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केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान बीकानेर का गोल्डन जुबली समारोह कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन




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केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान बीकानेर का गोल्डन जुबली समारोह
कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन



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केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान बीकानेर का गोल्डन जुबली समारोह
कृषक-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन

बीकानेर, 4 अप्रैल। केेन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के बीकानेर मरू क्षेत्रीय परिसर के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मंगलवार को कृषक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बीकानेर जिले और जनजातीय उपक्षेत्र उदयपुर के 350 पशुपालक और किसानों ने इसमें शिरकत की। गोल्डन जुबली समारोह के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के निदेशक डाॅ. धीर सिंह ने कहा कि देश में जलवायु परिवर्तन के दौर में गाय, भेड़ व बकरी आने वाले समय में बहुत महत्वपूर्ण है। 




उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश अनाज उत्पादन 6 गुना और दुग्ध उत्पादन 12 गुना बढ़ा है। अमृत काल के दौर में उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार प्रयत्नशील है। उन्होंने पशुपालकों का आह्वान किया कि वैज्ञानिक पद्वतियाँ अपनाकर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से डेयरी उत्पादों की बड़ी उत्पादन इकाईयां लगाकर विपणन कार्य करें क्योंकि राजस्थान आज दुग्ध उत्पादन में अव्वल है।


 केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के निदेशक डाॅ. अरुण कुमार तोमर ने कहा कि भेड़ और बकरी पालन विपरीत जलवायु परिस्थितियों में किसानों और पशुपालकों के लिए वरदान सिद्व हुआ है। भेड़ एक पांच सितारा पशु है जिससे ऊन, खाद, दूध, मांस और गलीचे तैयार होते हैं। बीकानेर में राज्य की तीन मगरा, चोकला, और मारवाड़ी नस्ल की श्रेष्ठ नस्लों का संवद्र्वन और विकास-अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा भेड़पालन से आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, खेत और ग्रामीण स्तर पर भी आयोजित किये जाते है।



समारोह में मरू क्षेत्रीय परिसर के 50 वर्षों के पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 50 वर्षाें पर पुस्तिका और मगरा एवं चोकला भेड़ पर वैज्ञानिक फोल्डर का विमोचन किया गया। अतिथियों ने वीरेन्द्र कुमार लून, सत्यनारायण और किशन सिंह को प्रगतिशील पशुपालन के रुप में सम्मानित किया। इसके अलावा संस्थान के डाॅ. आशीष चैपड़ा, मदन लाल और शंशाक जैन को उत्कृष्ठ कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र एवं अभय कुमार को उनकी 25 वर्षों की सेवा के लिए प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया।

 संगोष्ठी में आई.सी.ए.आर के बीकानेर स्थित अनुसंधान संस्थानों के निदेशक डाॅ आर्तबंधु साहु, डाॅ जगदीश राने सहित संस्थान के पूर्व प्रमुख रहे वैज्ञानिक, अधिकारीगण भी मौजूद थे। प्रारम्भ में निदेशक धीर सिंह ने विभिन्न अनुसंधान संस्थानों/संस्थाओं और कृषि व पशुपालन के विपणन की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

 मरूक्षेत्रीय परिसर की प्रमुख डाॅ निर्मला सैनी और आई बी कुमार ने सभी का आभार जताया।

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