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दो जनों को ट्राइसाइकिल, 7 महिलाओं को सिलाई मशीनें व 30 बच्चों को विद्यालय पोशाक वितरित की गई सद्भावना दिवस के रूप में मनाई स्व. रामरतन कोचर की 41वीं पुण्यतिथि *संघ, समाज व देश के लिए समर्पित रहे स्व. कोचर : डॉ. कल्ला*













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दो जनों को ट्राइसाइकिल, 7 महिलाओं को सिलाई मशीनें व 30 बच्चों को विद्यालय पोशाक वितरित की गई
सद्भावना दिवस के रूप में मनाई स्व. रामरतन कोचर की 41वीं पुण्यतिथि
*संघ, समाज व देश के लिए समर्पित रहे स्व. कोचर : डॉ. कल्ला*



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दो जनों को ट्राइसाइकिल, 7 महिलाओं को सिलाई मशीनें व 30 बच्चों को विद्यालय पोशाक वितरित की गई
सद्भावना दिवस के रूप में मनाई स्व. रामरतन कोचर की 41वीं पुण्यतिथि
*संघ, समाज व देश के लिए समर्पित रहे स्व. कोचर : डॉ. कल्ला*
बीकानेर। अनुशासन और अपनी कर्मठता के रूप में पहचाने जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्व. रामरतन कोचर ने अपनी पत्रकारिता से उस समय सरकार तक को प्रभावित किया था। यह उद्गार शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने स्व. रामरतन कोचर की 41वीं पुण्यतिथि पर नोखा रोड स्थित कोचर सर्किल पर आयोजित सद्भावना दिवस एवं रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कल्ला ने कहा कि सुभाषचन्द्र बोस की प्रेरणा को मानने वाले तथा गांधीजी के अनुयायी स्व. कोचर द्वारा बीकानेर में मलेरिया महामारी के समय जरुरतमंदों को दवाइयां देना तथा अनाज की आपूर्ति करवाने का भी सेवा कार्य किया गया। डॉ. कल्ला ने बताया कि स्व. रामरतन कोचर ने अकाल के समय राजस्थान रिलीफ सोसायटी का गठन कर किसानों व ग्रामीणों के लिए तन-मन-धन से कार्य किया। यही कारण है कि वे जनमानस में आज भी लोकप्रिय हैं और भाईजी के नाम से जाने जाते हैं। डॉ. कल्ला ने कहा कि भाईजी खादी पहनते थे और कहते थे कि खादी मात्र एक कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है। 
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री श्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि स्व. रामरतन कोचर के उच्च जीवन मूल्य स्थापित किए। युवाओं को उनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी स्मृति में सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रम करना, उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। 
पुण्यतिथि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि स्व. कोचर द्वारा किए गए आज मील के पत्थर साबित हो रहे हैं। उनके गुण जिन्दा हैं, वो हमेशा अमर हैं। व्यक्ति मर सकता है लेकिन व्यक्तित्व नहीं मरता। 
 समारोह के मुख्य वक्ता डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम ने कहा कि स्व. कोचर की विद्वता आज भी ऊर्जा का संचरण करती है। उनकी स्मृति में जरुरतमंदों को सिलाई मशीनें, ट्राई साइकिल व विद्यार्थियों को पौशाक वितरित कोचर परिवार स्व. कोचर को वास्तविक श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। इससे पूर्व धर्मचन्द जैन ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा मगन कोचर ने स्वागत गीत एवं प्रार्थना की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन सरोज कोचर, जितेन्द्र कोचर व सुमित कोचर ने किया। आगन्तुकों का आभार विजय कोचर ने व्यक्त किया।
