खबरों में बीकानेर
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महासती चंदन बाला के जीवन आदर्शों के नाटक का मंचन
दर्शकों ने आधुनिक दृृश्य-श्रव्य माध्यम की प्रस्तुति को सराहा
कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष प्रवचन
भगवान महावीर की सवारी निकलेगी
बाल शिक्षण शिविर के बच्चों का अभिनंदन
बीकानेर, 6 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ की साध्वीश्री सौम्यप्रभा,सौम्यदर्शना, अक्षय दर्शना व परमदर्शना के सान्निध्य में शनिवार को कोचरों के चैक में भगवान महावीर की प्रथम शिष्या महासती चंदन बाला के जीवन आदर्शों, त्याग, तप व जिन शासन में समर्पण पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। भव्य मंच, आधुनिक दृृश्य व श्रव्य साधनों का उपयोग, कथानक के अनुसार मंच में रोशनी, पाश्र्व चित्रण परिदृृश्यों में दर्शक करीब ढाई घंटे तक खोए रहे। भगवान महावीर व अन्य तीर्थंकरों के समय की 16 प्रमुख साध्वियों के जीवन आदर्शों का साक्षात्कार न्ृत्य नाटिका से करवाया गया। नाटक का निर्देशक वरिष्ठ रंगकर्मी,रंग निर्देशक, कोरियोग्राफर व नर्तक डाॅ.श्रेयांस जैन किया।
बीकानेर में पहली बार मंचित हुए इस भव्य नाटक में 50 से अधिक मोहल्लेवासियों, युवक-युवतियों व बच्चों ने प्रभावी वेशभूषा, प्रकाश प्रभाव के साथ प्रस्तुतियां दी।
नाटक में बताया गया कि जैन धर्म के इतिहास में 16 प्रमुख सतियों में महासती चंदनबाला अग्रिम स्थान रखती है। चंदनबाला ज्ञानवती, गुणवती एवं तपस्विनी थी। चंपा नरेश महाराज दधिवाहन और महारानी धारिणी की पुत्री वसुमति अर्थात चंदनबाला ने दीक्षा ग्रहण करने के पश्चात भगवान महावीर द्वारा परिवर्तित साध्वीसंघ की प्रथम साध्वी बनी और 36000 साध्वियों के संघ की साध्वी प्रमुख बनी। राजा की पुत्री होने के बावजूद पूर्व जन्मों के कर्म बंधन के कारण उन्हें अनेक कष्ट व तकलीफों का सामना करना पड़ा। देव,गुरु व धर्म के प्रतिनिष्ठा के कारण भयंकर कष्ट सहने के बावजूद भगवान महावीर ने स्वयं उनके स्थान पर जाकर भीक्षा ली तथा उसका उद्धार कर संयम मार्ग पर अग्रसर किया। नाटक में गीत, संगीत और हर परिदृृश्य और संवाद दर्शकों को जैन धर्म के आदर्शों, महासती चंदनबाला के जीवन की घटनाओं, परिस्थितियों से साक्षात्कार करवा रहे थे।
नाटक में भगवान महावीर का सुमित कोचर, चंदन बाला का प्रियंका चोरड़िया व राखी कोचर, दधिवाहन राजा का संजय कोचर, धारिणी रानी का संगीता कोचर ने प्रभावी किरदार निभाया । वहीं अन्य पात्रों में पल्लवी सुराणा, नवीन कोचर, वीणा कोचर, अशोक कोचर, अनु कोचर, सुमित कोचर, मधु नाहटा,प्रिन्सी कोचर, कोमल व मानसी कोचर आदि ने अपनी भूमिका को प्रभावी तरीके से निभाया।
बाल शिक्षण शिविर के बच्चों का अभिनंदन
बीकानेर, 6 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ की साध्वीश्री सौम्यप्रभा,सौम्यदर्शना, अक्षय दर्शना व परमदर्शना के सान्निध्य में रविवार को रांगड़ी चैक की तपागच्छीय पौषधशाला में बाल शिक्षण शिविर में प्रतिक्रमण, गुरुवंदना, सामयिक सूत्र व परमात्मा की पूजा करने वाले बच्चों का अभिनंदन किया गया। साध्वीवृृंद चातुर्मासिक चतुर्दशी पर सोमवार को देववंदन करेंगी तथा सामूहिक प्रतिक्रमण करवाएंगी।
