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इंद्रधनुषी-काव्य-रंगों से सराबोर रही राष्ट्रीय कवि चौपाल की 392 वीं साहित्य सभा





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*खबरों में बीकानेर*

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इंद्रधनुषी-काव्य-रंगों से सराबोर रही राष्ट्रीय कवि चौपाल की 392 वीं साहित्य सभा 

बीकानेर 11दिसम्बर 2022
राष्ट्रीय कवि चौपाल की 392 वीं साहित्य सभा साहित्य सृजक को समर्पित रही,कार्यक्रम का शुभारंभ श्री महेश बड़गुजर ने सरस्वती वंदना से शुभारंभ किया, सरदार अली पड़िहार ने मन तो भटका खाए,दुख मत कर रे, नेमचन्द गहलोत ने झोड़ नहीं, झंझट नहीं फिर कोई संकट नहीं, शिव प्रकाश सौलंकी ने तालाबंदी चलते देश घरों में कैद हो गया,श्री मती इंद्रा व्यास ने प्रीत पांगळी गुंगी बहरी नीं सुणे, शिवप्रकाश दाधिज ने ले मौत मैं तो अपनी जिंदगी तेरे नाम कर दिया गया है, सरोज भाटी ने पहले अपनी औकात तो देख लो, सैनिकों की बात बाद में करना, राजू लखोटिया ने पल पल दिल के पास तूम रहती हो बांसुरी धुन सुनाकर सभा का मन मोह लिया 
रामेश्वर साधक ने भला जलते दीप की कदर,कोई क्यों करे.., कपिला पालीवाल ने तेरी तरह हमको अपने अरमान जलाना नहीं आता, डा. कृष्ण लाल जी विश्नोई ने इंया तो कवै है मौत बूढा बडेरा नै आवै, किशननाथ खरपतवार ने गाओ कोई ऐसा छंद, आए सबको पसंद, महबूब अली ने साची बातां कहता है महबूब, कृष्णा वर्मा ने कल बाजार में एक दुकान पर लगी नई कतार, हरिकिशन व्यास ने बदल जाएंगे अश्क धोरों में, शमीम अहमद ने जो कुछ लोग खास होते है हर वक्त पास होते हैं साहित्य सदन की दाद बटोरी 
कैलाश चारण ने, ओ तो जग झूूटों रे संसार, लीलाधर सोनी ने माण दे दो रै मायड़ भाषा नै म्हारो राजस्थान, सुरेश अम्बेडकर ने छोटी सी जिंदगी है हर बात में खुश रहो कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल बमचकरी ने किया, ओम प्रकाश भाटी ने आभार व्यक्त किया, विलक्षण सरस्वती सभा में कई सुधिजन उपस्थित रहे। 








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