*यह हुए सेवा कार्य*
राजाराम व भीखाराम दोनों को ट्राइसाकिल वितरित की गई। सेवा के इसी क्रम में सात जरुरतमंद महिलाओं रहमत बानो, बबीता बोथरा, चन्दू देवी, गुड्डी, प्रेम बाई, रजिया बानो व मुमताज को सिलाई मशीनें वितरित की गई तथा 30 बच्चों को विद्यालय पौशाक भेंट की गई।
*पत्रकार शेखावत का हुआ सम्मान*
स्व. रामरतन कोचर स्मारक समिति के संतोष जैन ने बताया कि देश के जाने-माने पत्रकार प्रदीप कुमार शेखावत को 21000/- रुपए नगद राशि, शॉल, साफा, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र के साथ रामरतन कोचर स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रद्धा मणोत ने शेखावत का तिलक लगाकर स्वागत किया। इस दौरान शेखावत द्वारा कलम के माध्यम से किए गए क्रांतिकारी कार्यों का भी उल्लेख किया गया।
*स्व. कोचर पर माँ, महात्मा व परमात्मा की कृपा रही*
प्रखर व्याख्यात्री सरलमना श्री चंदनबाला श्रीजी म.सा ने मंगलवाणी के साथ स्व. रामरतन कोचर को श्रद्धांजलि अर्पित की। साध्वीश्री चंदनबालाजी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो संघ, समाज, देश के लिए अपनी धड़कन को कुर्बान कर देते हैं और ऐसे ही भाग्यशाली दुनिया में अमर हो जाते हैं। कर्मठ कार्यों की बदौलत ही स्व. कोचर 41 वर्षों बाद भी लोगों के हृदय में विराजित हैं। गांधीवादी विचारों और सादा जीवन उच्च विचारों वाले स्व. कोचर पर परम पूज्य विजय वल्लभ गुरु की कृपा रही। माँ, महात्मा व परमात्मा की कृपा पाने वाले स्व. कोचर की पीढिय़ां भी साधुवाद की पात्र हैं जो उनकी स्मृति में धर्म व सेवा कार्यों में निरन्तर अग्रणी रहते हैं।
*इन्होंने किया स्वागत*
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत वल्लभ कोचर, जानकीनारायण श्रीमाली, इंद्रमल सुराणा, महावीर सिंह खजांची, रामेश्वर चौधरी, जयचंदलाल डागा, बसंत नौलखा, सुरेन्द्र जैन बद्धानी, गुलाम मुस्तफा, कन्हैयालाल बोथरा, सुशील कुमार, मेघराज बोथरा, लोकेश शेखावत, किशोर कोचर, चंद्रकुमार कोचर, हजारी देवड़ा, भगवतीप्रसाद पारीक, रमेश शर्मा द्वारा किया गया तथा साध्वी चंदनबाला श्रीजी को कोचर परिवार की महिलाओं द्वारा कांबली ओढ़ाई गई।
*इन्होंने अर्पित की श्रद्धांजलि*
डॉ. भीम राव अंबेडकर फाउंडेशन के महानिदेशक मदनगोपाल मेघवाल, सुनीता गौड़, सुषमा बारुपाल, चम्पालाल बारुपाल, रामनिवास गोदारा, प्रो. टीके जैन, डॉ. पीएस वोहरा, किशोर बांठिया, सुरेन्द्र सिंह भाटी, राजेश भोजक, राजेन्द्र चौधरी, सुनील बोड़ा, सुशील सुथार, गोरधनलाल मीणा, राजाराम जांगू, हनुमान कामरेड, साजिद भुट्टो, प्रफुल्ल हटीला, सांगीलाल वर्मा, आत्माराम मेघवाल, राजेन्द्र जोशी, मदन सिहाग, राजेन्द्र स्वामी, रामदयाल बिश्नोई, कालूराम, सुनील सारस्वत, डॉ. राजेन्द्र मूण्ड, मुमताज शेख, निर्मल गहलोत, नथमल जाखड़, नरेन्द्र सुराणा, गजेन्द्र सिंह सांखला, हीरालाल गोलछा, गिरिराज खैरीवाल, गिरिराज सेवग, पवन बोथरा, पारस कोचर, सोहन चौधरी, साजिद सुलेमानी, जाकिर नागौरी, अता हुसैन कादरी, हाजी मोहम्मद असलम, अकरम नागौरी, एडवोकेम असलम, एडवोकेट श्मशाद, एडवोकेट अशरफ उस्ता, श्याम चांडक, आनन्द सिंह सोढा, अनवर अजमेरी, मुमताज शेख, मुमताज बानो, श्रीलाल व्यास, अरुण यादव, अशोक कच्छावा, विकास जैन, नवरतन सेठिया, रतनलाल नाहटा, भीखमचंद बरडिय़ा, मानमल सेठिया, हेमन्त सिंगी, संजय कोचर, मनोज बजाज, राहुल जादुसंगत, मनोज चौधरी, जयदीपसिंह जावा ने श्रद्धांजलि अर्पित की।


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