा वजन हो जाता है। उनकी मांग के बाद हमने पता किया था लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आरपीएससी कमेटी को हम भंग कर दें। यह संवैधानिक मामला है।









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