भगवान महावीर की सवारी निकलेगी, जैन मुनियों व साध्वियों का चातुर्मास का समापन आज
बीकानेर, 6 नवम्बर। आषाढ़ सुदी चतुर्दशी से प्रारंभ हुए जैन धर्म के मुनियों व साध्वीवृृंद के चातुर्मास का समापन पर सोमवार को होगा। मंगलवार से साधु-साध्वीवृृंद अपना स्थान परिवर्तन करेंगे। मंगलवार को बैदों के महावीरजी के मंदिर से भव्य भगवान की सवारी की शोभायात्रा निकलेगी। श्री जैन श्वेताम्बर महावीर स्वामी मंदिर ट्रस्ट बोर्ड के तत्वावधान में सुबह साढ़े नौ बजे निकलने वाली शोभायात्रा की तैयारियां विभिन्न भजन मंडलियां व ट्रस्ट कर रहे है।
श्री जैन श्वेताम्बर महावीर स्वामी मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक बैदों के चौक के भगवान महावीरजी के प्राचीन मंदिर से शोभायात्रा रवाना होकर विभिन्न जैन बहुल्य मोहल्लों से होते हुए गंगाशहर रोड की पाश्र्वचन्द्र सूरिश्वर दादाबाड़ी पहुंचेगी जहां एक दिन भगवान की सवारी की शोभायात्रा का पड़ाव रहेगा। बुधवार को दादाबाड़ी में पंच कल्याणक पूजा होगी। दादाबाड़ी से 10 नवम्बर को सुबह साढ़े नौ बजे वापस भगवान महावीर की सवारी रवाना होकर जैन समाज के विभिन्न मोहल्लों में ठहराव करते हुए बैदों के मंदिर में पहुंचकर संपन्न होगी। भगवान महावीर की सवारी में विभिन्न भजन मंडलियां भजन प्रस्तुत करेंगी। कोचर मंडल, वीर मंडल, महावीर मंडल,आदिश्वर मंडल आदि की भजन मंडलियां फिल्मी व राजस्थानी तर्जों पर आधारित भक्ति गीतों की तैयारियां कर रही है।
बीकानेर व कोलकाता में कार्तिक पूर्णिमा पर सिद्धाचल जी की यात्रा निकलती है। बीकानेर में भगवान महावीर की सवारी शोभायात्रा 259 वर्षों से निरंतर निकल रही है। शोभायात्रा में भगवान महावीर के जीवन आदर्शों से संबंधित चित्र, रथ, सजे संवरे, ऊंट व घोड़े, बैंड पार्टियां व भजन मंडलियां शामिल होगी।
साध्वीश्री मृृगावती, सुरप्रिया व नित्योदया का
हुआ विदाई समारोह, कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष प्रवचन आज
बीकानेर, 6 नवम्बर। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वीश्री मृृगावती, बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुरप्रिया, व नित्योदया का विदाई व कृृतज्ञता समारोह रविवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में हुआ। समारोह में पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा विभिन्न सेवाएं देने वालों का अभिनंदन किया गया। साध्वीवृृंद सोमवार को सुबह सवा नौ बजे कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष प्रवचन करेंगी।
साध्वीश्री मृगावती ने प्रवचन में कहा कि चातुर्मास के दौरान धर्म-ध्यान, साधना व आराधना तथा भक्ति को ंअपने जीवन में निरन्तर कायम रखे। चातुर्मास के दौरान बोए गए धर्म के बीज को विशाल वृृक्ष के बनाने के लिए सर सब्ज बनाएं । इस अवसर पर श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट, श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ चातुर्मास व्यवस्था समिति की ओर से साध्वीश्री मनोहर श्री की स्मृृति में प्रकाशित पुस्तिका ’’श्री शत्रुंजय शंखेश्वर मनोहर मय भाव यात्रा’’ का लोकार्पण किया गया।
औरों से हटकर सबसे मिलकर

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